पूरे उत्तर बंगाल में बर्ड फ्लू का अभी एक भी मामला नहीं
जागरण विशेष -किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार -एनबीएमसीएच में आइसोले
जागरण विशेष
-किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार
-एनबीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड रिजर्व मोड पर
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : देश में कोरोना वायरस का मामला अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि बर्ड फ्लू के आगमन ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालाकि गनीमत यह है कि अभी बर्ड फ्लू का मामला सिर्फ पक्षियों तक ही सीमित है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। इसबीच मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य के साथ सिलीगुड़ी अथवा उत्तर बंगाल में अभी तक बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यहा मुर्गी अथवा अन्य पक्षियों में बर्ड फ्लू जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है। दाíजलिंग जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद स्वास्थ विभाग परिस्थिति पर नजर बनाए हुए है। उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एनबीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड को तैयार रखा गया है। यह रिजर्व मोड पर है। स्वास्थ विभाग ने लोगों से बर्ड फ्लू को लेकर नहीं घबराने की भी अपील की है।
इधर,स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। दिल्ली में भी पक्षियों में बर्ड फ्लू के पॉजिटिव केस पाए जाने के मामले सामने आए हैं। बताया गया कि बर्ड फ्लू वास्तव में एक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी इन्फ्लुएंजा टाइप ए वायरस की मदद से फैलती है। यह वायरस आमतौर पर चिकन, कबूतर और इस तरह के पक्षियों में पाया जाता है। इस वायरस के बहुत से स्ट्रेन हैं। इसमें से कुछ माइल्ड होते हैं।जबकि कुछ बहुत अधिक संक्रामक होते हैं और उससे बहुत बड़े पैमाने पर पक्षियों के मरने का खतरा पैदा हो जाता है। बर्ड फ्लू पक्षियों के जरिए ही इंसानों में फैलता है। इन वायरस को एचपीएआई कहा जाता है। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक एच5इन1 बर्ड फ्लू वायरस है। बर्ड फ्लू अब तक दुनिया में चार बार बड़े पैमाने पर फैल चुका है। अब तक 60 से ज्यादा देशों में बर्ड फ्लू महामारी का रूप भी ले चुका है।
कोरोना वायरस की तरह हैं कुछ लक्षण
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अरुनभ सरकार का कहना है कि बर्ड फ्लू के भी लक्षण कोरोना वायरस के लक्षणों से मिलते जुलते हैं। उन्होंने बताया कि
बर्ड फ्लू से सतर्क रहने और सही इलाज के लिए सबसे जरूरी है कि समय पर इसके लक्षणों को पहचानें।
इस मुख्य लक्षणों में बुखार आना, बैचेनी होना, शरीर में दर्द होना, सर्दी और गले में खराश होने जैसी समस्याएं बर्ड फ्लू के शुरुआती लक्षणों में से एक हैं। कई बार पेट में दर्द की समस्या, सीने में दर्द और पेट संबंधी समस्याएं जैसे दस्त की समस्या भी हो सकती है। अगर लोगों को कुछ ऐसी समस्याएं समझ आती हैं, तो अपना टेस्ट जरूर कराएं। गंभीर लक्षणों में सास लेने में तकलीफ और निमोनिया जैसी समस्या के पीछे का कारण बर्ड फ्लू हो सकता है। चिकन और अंडे की बिक्री पर प्रभाव
भले ही राज्य में बर्ड फ्लू का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया हो,लेकिर सिलीगुड़ी शहर में चिकन और अंडे की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है। पिछले कुछ दिनों में चिकन और अंडे की बिक्री में काफी कमी आ गई है। मिली जानकारी के अनुसार विधान रोड स्थित मुर्गी पट्टी से लेकर अन्य स्थानों में चिकन और अंडे की दुकानों पर ग्राहक काफी कम आ रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि बीच-बीच में इस तरह के संगट से गुजरना पड़ता है। हर एक दो साल में बर्ड फ्लू का हल्ला होता है और इसके कारण बिक्री प्रभावित होती है। -----------------
बर्ड फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अभी दाíजलिंग जिले में क्या पूरे उत्तर बंगाल और राज्य में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है। वैसे किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है।
-डॉक्टर प्रलय आचार्य,सीएमओएच,दार्जिलिंग