बीजीबी ने बीएसएफ पर लगाया आरोप, बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के आरोपों को किया खारिज
BGB accuses BSFभारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में बीजीबी द्वारा बीएसएफ गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद जबकि एक जवान घायल हो गए थे।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में गुरुवार को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) द्वारा बीएसएफ के गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद जबकि एक जवान घायल हो गए थे। इस घटना के बाद बीएसएफ ने कड़ा विरोध जताया था जिस पर बीजीबी ने गुरुवार देर रात बयान जारी कर उल्टे बीएसएफ पर पहले फायरिंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी।
बीजीबी के इस आरोप पर शुक्रवार को बीएसएफ ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए साफ कहा कि बांग्लादेश की तरफ से बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई और बीएसएफ के जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीजीबी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हमारे जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई। बीजीबी की यह कार्रवाई उकसावे वाली थी। उल्लेखनीय है कि दोनों पक्षों के बीच गुरुवार सुबह बीजीबी ने बीएसएफ की टुकड़ी पर एक 47 से गोलियां चला दी थी जिसमें एक जवान शहीद हो गए और एक अन्य घायल हो गया था।
बीजीबी की ओर से कहा गया कि चूंकि बीएसएफ दल बांग्लादेश की सीमा में घुस आए थे और उन्हें बताया गया कि प्रस्तावित बैठक के बाद उन्हें अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। ढाका में बीजीबी की ओर से गुरुवार देर रात जारी एक बयान में बताया गया कि इस बात से बीएसएफ दल घबरा गए। बीजीबी ने आरोप लगाया कि बीएसएफ कर्मी आक्रामक हो गए और उन्होंने गोली चलाई और वापस अपनी सीमा (भारत) में स्पीड बोट से लौटने लगे।
बीएसएफ अधिकारी ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि छह सैनिकों का गश्ती दल मुर्शिदाबाद जिले में पदमा नदी के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा में 400 मीटर तक गया था क्योंकि वह फ्लैग मीटिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान है। उन्होंने कहा, जब बीजीबी फ्लैग मीटिंग के लिए बीएसएफ से अनुरोध करती है, हम बांग्लादेश की सीमा में जाते हैं। जब हम बीजीबी को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाते हैं, वे निर्दिष्ट स्थान पर हमारी सीमा में प्रवेश करते हैं। बीजीबी के बयान में बताया गया कि उनकी गश्ती टीम ने तीन भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया था जो बांग्लादेश जल क्षेत्र में घुस आए थे लेकिन उनमें से दो फरार हो गए।
इसके तुरंत बाद बीएसएफ के चार सशस्त्र कर्मी हिरासत में लिए मछुआरे को छुड़ाने के लिए स्पीड बोट से बांग्लादेश की सीमा के भीतर 600 गज तक घुस आए। वहीं, बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे जवानों ने मछुआरे को बीजीबी की हिरासत से बलपूर्वक छुड़ाने की कोशिश नहीं की क्योंकि वे बीजीबी के अनुरोध पर फ्लैग मीटिंग के लिए बांग्लादेश की सीमा में गए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सच नहीं हो सकता कि बीजीबी ने केवल एक भारतीय मछुआरे को पकड़ा और बाकी दो भागने में कामयाब हो गए और बीएसएफ के पास पहुंच गए।
क्या है मामला
मुर्शिदाबाद जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जलंगी क्षेत्र में स्थित पदमा नदी में गुरुवार सुबह मछली पकड़ने गए तीन भारतीय मछुआरे को बीजीबी के जवानों ने बंधक बना लिया था। बाद में दो मछुआरे को यह कहते हुए छोड़ा कि वे बीएसएफ पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाए। दोनों मछुआरों ने लौटकर सुबह करीब नौ बजे बीएसएफ के ककमारीचर पोस्ट पर घटना के बारे में सूचना दी। इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे पोस्ट कमांडर पांच अन्य जवानों के साथ स्पीड बोट से फ्लैग मीटिंग के लिए पहुंचे।
बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने बेहद आक्रामक रुख दिखाया और बीएसएफ की टीम की घेराबंदी करने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने बंधक बनाए गए एक भारतीय मछुआरे को भी नहीं छोड़ा। हालात की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ की टीम स्पीड बोट से वापस लौटने लगी। इसी दौरान बीजीबी जवानों ने बोट पर सवार बीएसएफ के दल पर एके-47 राइफल से गोलियां बरसानी शुरू कर दी। घटना में हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह के सिर में गोली लगी जिससे उनकी मौत हो गई जबकि एक अन्य कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी।