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सिलीगुड़ी में बन रही है बिहार चुनाव की रणनीति

-सभी पार्टी के नेताओं का बढ़ा आना-जाना -चेले-चामुंडे भी लगा रहे हैं भीड़ - दारू के साथ

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 07:35 PM (IST)
सिलीगुड़ी में बन रही है बिहार चुनाव की रणनीति
सिलीगुड़ी में बन रही है बिहार चुनाव की रणनीति

-सभी पार्टी के नेताओं का बढ़ा आना-जाना

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-चेले-चामुंडे भी लगा रहे हैं भीड़

- दारू के साथ नोट लो और वोट दो पर बन रही है बात

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-चुनाव आयोग को झांसा देने की हो रही है कोशिश

- बिहार के बदले बंगाल के रिश्तेदारों के खाते में डाले जा रहे हैं पैसे 28

अक्टूबर को है पहले चरण का मतदान

91

सीटें हैं सीमावर्ती बंगाल और नेपाल से लगी हुई

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:

कोरोना महामारी काल मे सबसे बड़ा चुनाव बिहार में शुरू हुआ है। चुनाव आयोग ने भयमुक्त व निष्पक्ष चुनाव कराने की पूरी तैयारी में है। 28 अक्टूबर को पहले चरण के साथ 7 नवंबर को अंतिम चरण यानि तीसरा चरण का चुनाव सम्पन्न होगा। ऐसे बिहार के जातिगत कार्ड के साथ मनी और मसल का जमकर प्रयोग होता है। इस बार आयोग ने 91 ऐसे विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है जहा जातिगत वोट के अलावा धन बल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। यहां इसी ताकत से वोटरों को प्रभावित किया जाता है। चुनाव आयोग की इस पर कड़ी नजर है। चुनाव लड़ रहे नेताओं और इनकी पार्टियों को भी इस बात की जानकारी है। इसी कारण से ऐसे लोग चुनाव तो बिहार में लड़ रहे हैं,लेकिन इसकी रणनीति बंगाल में खासकर सिलीगुड़ी में बनाई जा रही है।

चुनाव आयोग और प्रशासन को झासा देने के लिए चुनावी मैदान के महारथी विभन्न दलों के नेता सीमावर्ती बंगाल के सिलीगुड़ी में चुनाव की रणनीति को अंजाम देने में लगे है। यही कारण है कि चुनाव की घोषणा होने के साथ ही बिहार-बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र के नेताओं का सिलीगुड़ी में आना-जाना बढ़ गया है। उनके चेले-चमुंडे भी सिलीगुड़ी में जुट रहे हैं। पुलिस प्रशासन की इनपर पैनी नजर है।

मिली जानकारी के अनुसार बिहार चुनाव जीतने के लिए सिलीगुड़ी शहर में बड़ी डील हो रही है। बिहार में शराबबंदी है,इसलिए शराब के शौकीन नेताओं और समर्थकों का ठिकाना सिलीगुड़ी बना हुआ है। शराब के शौकीनो का पहले गला तर किया जाता है। फिर उसी टेबल पर पैसे का लेनदेन होता है। बात बन जाने पर ऐसे जनप्रतिनिधि के बंगाल के रिश्तेदार के खाते में रुपया ट्रासफर किया जाता है। इतना ही नहीं बिहार से आये ऐसे जनप्रतिनिधि या वोट के ठेकेदार अभी से अपने लिए चार चक्का गाड़ी , टीवी, फ्रिज,बाइक समेत अन्य उपहार भी खरीद रहे हैं। कुछ नेता तो जीत दिलाने के बाद अपने लिए सिलीगुड़ी में मकान का भी सौदा कर रहे है। इसका कारण है वे इस घर से बच्चों की पढ़ाई का रास्ता तैयार कर रहे है। कुछ जन प्रतिनिधि अपने वाहन को सजाने संवारने में लगे है। अब सवाल यह उठता है कि ये नेता सिलीगुड़ी में क्यों आ-जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है सीमाचल में ईंट भट्ठा के मालिकों के सिलीगुडी निवासी होना। इसके अलावा सिलीगुड़ी व्यापारिक मंडी भी है। कटिहार,किशनगंज,पुर्णिया,ठाकुरगंज आदि इलाके के विभिन्न पार्टियों के नेताओं का इन ईट भट्ठा मालिकों के साथ सीधा संबंध होता है। उन्हीें के सहारे ये लोग सिलीगुड़ी पुहंच रहे हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कुछ ऐसे भी चुनावी खिलाड़ी है जो चुनाव में असली के साथ नकली नोट भी ग्रामीण वोटरों को थमाने के के लिए बंगाल से ही रणनीति बना रहे हैं। इन दिनों बिहार नंबर की गाड़ियां सिलीगुड़ी में काफी देखी जा सकती है। बंगाल पुलिस बाहनो की जाच तो कर रही है परन्तु यहा आने के कारणों का पता नहीं कर पा रही है। मिली जानकारी के अनुसार 91 सीटें ऐसी है,जिनकी चुनावी रणनीति बंगाल में बन रही है। चुनाव आयोग ने इन सभी 91 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर तैनात किए हैं। अभी हाल में इसी क्रम में कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग की टीम ने 34 लाख रुपये से अधिक नगद बरामद किया है। इसके अलावा नेपाल बॉर्डर पर अलग-अलग कार्रवाई में 6 करोड़ रुपये से ज्यादा के सामान बरामद किए गए हैं। इसमें नेपाली करंसी के अलावा ड्रग्स और शराब की भी जब्ती हुई है जिसका उपयोग वोटर्स को लुभाने के लिए किया जा सकता था। भारत के साथ हालिया सीमा विवाद के बाद इन अवैध गतिविधियों में और तेजी देखे जाने की आशका है। इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। यही कारण है कि अब बंगाल में बिहार की चुनावी रणनीति को अंजाम दिया जा रहा है। तीन दिन पहले सील होगी भारत-नेपाल सीमा

भारत और नेपाल के बीच 1700 किमी की सीमा ऐसी है जिसपर बाड़बंदी नहीं है, यानी यह सीमा खुली हुई है। सीमा खुले होने का गलत फायदा अक्सर तस्कर उठाते हैं। अवैध गतिविधिया चुनावों के दौरान बढ़ जाती हैं। बिहार में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी नेपाल के रास्ते कई अवैध सामान मंगाते हैं। चुनाव आयोग ने इस लंबे-चौड़े सीमाई इलाके में पुलिस पैट्रोलिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है ताकि आचार संहिता का उल्लंघन न हो। पूरी सीमा सील करने और पैट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश है। सीमा क्षेत्रों में अपराधियों की धरपकड़ तेज करने की भी कवायद शुरू की गई है। भारत सरकार ने कहा है कि मतदान से तीन दिन पहले नेपाल से लगतीं सीमाएं सील कर दी जाएं। कुछ खास बातें

1.बिहार से आये ऐसे जनप्रतिनिधि या वोट के ठेकेदार अभी से अपने लिए चार चक्का गाड़ी , टीवी, फ्रिज,बाइक समेत अन्य उपहार भी खरीद रहे हैं। 2.कुछ नेता तो जीत दिलाने के बाद अपने लिए सिलीगुड़ी में मकान का भी सौदा कर रहे है। इसका कारण है वे इस घर से बच्चों की पढ़ाई का रास्ता तैयार कर रहे है।

3.सूचना के अनुसार सिलीगुड़ी के कई होटलों को पहले ही बुक कर लिया गया है। इनमें वोट दिलाने का वादा करने वाले ठेकेदार और चुनाव लड़ रहे नेताओं के प्रतिनिधि रूक रहे हैं। लकदक गाड़ियां कि देखते ही रह जाएं सिलीगुड़ी शहर में इन दिनों बिहार नंबर की तरह-तरह की गाड़ियां देखी जा रही है। यह गाड़ियां इतनी लकदक होती है कि बस देखते ही रह जाएं। स्कॉर्पियो से लेकर तमाम तरह की महंगी गाड़ियों को यहां देखा जा सकता है। गाड़ी के आगे ही कमल,लालटेन,तीर आदि चुनावी निशान वाले बोर्ड लगे मिल जाएंगे। गाड़ी के हुड पर तरह- तरह की फोकस वाली लाइट लगी होती है। गाड़ी पर एरियल और माइक लगा होना भी आम बात है। ऐसी गाड़ियों को देखकर पुलिस वाले भी हैरान रह जाते हैं। लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर भला रोक कैसे संभव है। ऐसे पुलिस का कहना है कि नियम के अनुसार यदि ज्यादा लाइट और भोपूं लगी गाड़ियां मिलेंगी तो कार्रवाई की जाएगी।


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