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प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में राज्यपाल से मिले भाजपाई

संसू.गंगटोक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिक्किम के अध्यक्ष डीबी चौहान के अगुवाई में एक प्रतिनिधि टो

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 09:30 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 09:30 PM (IST)
प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में राज्यपाल से मिले भाजपाई
प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में राज्यपाल से मिले भाजपाई

संसू.गंगटोक: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सिक्किम के अध्यक्ष डीबी चौहान के अगुवाई में एक प्रतिनिधि टोली ने आज राज्यपाल गंगा प्रसाद से राज भवन में शिष्टाचार भेट की। इस अवसर पर भाजपा सिक्किम प्रदेश अध्यक्ष डीबी चौहान लगायत गंगटोक निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक वाईटी लेप्चा और पार्टी के कोषाध्यक्ष के. अग्रवाल भी शामिल थे। यह जानकारी भाजपा द्वारा विज्ञप्ति से हुई जिसमें कहा गया है कि भाजपाइयों राज्यपाल के स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

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फोटो 01 राज्यपाल गंगा प्रसाद के साथ भाजपा टोली राजभवन में

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एलटीभीसी ने भाजपा विधायक डीटी लेप्चा प्रति किया आभार प्रकट

कहा, एसकेएम के ठंडे रवैये ने एलटी समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया

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संसू.गंगटोक: लिंबू तामाग भोलेंटरी कमेटी (एलटीभीसी) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक डीटी लेप्चा के द्वारा सिक्किम विधानसभा में लिंबू तामाग (एलटी सीट) आसन आरक्षण के मुद्दे को उठाने के लिए आभार व्यक्त किया है। इस संबंध में एलटीभीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भाजपा विधायक लेप्चा द्वारा 15 जून को बजट सत्र के दूसरे दिन बजट सत्र चर्चा में भाग लेते हुए लिंबू तामाग आसन आरक्षण मुद्दा चर्चा में लाए थे, लेकिन चर्चा के दौरान इसी समुदाय के नेता चुप रहे थे।

वहीं एलटीभीसी के प्रचार सचिव दीपक तामाग ने कहा है कि लिंबू तामाग समुदाय के निर्वाचित प्रतिनिधि जैसे मुख्यमंत्री पीएस गोले, मंत्री भीम हाग सुब्बा और विधायक आदित्य गोले ने सिक्किम विधानसभा में 2019 से अब तक एलटी सीट के मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला है। ये सभी अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहे है। लिम्बू तामाग समुताय और उनकी आकाक्षाओं की उवाज बनना उनका कर्तव्य है।

विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया है कि विधायक डीटी लेप्चा ने एसकेएम सरकार से एलटी सीट आरक्षण के लिए उनके सीट आरक्षण फॉर्मूले पर सवाल उठाया और उन्हें दस दिन के भीतर एलटी सीट आरक्षण का चुनावी घोषणा पत्र भी याद दिलाया। दुसरी ओर इस विषय पर मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए बयान पूरी तरह से भ्रामक और अस्पष्ट है। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि राज्य सरकार लंबे समय से इन लंबित मागों पर विचार करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय के लगातार संपर्क में है।

एलटीभीसी के अध्यक्ष याहाग चोंग ने गृह मंत्रालय में आरटीआई किया था। जिसके प्रत्युत्तर में उल्लेख किया गया है कि सिक्किम विधानसभा में लिंबू तामाग आसन आरक्षण समाधान से संबंधित एसकेएम सरकार के द्वारा गृह मंत्रालय को कोई नया फॉर्मूला या प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। यह स्वयं एक स्पष्ट उत्तर है मुख्यमंत्री के झूठे दावे और एलटी सीट मुद्दे के संबंध में वर्तमान सरकार की अज्ञानता को दर्शाता है। जब तक एसकेएम सरकार विधानसभा में एलटी सीट समाधान के लिए फॉर्मूला के साथ बील पास नहीं करती और केंद्र में इसका प्रस्ताव नहीं करती, एलटी सीट आरक्षण एक सपना रहेगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि विपक्ष के दौरान एसकेएम विधायकों और नेताओं ने 32 सीट से एलटी सीट आरक्षण के लिए सिक्किम विधानसभा में एक निजी रिजोल्यूशन भी लाए थे, लेकिन एलटी सीट समाधान के प्रति एसकेएम के ठंडे रवैये ने एलटी समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया। एलटीभीसी ने अपील की है कि एसकेएम सरकार चुनाव और घोषणा पत्र के वादे का सम्मान करते हुए एलटी सीट आरक्षण के मुद्दे को जल्द से जल्द हल करें।

चित्र परिचय: फोटो 02- भाजपा विधायक डीटी लेप्चा के साथ एलटीभीसी प्रतिनिधि


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