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बीएसएफ ने अब कद्दू के अंदर छिपाकर बांग्लादेश में की जा रही मछली के अंडे की तस्करी पकड़ी

बीएसएफ ने अब कद्दू के अंदर छिपाकर बांग्लादेश में की जा रही मछली के अंडे की तस्करी पकड़ी- उत्तर 24 परगना के गोलपारा सीमा चौकी इलाके में जवानों ने तस्करी को किया नाकाम

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 03:11 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 03:11 PM (IST)
बीएसएफ ने अब कद्दू के अंदर छिपाकर बांग्लादेश में की जा रही मछली के अंडे की तस्करी पकड़ी
बीएसएफ ने अब कद्दू के अंदर छिपाकर बांग्लादेश में की जा रही मछली के अंडे की तस्करी पकड़ी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा इलाके में तस्करों के किसी भी हथकंडे को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कामयाब नहीं होने दे रही। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सजग जवानों ने अब कद्दू (कुम्हर) के अंदर मछलियों के अंडे/बीज (फिश बॉल) छिपाकर इच्छामती नदी के रास्ते बांग्लादेश में की जा रही तस्करी पकड़ी है।

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यह घटना उत्तर 24 परगना जिले के हासनाबाद क्षेत्र में गोलपाड़ा सीमा चौकी इलाके की है, जहां तैनात 85वीं बटालियन के जवानों ने रविवार शाम में इसे नाकाम किया। इससे पहले बीते 5 जून को इसी बटालियन के जवानों ने गोलपारा इलाके में ही मरे हुए पशुओं के पेट के अंदर मछली के अंडे (फिश बॉल) छिपाकर इच्छामती नदी के रास्ते बांग्लादेश में की जा रही तस्करी को विफल किया था।

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि रविवार शाम करीब 5:10 बजे बीओपी गोलपारा इलाके में गश्ती दल ने इच्छामती नदी में पानी के ज्वार के प्रवाह के साथ 3 कद्दू को बहते हुए देखा। शक होने पर बोट से नदी में पेट्रोलिंग कर रहे जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 500 मीटर पहले भारत के इलाके में कद्दू को अपने कब्जे में ले लिया। इसे खोला गया तो इसमें से तीन फिश बॉल (मछली के अंडों से भरे छोटे आकार के पॉलिथीन के पैकेट) बरामद किया गया। जब्त फिश बॉल का अनुमानित मूल्य ₹18,000 है।

गुलेरिया ने बताया कि तस्करों ने कद्दू में फिश बॉल छिपाकर इसे इच्छामती नदी में डाल दिया था ताकि ज्वार- भाटा के कारण यह पानी में बहकर बांग्लादेश चले जाएंगे तथा वहां बांग्लादेशी तस्कर फिश बॉल को निकाल लेंगे। लेकिन, हमारे सीमा सुरक्षा बल के निगाहबान तथा मुस्तैद नजरों से तस्करों की यह कुटिल चाल भी कामयाब नहीं हो सकी।

अधिकारियों ने बताया कि 85वीं बटालियन के कमांडेंट अनुराग मणि के नेतृत्व में इस इलाके में जवान अपनी ड्यूटी बड़ी मुस्तैदी से कर रहे हैं। इस बटालियन के जवानों ने हासनाबाद सीमा चौकी से जीरो पॉइंट तक के इलाके पर जबरदस्त तरीके से तस्करी की वारदातों पर अंकुश लगा रखा है।

बांग्लादेश में मिलता है दोगुना दाम

डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि बरसात के मौसम शुरू होने से पहले दक्षिण बंगाल सीमांत इलाके से मछली के अंडों/बीज की बांग्लादेश में तस्करी की कोशिशें शुरू हो जाती है, ऐसा पिछले कई वर्षों से देखा जा रहा है। यह अंडे स्थानीय इलाकों के अलावा चेन्नई, केरल या उड़ीसा से लाई जाती है। भारत में मछली के 1 अंडे की कीमत लगभग 75 पैसे से लेकर 1 रुपये तक होती है। लेकिन जब यह बांग्लादेश पहुंच जाती है तो इसकी कीमत दोगुनी हो जाती है।

उन्होंने बताया कि मछली के अंडों को तस्कर पॉलिथीन के पैकेट में डालकर बांध देते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में फिश बॉल कहते हैं। 1 फिश बॉल की कीमत भारत में लगभग 8 से 10000 रुपये तथा बांग्लादेश में भारतीय करेंसी के हिसाब से 16 से 20000 रुपये तक हो जाती है। 


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