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चाय की नीलामी की प्रक्रिया में हो रहा है बदलाव, तैयार हो रहा एप्प व सॉफ्टवेयरः एके राय

चाय की नीलामी में हर इच्छुक भाग ले सके, इसके लिए पूरी प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। ज्यादा संभावना है कि इस वर्ष के मध्य से नई प्रक्रिया के तहत नीलामी होने लगेगी।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 10:17 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 10:17 AM (IST)
चाय की नीलामी की प्रक्रिया में हो रहा है बदलाव, तैयार हो रहा एप्प व सॉफ्टवेयरः  एके राय
चाय की नीलामी की प्रक्रिया में हो रहा है बदलाव, तैयार हो रहा एप्प व सॉफ्टवेयरः एके राय
  • बटलीफ की गुणवत्ता जांच के लिए लगाई जाएगी क्वॉ लिटी काउंट मशीन

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  • दक्षिण भारत और उत्तर बंगाल के चाय उद्यमियों के बीच की जाएगी बैठक

सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। टी बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन एके राय ने कहा कि चाय की नीलामी में अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें, इसके लिए इस प्रक्रिया में बदलाव करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए एक नया एप व सॉफ्टवेयर तैयार किए जा रहा है। वे सिलीगुड़ी स्थिति टी-ऑक्शन कार्यालय परिसर में आयोजित लघु उद्योग भारती के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ऑक्शन प्रक्रिया में बदलाव के बाद इसमें कुछ नयापन आएगा। उम्मीद है नया सिस्टम इस वर्ष के मध्य तक शुरू हो जाएगा। इसकी शुरुआत असम के जोरहाट ऑक्शन सेंटर शुरू होगी। बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि इस प्रक्रिया के शुरू हो जाने से अधिक से अधिक लोग शामिल हो सकेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी को दो पैकेट ही किसी खास वेयर हाउस की चाय की जरूरत होती थी, नियमों की जटिलता के चलते वे भाग नहीं ले सकते थे। नीलामी प्रक्रिया में बदलाव के बाद इस तरह की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के चाय उद्यमियों की बैठक सिलीगुड़ी में कराने का भी विचार किया जा रहा है, ताकि एक-दूसरे से अनुभवों को शेयर कर सकें।
चेयरमैन ने देश की चाय की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि रूस जैसे देश में कहा जाता है कि भारत की चाय पहले अच्छी थी। सवाल यह है कि जब पहले अच्छी थी तो अब क्यों नहीं है। नेपाल जैसे देश में बेहतर क्वालिटी की चाय का उत्पादन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बटलीफ की गुणवत्ता की जांच के लिए क्वॉलिटी काउंट मशीन लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस पर खड़गपुर आइआइटी में काम हो रहा है। इस मशीन के माध्यम से जिस क्वालिटी की पत्ती रहेगी, उस हिसाब से बटलीफ ग्रोवर को उसके पैसे मिलेंगे, साथ ही चाय की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। डुवार्स में प्रयोग के तौर अगले कुछ महीनों में इसकी टेस्टिंग की जा सकती है।  


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