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राज्‍यपाल धनकड़ बोले-बंगाल में कानून व्यवस्था की हालत बेहद भयावह, हमें हर समय अलकायदा जैसा डर

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि ममता बनर्जी सरकार फेल है। राज्य में कानून व्यवस्था की अवस्था बहुत भयावह है। हमें यहां हर समय अलकायदा जैसा डर सताता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 09:11 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 09:11 PM (IST)
राज्‍यपाल धनकड़ बोले-बंगाल में कानून व्यवस्था की हालत बेहद भयावह, हमें हर समय अलकायदा जैसा डर
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि ममता बनर्जी सरकार फेल है।

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि ममता बनर्जी सरकार फेल है। राज्य में कानून व्यवस्था की अवस्था बहुत भयावह है। हमें यहां हर समय अलकायदा जैसा डर सताता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। अभी तक 6 आतंकी यहां से पकड़े जा चुके हैं और 3 अन्य जगहों से गिरफ्तार आतंकी भी इसी इलाके के रहने वाले हैं। पुलिस और राज्य एजेंसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी, यह एक बहुत ही गंभीर मामला है। राज्‍यपाल धनकड़ शुक्रवार को यहां राजकीय अतिथि निवास (सर्किट हाउस) में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूं कि 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव वैसा नहीं होगा जैसा होता रहा है।

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राज्‍यपाल भारत-चीन सीमांत गलवन घाटी में शहीद हुए अलीपुरद्वार के लाल विपुल राय के परिजनों से मिलने के बाद कोलकाता लौटने के क्रम में यहां राजकीय अतिथि निवास में संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की घोर आलोचना की। राज्य के अफसरों व पुलिस का रवैया राजनीति सेवक विशेष का हो गया है। वे अब जनसेवक नहीं रह गए हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। अफसरान व पुलिस को  राजनीतिक रूप से निष्पक्ष होना होगा। वे किसी राजनीतिक दल के सेवक नहीं हैं। वे जनता के सेवक हैं। उन्हें यह समझना होगा। यदि वे नहीं समझते हैं तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। संविधान के विरुद्ध कोई भी चीज स्वीकार नहीं की जा सकती है। मैं चाहता हूं कि वे जनसेवक की तरह कार्य करें। मैं वादा भी करता हूं कि वे ऐसा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य में अपराध काफी बढ़ा है। आतंकवाद और माओवाद भी सर उठाने लगा है। मानवाधिकार का हनन हो रहा है। मानवाधिकार आयोग भी मानव अधिकारों की रक्षा करने में विफल है। उनकी इन बातों पर जब उनसे सवाल पूछा गया कि, तो क्या ऐसी परिस्थिति में वह चाहते हैं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाए? तो उनका जवाब था कि मैं ही क्यों सब चाहते हैं।


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