Move to Jagran APP

तिकड़ी में किसका खुलेगा नसीब और किसकी डूबेगी नैया

-पिछले विधानसभा की तुलना में इस बार कम हुआ मतदान जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी इस बार के राज्य

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 10:55 PM (IST)
तिकड़ी में किसका खुलेगा नसीब और किसकी डूबेगी नैया
तिकड़ी में किसका खुलेगा नसीब और किसकी डूबेगी नैया

-पिछले विधानसभा की तुलना में इस बार कम हुआ मतदान

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इस बार के राज्य विधानसभा चुनाव में राज्य सत्ताधारी तृणमूल का मुख्य मुकाबला भाजपा से है। राजनीतिक के तिकड़ी क्या गुल खिलाएगी, इसके लिए दो मई तक का इंतजार करना होगा। बल्कि इस बार के चुनाव में इन तीनों की साख भी दांव पर लगी हुई है। पांचवे चरण के तहत दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिले में मतदान शांतिपूर्ण ही हुआ। उम्मीदवारों का नसीब अर्धसैनिक बलों के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में स्ट्रांग रुम में बंद हो गया है। किसका नसीब खुलेगा और किसकी डूबेगी नैया, यह तो दो मई को ही पता चलेगा। वहीं दूसरी ओर इस बार सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा और डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा में मतदान प्रतिशत पिछले बार की तुलना में कम है। फिर भी 86.2 प्रतिशत के साथ फांसीदेवा जिले में अव्वल रहा।

सिलीगुड़ी से संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार

अशोक नारायण भंट्टाचार्य वर्ष 1996 से 2011 तक लगातार तीन बार सिलीगुड़ी से विजयी हुए। वर्ष 2011 के ममता लहड़ में सिलीगुड़ी में 81.3 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिसमें से 48.1 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से डॉ. रुद्रनाथ भंट्टाचार्य ने अशोक को मात दी थी। इसके बाद वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में सिलीगुड़ी के मतदाताओं ने फिर से 81.7 प्रतिशत मतदान कर इतिहास रचा। और 47.2 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से अशोक भंट्टाचार्य ने तृणमूल उम्मीदवार बाइचुंग भूटिया को मात देकर सिलीगुड़ी विधानसभा पर फिर से कब्जा जमाया। जबकि इस बार संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार अशोक भंट्टाचार्य की मुख्य लड़ाई तीस वर्षो से युवा साथी भाजपा उम्मीदवार शंकर घोष और तृणमूल उम्मीदवार ओम प्रकाश मिश्रा से है।

माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधानसभा पर कांग्रेस के धाकड़ नेता शंकर मालाकार वर्ष 2011 से कब्जा जमाए हुए हैं। वर्ष 2011 में माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी में 84.8 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें 45.2 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से विधायक निर्वाचित हुए। वहीं वर्ष 2016 में कुल 86.1 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें से 42 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से तृणमूल अमर सिन्हा को हराकर शंकर मालाकर दूसरी बार भी काबिज रहे। इस बार इनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार आनंदमय बर्मन और तृणमूल के राजेन सुनदास से है।

शंकर मालाकार की भांति सुनील तिर्की भी वर्ष 2011 से फांसीदेवा के विधायक बने हुए हैं। वर्ष 2011 में फांसीदेवा में कुल 87.5 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें से 42.6 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से सुनील तिर्की विधायक निर्वाचित हुए। वहीं वर्ष 2016 में फांसीदेवा के मतदाताओं ने 88.2 प्रतिशत रिकॉर्डतोड़ मतदान किया। जिसमें से 41 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से दूसरी बार भी विधायक काबिज रहे। इस बार इनका मुकाबला तृणमूल उम्मीदवार छोटन किस्कू और भाजपा उम्मीदवार दुर्गा मुर्मू से है। वर्ष 2006 में माकपा के टिकट पर चुनाव लड़े और 50.2 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से विधायक निर्वाचित हुए। इस वर्ष फांसीदेवा में 84.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान प्रतिशत के आंकड़े को देखे तो फांसीदेवा के मतदाताओं ने वर्ष 1996 में ही 82 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर इतिहास रच दिया था। इस बार भी फांसीदेवा में मतदाताओं का उत्साह पूरे जिले में अव्वल है।

इधर, वर्ष 2011 के ममता लहड़ में जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा केंद्र में 83.5 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें से 48.3 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से गौतम देव विधायक निर्वाचित होकर ममता कैबिनेट में शामिल हुए। वर्ष 2016 में डाबग्राम-फूलबाड़ी में 85.8 प्रतिशत मतदान किया। जिसमें से 48.2 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन से गौतम देव ने माकपा उम्मीदवार दिलीप सिंह को मात देकर दोबारा काबिज हुए। इस बार इनका मुकाबला संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार दिलीप सिंह और भाजपा उम्मीदवार शिखा चटर्जी से है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.