अनारस के धागे से बने गुलूबंद से स्वागत होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का
बाजार में शीघ्र ही बनारसी साड़ी की ही तरह अनारसी साड़ी भी आपको मिलेगी। इसे अनारस के धागों से तैयार किया जा रहा है...।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 08:00 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। बनारसी साड़ी का नाम तो हम-आपने काफी सुना है व इसे देखा भी है। मगर, क्या कभी अनारसी साड़ी को देखा है या इसका नाम सुना है? नहीं न। कोई बात नहीं। अब जल्द ही बाजारों में अनारसी साड़ी भी दिखने लगेगी। हम-आप सब इससे रू-ब-रू होंगे। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चूड़ाभंडार में स्वागत भी अनारस के धागों से बने उत्तरीयो (गुलूबंद) के किया जाएगा।
सिलीगुड़ी महकमा के फांसीदेवा प्रखंड अंतर्गत बिधान नगर के अनारस किसानों ने यह खास पहल की है। इलाके की 42 महिलाओं ने विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर अनारस के रेशों से धागा बनाकर उससे साड़ी बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस नई अनोखी साड़ी को अनारसी का नाम दिया गया है। इन महिलाओं ने अनारस के रेशों से बने धागों से केवल साड़ी ही नहीं बल्कि सलवार-कमीज, खादा (नेपाली व गोरखा संस्कृति का स्वागत गुलूबंद) और उत्तरीयो (बंगाली संस्कृति का स्वागत गुलूबंद) आदि वस्त्र भी बनाया है। अब बड़े स्तर पर इसके विपणन की तैयारी है।
बिधान नगर के अनारस किसानों को अत्याधुनिक पद्धति से वैज्ञानिक खेती सिखा कर अनारस उत्पादन को नई बुलंदी प्रदान करने वाले अनारस किसान अरुण मंडल इस नई उत्पादन क्रांति के जनक हैं। इसके साथ ही वे नॉर्थ बंगाल पाइन एप्पल ग्रोवर्स एसोसिएशन के संस्थापक भी हैं। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द अनारसी साड़ी व अन्य अनारसी वस्त्रों का वृहद विपणन करने की कवायद में ही हमलोग जुटे हुए हैं।
इस नए अनोखे अनारसी वस्त्र के उपयोग का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू कराए जाने को लेकर हम लोग तत्पर हैं। आठ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी जलपाईगुड़ी के मयनागुड़ी अंतर्गत चूड़ा भंडार इलाके में जनसभा करने आने वाले हैं। वहीं पर उन्हें अनारसी उत्तरीयो भेंट कर हम लोग इस नए वस्त्र के उपयोग का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए हम लोगों ने बिधान नगर के अनारस के रेशों से उत्पन्न धागों से विशेष उत्तरीयो बनाया है।
सिलीगुड़ी महकमा के फांसीदेवा प्रखंड अंतर्गत बिधान नगर के अनारस किसानों ने यह खास पहल की है। इलाके की 42 महिलाओं ने विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर अनारस के रेशों से धागा बनाकर उससे साड़ी बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस नई अनोखी साड़ी को अनारसी का नाम दिया गया है। इन महिलाओं ने अनारस के रेशों से बने धागों से केवल साड़ी ही नहीं बल्कि सलवार-कमीज, खादा (नेपाली व गोरखा संस्कृति का स्वागत गुलूबंद) और उत्तरीयो (बंगाली संस्कृति का स्वागत गुलूबंद) आदि वस्त्र भी बनाया है। अब बड़े स्तर पर इसके विपणन की तैयारी है।
बिधान नगर के अनारस किसानों को अत्याधुनिक पद्धति से वैज्ञानिक खेती सिखा कर अनारस उत्पादन को नई बुलंदी प्रदान करने वाले अनारस किसान अरुण मंडल इस नई उत्पादन क्रांति के जनक हैं। इसके साथ ही वे नॉर्थ बंगाल पाइन एप्पल ग्रोवर्स एसोसिएशन के संस्थापक भी हैं। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द अनारसी साड़ी व अन्य अनारसी वस्त्रों का वृहद विपणन करने की कवायद में ही हमलोग जुटे हुए हैं।
इस नए अनोखे अनारसी वस्त्र के उपयोग का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू कराए जाने को लेकर हम लोग तत्पर हैं। आठ फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी जलपाईगुड़ी के मयनागुड़ी अंतर्गत चूड़ा भंडार इलाके में जनसभा करने आने वाले हैं। वहीं पर उन्हें अनारसी उत्तरीयो भेंट कर हम लोग इस नए वस्त्र के उपयोग का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए हम लोगों ने बिधान नगर के अनारस के रेशों से उत्पन्न धागों से विशेष उत्तरीयो बनाया है।
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