गोरखालैंड मुद्दे पर वादा पूरा नहीं किया भाजपा ने, सांसद आते हैं पर्यटक की तरह
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार और सांसद एसएस अहलुवालिया ने गोरखालैंड के मुद्दे पर किए गए वादों में एक को भी पूरा नहीं किया। पढिए और क्या-क्या आरोप लगाए।
कालिम्पोंग [संवादसूत्र]। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी पर गोरखालैंड राज्य के मुद्दे पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। कहा है कि दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलूवालिया एक पर्यटक की ही तरह घूमने आते हैं। दार्जिलिंग में केंद्र की कोई योजना नहीं है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए जनमुक्ति मोर्चा के युवा संगठन युवा मोर्चा जिला समिति के सचिव अमीर बसनत ने कहा कि एसएस अहलूवालिया एक टूरिस्ट एमपी हैं, जो केवल यहां पर घूमने के लिए आते हैं। उन्होंने गोरखालैंड के विषय पर किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया एवं जनता को केवल धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को पहाड़ के लोगों ने वोट देकर यहां का सांसद बनाया है। वे पुलिस की गोली के शिकार आंदोलनकारियों को देखने तो दूर की बात, उनको लेकर एक शब्द भी बोले भी नहीं। ऐसे एमपी आकर आज जनता किसके पक्ष में हैं, उसका निर्णय कर रहे हैं। अगर उन्हें लगता है कि उनके पास जनाधार है तो पहाड़ आकर देखें कि कैसे उनका स्वागत होता है।
कहा कि एसएस अहलूवालिया ने जनता के लिए क्या किया, यहां के मुद्दे को संसद में कितनी बार उठाया है। केंद्र की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अनेक योजनाओं को लेकर आई, लेकिन उसमें दार्जिलिंग कहा है। स्मार्ट सिटी में दार्जिलिंग का नाम क्यों नहीं आया। दार्जिलिंग पहाड़ का कौन सा गांव मॉडल विलेज बना। आम जनता को वोट के समय लुभावने वादे करने वाले अहलूवालिया एवं भाजपा ने पहाड़ की जनता को केवल ठगने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि विनय एवं अनित के नेतृत्व के बाद हिल्स में विकास एवं शांति लगातार बरकरार है। अब एसएस अहलूवालिया फिर पहाड़ को अशांत करने में लगे हुए हैं। विमल गुरुंग को आज भूमिगत बनाने में बीजेपी का ही हाथ है। बीजेपी पार्टी एवं एसएस अहलूवालिया यदि अभिभावक बन कर आंदोलन का सही नेतृत्व करते तो आज कुछ निर्णय हो सकता था, परंतु आज विमल गुरुंग के साथ कई लोगों को भूमिगत होना पड़ा तो कई को जेल की हवा खानी पड़ी।
मोर्चा के जिला प्रवक्ता भुवन पी खनाल ने कहा कि बीजेपी सरकार एवं एसएस अहलूवालिया ने दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र के लिए क्या-क्या किया, कितनी परियोजनाओं को यहां पर लागू किया। सांसद का कोष कहां खर्च किया गया, उसे सार्वजनिक किया जाए।