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कोरोना वायरस के संकट में रक्त की कमी से बढ़ी परेशानी

-अधिकांश ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी -डोनर कार्ड रहने के बाद भी रक्त मिलना संभव

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 08:24 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:20 AM (IST)
कोरोना वायरस के संकट में रक्त की कमी से बढ़ी परेशानी
कोरोना वायरस के संकट में रक्त की कमी से बढ़ी परेशानी

-अधिकांश ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी

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-डोनर कार्ड रहने के बाद भी रक्त मिलना संभव नहीं

-समस्या से निपटने के लिए पुलिस ने संभाला मोर्चा

-लगातार छह दिनों से चल रहा है रक्तदान शिविर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन से अब अस्पतालों में रक्त संकट शुरू हो गया है। लॉकडाउन की स्थिति में शहर की सुरक्षा और यथा संभव खाद्य सामग्री वितरण के साथ सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ दार्जिलिंग जिला पुलिस व रिज़र्व पुलिस बटालियन ने इस संकट को भी दूर करने का जिम्मा उठा लिया है। बल्कि लॉकडाउन की स्थिति मे पुलिस कर्मचारी रक्तदान कर मेडिकल कॉलेज उपलब्ध करा रहे हैं।

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज, सिलीगुड़ी जिला अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में ब्लड बैंक खाली है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के ब्लड बैंक में विभिन्न ग्रुप मिलाकर 150 यूनिट शेष है। कोरोना से लॉकडाउन की इस स्थिति रक्त संकट भी चरम पर है। करीब-करीब एक सा ही हाल सिलीगुड़ी जिला अस्पताल व अन्य निजी अस्पतालों और स्वयंसेवी संस्थाओं के ब्लड बैंको का है। सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित लायंस तराई ब्लड बैंक में भी विभिन्न ग्रुप को मिलाकर एक सौ यूनिट के करीब रक्त संग्रहित है। रक्त संकट का ऐसा मंजर हो चला है कि रक्तदान करने वाले कार्ड धारक को भी ब्लड बैंक से रक्त नहीं मिल रहा है। फिलहाल ब्लड बैंको से एक्सचेंज की सुविधा मिल रही है। जानकारों के मुताबिक थैलेसीमिया, गर्भवती महिलाओं व हादसे का शिकार हुए मरीजों को रक्त की आवश्यकता अधिक होती है। सिलीगुड़ी चंपासारी निवासी युवती रीना प्रसाद के शरीर मे हीमोग्लोबिन नामक रक्त कनिका की काफी कमी हो गई। डॉक्टरों ने फिलहाल 4 यूनिट रक्त चढ़ाने की सलाह दी। लेकिन इस समय 4 यूनिट रक्त का जुगाड़ परिवार के लिए मुश्किल हो गया। जबकि परिवार के पास रक्तदान का कार्ड था। फिर भी ब्लड बैंक से खाली हाथ लौटना पड़ा। अंत मे किसी तरह डोनर का जुगाड़ कर ब्लड बैंक से रक्त एक्सचेंज कर मरीज का इलाज कराया। लॉकडाउन की इस स्थिति में रक्तदान शिविर के आयोजन बिल्कुल ही बंद हो गया है। जिसकी वजह से शहर के ब्लड बैंको में खून की कमी चरम पर है। ऐसे में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने रक्त संकट से भी लड़ाई शुरू कर दी है। बीते छह दिनों से पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के साथ विभिन्न थानों में भी रक्त संग्रह का काम जारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया शारीरिक दूरी व लॉकडाउन के नियमों को मान कर रक्त दान शिविर लगाया जा रहा है। बीते छह दिनों में कुल 95 यूनिट रक्त संग्रह किया गया है। इसके अतिरिक्त शहर से सटे डाबग्राम स्थित 10वी पुलिस बटालियन, फांसीदेवा, नक्सलबाड़ी थाना पुलिस की ओर से भी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज को रक्त उपलब्ध कराया है।

स्वयंसेवी संस्थाओं की सहायता से होने वाले रक्तदान शिविर का आयोजन बंद है। ऐसे में रक्त संकट उत्पन्न हो सकता है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने काफी सहायता की है। सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ जिला पुलिस के विभिन्न थाना पुलिस व रिजर्व पुलिस बटालियन की ओर से भी काफी संख्या में रक्त यूनिट उपलब्ध कराया गया है।

-मृदुमय दास,निदेशक, रीजनल ब्लड बैंक,एनबीएमसीएच

कोरोना की इस विषम परिस्थिति में शिविर का आयोजन संभव नहीं हो पा रहा है। फिर भी हम रक्त संग्रह के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। बल्कि जानकारी मिलने पर दान करने वाले के घर पर ही पूरी व्यवस्था के साथ पहुंच कर रक्त संग्रह कर रहे हैं।

-सुजीत बिहानी,पास्ट प्रेसिडेंट,लायंस तराई ब्लड बैंक


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