चीनी रक्षा मंत्रालय का बयान भारत हालात को भाग्य के भरोसे मानकर न चले
डोकलाम मामले पर चीन का कठोर रुख दर्शाते हुए रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता वू कियान ने कहा अपनी संप्रभुता को बनाए रखते हुए चीन किसी भी मसले को सुलझा सकता है।
बीजिंग, प्रेट्र/रायटर । भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दौरे से ठीक पहले चीन ने फिर से आक्रामक तेवर दिखाते हुए दबाव बनाने की कोशिश की है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि देश के सुरक्षा हितों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी। चीन की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। रक्षा मंत्रालय का यह बयान सिक्किम के नजदीक डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच एक महीने से बने गतिरोध के माहौल में आया है।
डोकलाम मामले पर चीन का कठोर रुख दर्शाते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि अपनी संप्रभुता को बनाए रखते हुए चीन किसी भी मसले को सुलझा सकता है। लेकिन वह अपने सुरक्षा हितों के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। भारत हालात को भाग्य और अव्यावहारिक स्थिति के भरोसे मानकर न चले। पहाड़ों को हिलाना आसान है लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) के इरादों को हिला पाना नामुमकिन है। वू ने भारत से अनुरोध किया कि वह डोकलाम में हुई अपनी गलती में सुधार करे और सेना को वहां से वापस बुलाए।
प्रवक्ता ने कहा, चीनी सेना ने डोकलाम में सभी जरूरी कदम उठाए हैं। वह इलाके में अपनी तैनाती भी बढ़ाती जा रही है। इसलिए भारत अपना भड़काने वाला कदम वापस खींचे और चीन के साथ मिलकर इलाके की शांति को बनाए रखने में सहयोग करे।
चीनी रक्षा मंत्रालय की ओर से यह बयान भारतीय सुरक्षा सलाहकार के 27 और 28 जुलाई के दौरे से ठीक पहले आया है। वह बीजिंग में ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में हिस्सा लेंगे। उसी दौरान उनकी चीनी समकक्ष यांग जीची से डोकलाम मसले पर वार्ता होगी। चीन ने इसे आधिकारिक वार्ता नहीं माना है। उसका कहना है कि डोकलाम से भारतीय सेना की वापसी से पहले दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक वार्ता नहीं हो सकती है।