बंसल कंपनी प्रबंधन फिर चाय बागानों को छोड़कर भागी, लीज खारिज करने व कठोर कार्रवाई की मांग
बंसल कंपनी प्रबंधन पक्ष एक बार फिर अपने अधीनस्थ चाय बागानों को रातों-रात छोड़कर भाग गया है। यह घटना प्रकाश में आते ही भारतीय राष्ट्रीय तृणमूल कांग्रेस ट्रेड यूनियन कर्सियांग के सचिव संतोष मोक्तान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कर्सियांग, मुरारी लाल पंचम। बंसल कंपनी प्रबंधन पक्ष एक बार फिर अपने अधीनस्थ चाय बागानों को रातों-रात छोड़कर भाग गया है। यह घटना प्रकाश में आते ही भारतीय राष्ट्रीय तृणमूल कांग्रेस ट्रेड यूनियन, कर्सियांग के सचिव संतोष मोक्तान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि दशहरे के वक्त बागानों को बंद करके बंसल कंपनी ने यहां कार्यरत चाय बागान श्रमिकों की हालात को खराब बना दिया है। उन्होंने कथित रूप से आरोप लगाया है कि जब-जब दुर्गा पूजा आता है, उस वक्त बंसल कंपनी रावण का रूप धारण कर लेती है। ऐसे कंपनी से अब पहाड़ में बागानों के संचालन करने का अधिकार छीन लेना चाहिए।
बंसल कंपनी श्रमिकों का खून पीनेवाले जोंक
उन्होंने आगे कहा कि सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र की जनता को विविध प्रकार के सहूलियतों को देने का कार्य करती हैं। परंतु बंसल कंपनी सालाना करोड़ों रुपये कमाने के बावजूद श्रमिकों को सटीक तरीके से वेतन, दिहाड़ी, बोनस आदि का भुगतान नहीं करता है। पूजा बोनस नहीं देने वाले बंसल कंपनी को उन्होंने श्रमिकों का खून पीनेवाला जोंक करार भी दिया है।
त्योहारी सीजन में बागान बंद करने को कठोर सजा की मांग
उन्होंने बताया है कि चाय के एक गाछ से वार्षिक डेढ़ लाख रुपये आमदनी होती है। बागानों में हजारों के तादाद में चाय की गाछ होती है। इस प्रकार से चाय बागानों के मालिक पक्ष काफी रूपये चाय से आमदनी करते हैं। करोड़ों रुपये आमदनी करने के बावजूद मालिक पक्ष श्रमिकों पर कथित रूपसे अन्याय व अत्याचार करते हैं।
उन्होंने कहा है कि बंसल कंपनी अधीनस्थ रहे चाय बागानों को सटीक तरीके से संचालन करने हेतु इसकी लीज सरकार को खारिज करके अन्य को सुपुर्द कर देना चाहिए। उन्होंने दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के संपूर्ण राजनैतिक पार्टी के नेतृत्वों से एकवद्ध होकर लीज खारिज करने की मांग को रखने को कहा है। त्योहारी सीजन में इस तरीके से चाय बागानों को बंद करके भागनेवालों पर डीटीए व राज्य सरकार से कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।