West Bengal Coronavirus Lockdown effect:नए संकल्प के साथ मनाया जा रहा बांग्ला नववर्ष
तीन मई तक लॉक डाउन की अवधि बढ़ने से बंगाल के पूर्वोत्तर प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी में नए संकल्प के साथ लोग नव वर्ष का पालन कर रहे है।
सिलीगुड़ी, अशोक झा। तीन मई तक लॉक डाउन की अवधि बढ़ने से बंगाल के पूर्वोत्तर प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी में नए संकल्प के साथ लोग नव वर्ष का पालन कर रहे है। मंदिरों से दूरी बनाकर घर- घर गणेश की प्रतिमा की पूजा कर रहे है । घरों से उल्लू ध्वनि सुनकर यह पता चल रहा है कि पूजा हो रही है। इसके बाद लोग लॉकडाउन के नियम का पालन करना है, न खुद लापरवाही करनी है और न दूसरों को लापरवाही करने देनी है।
बंगला नव वर्ष के अवसर पर ज्यादातर घरों में शुभ कामना देने के साथ इस बात को दोहराया जा रहा है। महिलायें संकल्प ले रहे है कि वे अपने क्षेत्र को हॉट स्पार्ट नही बनने देंगे। नए वर्ष पर कपड़ो और मिठाइयों पर खर्च होने वाली राशि को राहत कोष में कराएंगे जमा।
कोई टीवी देख बिता रहे समय तो युवाओं का सहारा बना मोबाइल
कोरोना महामारी के चलते सभी कामकाज बंद हैं। लोग पिछले कई दिनों से घरों में कैद हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा मुसीबत की बात यह है कि अपना टाइमपास कैसे करें। कुछ लोगों ने टीवी को सहारा बनाया है तो बहुत से लोगों ने नेटफ्लिक्स,प्राइम वीडियो और होटस्टार जैसे एप ले लिए हैं। इन पर दुनिया भर हालीबुड, बालीबुड की नई पुरानी फिल्मों के अलावा वेबसीरिज और इंटरनेशनल टीवी के सीरियल मौजूद हैं। जैसे ही दो गोला बनाते हुए शक्तिमान ने टीवी पर एंट्री ली है।
तब से ज्यादातर घरों में बच्चे साथ गा रहे हैं ...शक्ति... शक्ति, शक्तिमान। भारतीय टेलिविजन के लोकप्रिय सीरियल शक्तिमान और रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर हो रहा है। इसे देखने के लिए शहरवासी अपने घरों में टीवी से चिपके रहे।इस दौरानबच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों ने अपने अपने दौर की यादें ताजा कर रहे है। किसी ने यमराज किल्विश के अंधेरा कायम रहेगा कहने के अंदाज की बातें कीं तो किसी ने शक्तिमान के बच्चों को दिए जाने वाले संदेश की वाहवाही की।
शहरवासियों ने रिमोट से सीधे दूरदर्शन लगा दिया। इंतजार था तो आज बस अपने फेवरेट चाइल्डहुड हीरो शक्तिमान को देखने की। साथ ही आज के डिजिटल युग में नब्बे के उस दौर से भी बच्चों को रूबरू कराया जा रहा जिससे वे अब तक अनभिज्ञ थे। दूरदर्शन पर चलने वाली विक्रम बेताल, व्योमकेश बक्शी, चंद्रकांता, रंगोली, शक्तिमान धारावाहिक की कहानियां मोबाइल और टीवी के जरिए बच्चों को दिखाई जा रही है। इन दिनों इससे जुड़े किस्से हर घर में देखने को मिल रहे हैं।
माता पिता को दे रहे पूरा समय :
बहुत दिनों तक टीवी देखकर, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप चलाकर भी लोग ऊब चुके हैं। विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप पर चाचा चौधरी, नागराज आदि के कॉमिक्स की सॉफ्ट कॉपी वायरल होने लगी है। जिसके मोबाइल पर कॉमिक्स पहुंच रही है, वह उसे पढ़ने में डूब जा रहा है। इसके साथ ही अपने बच्चों को बता रहे हैं कि बचपन के दिनों में इन कॉमिक्स को पढ़ने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े थे। इसी बहाने वे अपने बचपन को भी याद कर रहे हैं। लॉक डाउन के चलते घरों में रह रहे लोग अपनों को इतना समय सालों बाद दे पा रहे हैं। यह शहर व्यापार के लिए जाना जााता है। व्यापार और नौकरी की भागदौड़ में कब सुबह होकर शाम हो जाती थी, पता नहीं चल पाता था और रिश्तों के लिए समय ही कम पड़ जाता था।
आज कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने जब लोग 24 घंटे घरों में ही हैं तो कोई अपने बच्चों को तो कोई पोते-पोतियों को पुराने दौर के किस्से-कहानी सुना रहे हैं। यू ट्यूब-मोबाइल और टीवी के आदि आज के बच्चों को न केवल यह किस्से रोचक लग रहे हैं, बल्कि वे यह भी महसूस कर पा रहे हैं कि उनके बड़ों का बचपन कितना अच्छा रहा है।
रिश्तों को मिल रहा भागदौड़ की जिंदगी में भरपूर समय : शहर के कई लोगों ने स्वीकारा कि भागदौड़ की जिंदगी में रिश्तों को वे पूरा समय दे पा रहे हैं। यह अहसास इसलिये भी लोगों को हो रहा है, क्योंकि अब पूरा समय घरों में दे रहे हैं तो बच्चे और पोते उनके करीब आकर उनके जीवन के संघर्ष, बचपन, यादें, पढ़ाई, व्यापार तक के किस्सों को सुन पा रहे हैं।
संकेेेत कुमार, रामनरेेेश प्रसाद, दिलीप चौधरी का कहना है कि कोरोना से लड़ने लोग जागरूक हो रहे हैं और लॉक डाउन के कारण घर में पूरा समय दे पाने पर यह समझ में भी आ रहा है कि घर के लोग बहुत बातें करना चाहते हैं। दरअसल हम पर्याप्त समय ही नहीं दे पाते थे, अब यह क्रम बना रहे यह प्रयास करेंगे।
बच्चों को भा रहीं कहानियां: बच्चों का कहना है कि हम तो यू ट्यूब, फेसबुक, व्हाट्सअप और वीडियो गेम को ही बचपन का हिस्सा मानते थे। आज जब अपने बड़ों का बचपन सुना तो पता चला कि उन्होंने तो हमसे ज्यादा मस्ती की है। गिल्ली-डंडा, पिड्डू के बारे सुना और चाचा चौधरी की कॉमिक्स सहित दूरदर्शन के कई धारावाहिक यूट्यूब पर देखे तो पता चला कि कितना सुनहरा बचपन रहा होगा। बच्चे अपने पिता और दादा सहित और बुजुर्गों के बारे में उनके संघर्ष और सफलता के बारे में सुनकर खुश भी हो रहे हैं।
कैरम व लूडो से निकल रहा समय: इन दिनों हर घर में तालमेल भरे माहौल में लोग कैरम, शतरंज, लूडो, सांप-सीढ़ी खेल रहे हैं। लॉक डाउन के पीछे घरों में बच्चों-बड़ों और बुजुर्गों के बीच सुरक्षित तरीके से जाकर यह जानने का प्रयास किया तो एक बात सामने निकल कर आई जब सबने स्वीकारा कि अपने तो अपने होते हैं।आज भरपूर समय देने की यह परिस्थितियों के बाद कई कमियों के अहसास भी हो रहे हैं तो नए संकल्प के साथ हर रिश्तों में संजीदगी बनाये रखने का भाव भी बढ़ रहा है।
युवक युवतियां मोबाइल गेम्स व फ़िल्म पर बिता रहे समय: नेटफ्लिक्स पर हालीवुड की ज्यादातर नई फिल्में सबसे पहले रीलिज होती हैं। इसी प्रकार वेबसीरिज भी । यह लोगों की पसंद बना हुआ है। वहीं प्राइम वीडियो पर बालीवुड फिल्मों की भरमार है। इस पर हालीवूड की भी फिल्में हैं। होटस्टार पर हाल ही में कई नई फिल्में रीलिज हुई हैं।लोग घरों में बैठकर इसका आनंद ले रहे हैं। इन सबके बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं मोबाइल पर खेले जाने वाले गेम। हम कुछ लोकप्रिय गेम के बारे में बता रहे हैं।
पबजी:सबसे पहले बात करते हैं प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड यानी पबजी की। इस गेम के लॉन्च के बाद से आजतक इसका खुमार युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। इस गेम को आप अपने दोस्तों के साथ मिलकर खेल सकते है। इसमें चार लोगों के ग्रुप होता है। वहीं, गेम के दौरान आप इस ऑनलाइन गेम में बात भी कर सकते हैं। शानदार ग्राफिक्स के साथ आने वाला यह गेम इन दिनों काफी लोकप्रिय है।रूल्स ऑफ सर्वायविल:यह एक फ्री मल्टीप्लयेर ऑनलाइन बैटल रॉयल गेम है। यह गेम काफी हद तक पबजी की तरह है। इस गेम में भी आप अपने दोस्तों के साथ एक ग्रुप बनाकर दूसरे ग्रुप्स को हराना होता है। वहीं, इसमें भी पबजी की तरह आपको अंत तक बचे रहना होता है।
एस्फाल्ट 9 : एक पॉप्यूलेर रेसिंग गेम है। अगर आप रेसिंग गेम के शौकिन हैं तो यह गेम आपको काफी पसंद आएगा इस गेम को लेकर आप लो-ग्राफिक्स से लेकर हाई-ग्राफिक्स वाले डिवाइस पर भी खेल सकते हैं। गेम में रेसिंग ट्रैक्स को भी सिलेक्ट किया जा सकता है।