पुलिस ने रोकी भाजपा की रैली,समर्थकों का चढ़ा पारा और हुआ बवाल
-एक पर एक दो घेराबंदी को किया धाराशाई -वेनस मोड़ पर पुलिस के साथ भिड़ंत के बाद कई
-एक पर एक दो घेराबंदी को किया धाराशाई
-वेनस मोड़ पर पुलिस के साथ भिड़ंत के बाद कई गिरफ्तार
-नेताओं ने राज्य सरकार और सीएम पर बोला हमला
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : राज्य में खराब कानून व्यवस्था व महिला उत्पीड़न की घटना के खिलाफ शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा, सिलीगुड़ी जिला कमेटी तथा भाजयुमो सिलीगुड़ी जिला कमेटी की ओर से निकाली गई रैली को रोके जाने से रैली में शामिल भाजपा समर्थकों का पारा चढ़ गया। जिससे काफी बवाल मचा। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ जमकर भिड़ंत हुई। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
भाजपा नेता रैली लेकर सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम गेट से हॉस्पिटल मोड़ तथा वेनसमोड़ होते हुए सिलीगुड़ी महकमा कार्यालय पहुंचकर एसडीओ को ज्ञापन देने वाले थे। भाजपा महिला मोर्चा तथा भाजयुमो द्वारा निकाली जाने वाली प्रस्तावित रैली को देखते हुए सुबह से ही कंचनजंघा स्टेडियम से लेकर वेनस मोड़ तक काफी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। जगह-जगह बेरिकेटिंग लगा दी गई थी। लेकिन भाजपा समर्थकों के आगे पुलिस की घेराबंदी नहीं चली। भाजपा समर्थकों ने एक पर एक दो घेराबंदी को धाराशाई कर दिया। रैली में शामिल भाजपा समर्थकों व कार्यकर्ताओं ने हॉस्पिटल मोड़ पर लगाई गई घेराबंदी को पहले तोड़ दिया। यहां की बेरिकेटिंग तोड़ने के बाद ये सभी आगे बढ़ चले। पुलिस इनको रोकने की कोशिश की,लेकिन नहीं माने। इसके बाद रैली जैसे ही वेनस मोड़ पर पहुंची,वहां लगाई गई घेराबंदी को भी इनलोगों ने तोड़ दिया। हांलाकि यहां पुलिस बल की तैनाती काफी अधिक थी। पानी की बौछार छोड़ने के लिए वज्र वाहन का भी तैयार रखा गया था। आंसू गैस के गोले दागने के लिए भी पुलिस वाले तैयार थे। यही कारण था कि यहां भाजपाईयों का विरोध थोड़ा कम पड़ गया। बेरिकेटिंग तोड़कर जैसे ही आगे बढ़ पुलिस ने इनको रोक दिया। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं व पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। उसके बाद भाजपा कार्यकर्ता मौके पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर लेट गए। इस दौरान पुलिस ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया, जिसे बाद में थाने से छोड़ दिया गया।
राज्य में फासिस्ट सरकार-सायंतनु बसु जुलूस में शामिल सायंतनु बसु ने कहा तृणमूल काग्रेस की सरकार फासिस्ट सरकार है। राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। राज्य में बढ़ते महिला उत्पीड़न के खिलाफ राज्य भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व में निकाली गई रैली के माध्यम से महकमा शासक को ज्ञापन दिया जाना था, लेकिन पुलिस जाने से रोक रही है। लेकिन भाजपा को इस तरह से रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहाड़ को स्विट्जरलैंड बनाने की बात कहती हैं, जबकि स्थिति ऐसी हो गई है कि पहाड़ को स्विट्जरलैंड नहीं बल्कि मक्का बना दिया गया है।
सत्ता में आते ही तृणमूल समर्थक पुलिस वालों पर गिरेगी गाज-अग्निमित्रा पाल
पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी, महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर लगातार अत्याचार बढ़ता जा रहा है। कोई ऐसा भी नहीं है जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के साथ दुराचार और हिंसा की घटनाएं ना हुई हों। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी से सटे राजगंज ब्लॉक में एक नाबालिक लड़की के साथ दुराचार कर निर्मम हत्या कर कर दी गई। उस घटना के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। जबकि यहां की बाल संरक्षण कमीशन की एक महिला सदस्य ने बयान दिया कि लड़की के साथ दुराचार नहीं हुआ है।
उन्होंने पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन तृणमूल कार्यकर्ता होकर कार्य कर रही है। अभी समय हैं, वे लोग सुधर जाएं। छह महीने बाद राज्य में तृणमूल कांग्रेस का शासन आने वाला नहीं है। राज्य में भाजपा सत्ता में आएगी। फिर ऐसे पुलिस कर्मियों का कहां ट्रांसफर किया जाएगा,पता लगेगा। ऐसे पुलिस कर्मियों का नोट तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का शोषण करने वाले लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बंगाल में अगर किसी के साथ भी दुष्कर्म होता है तो उसके लिए अलग-अलग मुआवजा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तय कर रखी है। शादीशुदा महिला, नाबालिगा और युवती के साथ दुराचार होता है तो उसके लिए अलग-अलग मुआवजा देती है। रैली के अनुमति नहीं लिए जाने के पुलिस प्रशासन के आरोप के बारे में भाजपा सिलीगुड़ी जिला कमेटी के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि भाजपा के लिए पुलिस प्रशासन दोहरी नीति अपनाती रही है। तृणमूल कांग्रेस की रैली के लिए अनुमति दे जाती है, वहीं भाजपा के किसी भी कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाती है। कोरोना वायरस के इस महामारी के दौर में शारीरिक का पालन पुलिस खुद नहीं कर रही है। शांतिपूर्वक निकाली जाने वाली रैली को पुलिस रोक रही है।