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Bengal Election 2021: बंगाल में 209 सामान्य पर्यवेक्षक, 55 पुलिस पर्यवेक्षक व 85 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त

भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र निष्पक्ष पारदर्शी व भयमुक्त चुनाव आयोजित कराने के लिए निर्वाचन आयोग कटिबद्ध है। इसके लिए राज्य में 209 सामान्य पर्यवेक्षक 55 पुलिस पर्यवेक्षक और 85 व्यय पर्यवेक्षक को नियुक्त किया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 05:42 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 05:42 PM (IST)
Bengal Election 2021: बंगाल में 209 सामान्य पर्यवेक्षक, 55 पुलिस पर्यवेक्षक व 85 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त
भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी व भयमुक्त चुनाव आयोजित कराने के लिए निर्वाचन आयोग कटिबद्ध है। इसके लिए राज्य में 209 सामान्य पर्यवेक्षक, 55 पुलिस पर्यवेक्षक और 85 व्यय पर्यवेक्षक को नियुक्त किया गया है। इनकी निगरानी में कुल आठ चरणों में राज्य के सभी 19 जिलों के जिला प्रशासन व पुलिस और चुनाव अधिकारीयों व कर्मचारियों द्वारा चुनाव कार्य अंजाम दिए जाएंगे।

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कहीं भी विधि-व्यवस्था की समस्या न हो और चुनाव शांतिपूर्ण हो इस हेतु जगह-जगह पर्याप्त संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी तैनाती रहेगी। वह बुधवार को सिलीगुड़ी के निकट न्यू चामटा स्थित मेफेयर टी रिसॉर्ट में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां उत्तर बंगाल के सभी आठ जिलों के आला अधिकारियों की सशरीर उपस्थिति एवं दक्षिण बंगाल के 11 जिलों के आला अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा उपस्थिति में विशेष बैठक कर वस्तुस्थिति की समीक्षा की गई।

मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग व्यवस्था की प्रायोगिक समीक्षा भी की गई। इसके साथ ही बेहतर रूप में चुनाव आयोजित करने को लेकर विचार विमर्श किया गया व आवश्यक निर्देश दिए गए। चूंकि पश्चिम बंगाल झारखंड, बिहार, ओड़ीशा व सिक्किम के साथ ही साथ बांग्लादेश, भूटान और नेपाल संग सीमा साझा करता है इसलिए यहां और भी विशेष चौकसी बरती जा रही है। इसके लिए बाॅर्डर सेक्यूरिटी फोर्स (बीएसएफ) को भी सीमांत क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। वहीं, सामान्य प्रशासन व पुलिस को जगह-जगह जांच पड़ताल तेज करने और अवैध कैश, मादक पदार्थ, हिंसा के सामान आदि की जब्ती में तेजी लाने को कहा गया है।

विशेष व्यय पर्यवेक्षक बी. मुरली कुमार ने चुनाव आयोग को अवगत कराया है कि अब तक जो जब्ती हुई है उसका मूल्य 142 करोड़ रुपये है। इस दिशा में रोकथाम हेतु फ्लाइंग स्क्वाड टीमों चौबीसों सक्रिय रहने को कहा गया है। इसके साथ ही असामाजिक तत्वों एवं संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर अग्रिम रूप में ही विशेष कार्यवाही व कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बेहतर चुनाव हेतु नागरिकों की निगरानी व नागरिकों के जिम्मेदारी भरे रवैये की आवश्यकता पर भी बल दिया। कहा कि, यदि कोई व्यक्ति कहीं भी किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी देखें तो तुरंत 'सी-विजिल' ऐप या फिर प्रशासन द्वारा जारी किए गए वोटर हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से स्थानीय प्रशासन को सूचित करें ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई कर गड़बड़ी को दूर किया जा सके व रोका जा सके।

चुनाव आयोग ने बेहतर चुनाव कराने को लेकर हर जगह अपनी आंख व कान के रूप में विशेष पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। मगर, उन पर्यवेक्षकों पर भी चुनाव आयोग की कड़ी नजर है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक जगह दुर्व्यवहार करने के आरोप में एक पर्यवेक्षक को तत्काल ड्यूटी से हटा कर उसे पद से निलंबित भी कर दिया गया है। इसीलिए सभी पर्यवेक्षकों को सावधान रह कर बेहतर तरीके से अपना कर्तव्य निर्वहन करना चाहिए। क्योंकि, किसी प्रकार का दोषी पाए जाने की स्थिति में किसी भी पदाधिकारी के विरुद्ध त्वरित व कड़ी कार्रवाई करने में चुनाव आयोग कोई रिआयत नहीं बरतेगा।

आगे उन्होंने बताया कि राज्य में कुछ जगहों पर बम बनाने व बम पाए जाने की घटना सामने आने और कूचबिहार के दिनहाटा में एक व्यक्ति की आत्महत्या को लेकर माहौल गरमाने की घटना को संज्ञान में लिया गया है। ऐसे मामलों की आवश्यक पड़ताल व विशेष निगरानी हेतु दो विशेष पुलिस पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है।उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में कुल 294 विधानसभा सीटों में अनुसूचित जाति के लिए 68 व अनुसूचित जनजाति के लिए 16 सीटें आरक्षित हैं।

यहां कुल 1,01,916 मतदान केंद्रों पर 7.34 करोड़ से अधिक मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान में मतदाताओं की सुविधा के लिए हर जगह भू-तल पर मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कहीं भी प्रथम तल पर मतदान केंद्र नहीं है। मतदाता किसी से भी न डरें और बेखौफ हो कर मतदान करें। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि स्वच्छ व शांतिपूर्ण चुनाव कराने की दिशा में सोशल मीडिया पर घृणित पोस्ट व फर्जी खबरों पर सतत निगरानी कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों से अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके समर्थक सोशल मीडिया पर घृणित व

अभद्र पोस्ट व फर्जी खबरों में लिप्त न हों। इसके साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर यह आदेश भी जारी किया है कि गए मतदान के दिन से 72 घंटे पहले से सभी स्थानों पर बाइक रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा ताकि मतदाता आतंकित न होने पाएं।

वहीं, सिविक पुलिस, ग्रीन पुलिस या स्टूडेंट्स पुलिस से चुनाव कार्य नहीं  कराया जा सकेगा। यदि कोई उम्मीदवार समान बूथ से पोलिंग एजेंट नहीं पाता है तो वह पड़ोस के बूथ से अथवा अपने विधानसभा क्षेत्र के किसी भी बूथ से पोलिंग एजेंट नियुक्त कर सकता है। यह भी बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों व शारीरिक रूप से असक्षम विकलांग  लोगों के लिए पोस्टल बैलट द्वारा मतदान की व्यवस्था की जाएगी। 

बिहार माॅडल अपना कर कोरोना सुरक्षा की विशेष व्यवस्था

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यह भी कहा कि चूंकि वर्तमान विधानसभा चुनाव कोरोना महामारी के खतरे के बीच हो रहा है। इसलिए कोरोना सुरक्षा के दृष्टिकोण के तहत बिहार मॉडल को अपनाते हुए हर राज्य में उसी तर्ज पर चुनाव करवाए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच भी बिहार में हाल ही में हुआ सुरक्षित विधानसभा चुनाव एक नजीर है। उसी के लिए बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी रहे एच. आर. श्रीनिवासा की भी मदद ली जा रही है। अभी चारों राज्य तमिलनाडू, केरल, पश्चिम बंगाल व असम और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में जो चुनाव हो रहे हैं वह कोरोना सुरक्षा के दृष्टिकोण के तहत बिहार मॉडल अपना कर ही करवाए जा रहे हैं। इस दौरान कोरोना सुरक्षा के तमाम आवश्यक उपाय अपनाए जा रहे हैं।

कोरोना सुरक्षा का ध्यान रखते हुए हर मतदान केंद्रों पर आम चुनावों की तुलना में पश्चिम बंगाल में इस बार प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या को 1500 से घटा कर 1000 तक किया गया है। इस हेतु पहले की तुलना में राज्य में 78,903 से बढ़ा कर इस बार 1,01,916 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान से एक दिन पहले हर मतदान केंद्र का सैनिटाइजेशन अनिवार्य होगा। पोलिंग स्टाफ या पैरा मेडिकल स्टाफ या आशा कर्मी द्वारा थर्मल जांच व सैनिटाइजेशन के बाद ही मतदाताओं को मतदान केंद्र में प्रवेश करने दिया जाएगा।

मतदान केंद्रों पर मतदान हेतु जाने वाले मतदाता सुरक्षित छह-छह फीट शारीरिक दूरी अपनाते हुए ही कतार में लगेंगे। इसके लिए हर मतदान केंद्र पर निर्दिष्ट रूप में छह-छह फीट की दूरी पर 15-20 गोल घेरे भी बनाए हुए रहेंगे। हर मतदान केंद्र पर पुरुषों, महिलाओं और विकलांगों व वयोवृद्ध लोगों के लिए अलग-अलग कुल तीन कतार होगी। मतदाता मास्क लगा कर ही मतदान कर सकेंगे।

कोरोना संक्रमण का संदेह होने पर संबंधित मतदाता को प्रतीक्षा करने हेतु अलग से प्रतीक्षालय की सुविधा दी जाएगी। उन्हें आखिरी समय में मतदान करने दिया जाएगा।जगह-जगह कोरोना सतर्कता व कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा के पोस्टर भी प्रदर्शित किए जाएंगे।


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