बीएसएफ जवानों ने प्लाज्मा दान किया
-कोरोना संक्रमित मरीजों की हो सकेगी चिकित्सा -सीमा की रखवाली के साथ समाज सेवा का भी
-कोरोना संक्रमित मरीजों की हो सकेगी चिकित्सा
-सीमा की रखवाली के साथ समाज सेवा का भी जज्बा
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: कोरोना वायरस महामारी के दौर में बीएसएफ जवान ना सिर्फ सीमा की रखवाली में मुस्तैदी से तैनात हैं, बल्कि सामाजिक कार्यो में भी पीछे नहीं रह रहे हैं। प्लाजमा थेरेपी पद्धति से कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के प्रयासों के बीच बीएसएफ के उन जवानों ने भी अपनी सहभागिता निभानी शुरू कर दी हैं जो कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। संयुक्त अस्पताल बीएसएफ कदमतला के सहयोग से बुधवार को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के रीजनल ब्लड ट्रासफ्यूजन सेंटर प्लाज्मा दान शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के 2 जवानों ने स्वेच्छा पूर्वक अपना प्लाज्मा दान किया। बीएसएफ द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह दोनों जवान कोरोना से संक्रमित थे जो अभी पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। ठीक होने के बाद स्वास्थ विभाग के गाइडलाइन के मुताबिक उन्होंने अपना प्लाज्मा दान किया। बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के मुख्य सूचना अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ के जवानों ने प्लाज्मा दान कर यह संदेश देने की कोशिश की है की सीमा की रखवाली के साथ-साथ सीमा वासियों की सेवा में अपने सामाजिक कार्यो से भी वह पीछे नहीं रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना इस महामारी के दौर में बीएसएफ विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ साथ कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए मानदंडों का पूरी तरह से पालन कर रहा है तथा इस बीमारी में लड़ने के लिए पूरी मजबूती के साथ खड़ा है।