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19 दिन में साढ़े आठ लाख का बिल

-शहर में नहीं रुक रही है नर्सिग होम की मनमानी -पूरे पैसे लेने के बाद कहा मेडिकल ले जाआ

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 11:20 PM (IST)
19 दिन में साढ़े आठ लाख का बिल
19 दिन में साढ़े आठ लाख का बिल

-शहर में नहीं रुक रही है नर्सिग होम की मनमानी

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-पूरे पैसे लेने के बाद कहा मेडिकल ले जाओ

-माटीगाड़ा का एवलोन अस्पताल आरोपों के घेरे में जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: दाíजलिंग की जीटीए कर्मचारी विजया राई के इलाज में सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा स्थित एवलोन नìसग होम पर चिकित्सा के नाम पर पैसे की लूट का आरोप लगा है। इस संबंध में हिमाचल विहार स्थित पहाड़िया भवन जीटीए हेल्प डेस्क की ओर से पीड़िता को दूसरे नìसग होम में भर्ती कराया गया है। इस नìसग होम के खिलाफ पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर शिकायत की गई है। पीड़िता की पुत्री जीटीए हेल्प डेस्क की प्रभारी हिमाली भादुरी ने बताया कि सीने में कफ की शिकायत को लेकर विजया राई को 22 मई को माटीगाड़ा स्थित एवलोन नìसग होम में भर्ती कराया गया। प्रतिदिन सुबह और शाम डॉक्टर के द्वारा कहा जाता है कि वह धीरे धीरे ठीक हो रही है। महिला का 90 फीसद लंग्स इंफेक्शन के कारण संक्रमित है। इसके लिए कम से कम 1 सप्ताह का समय लगेगा। उसके बाद धीरे-धीरे अस्पताल का बिल बढ़ता गया। 19 दिन के इलाज और 8.5 लाख रुपये लेने के बाद अचानक 9 जून को परिवार वालों से कहा गया कि इन्हें या तो घर या फिर नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाइए। अब इन्हें सिर्फ ऑक्सीजन की जरूरत है,जो आप घर पर रख कर दे सकते हैं। परिवार वाले तैयार भी हो गए थे। तभी अचानक मरीज की तबीयत बिगड़ गई। उसके बाद नìसग होम की ओर से कहा गया कि इनकी हालत बहुत बिगड़ गई है। इसलिए किसी दूसरे नìसग होम में ले जाइए। यहा इसका इलाज संभव नहीं है। साढ़े आठ लाख नर्सिग होम का बिल,उपर से करीब और डेढ़ लाख रुपये का खर्च हुआ। करीब 10 लाख रुपए का खर्च करने के बाद इस स्थिति में नहीं थे कि वह मारीज को बड़े किसी नìसग होम में लेकर जा सकें। इसी बीच पता चला कि जीटीए का हेल्प डेस्क भी पहाड़िया भवन में काम कर रहा है। उसके बाद जीटीए की सहायता से महिला को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दूसरे नìसग होम में पता चल रहा है कि पीड़िता पहले दिन से अब तक 1 फीसदी भी ठीक नहीं हुई थी। कोरोना नेगेटिव होने के बाद फिर से वह फिर से पॉजेटिव हो गई। उसके यूरिन से दो-तीन बार खून भी निकला लेकिन इन बातों की जानकारी नìसग होम के डॉक्टरों ने परिवार वालों को नहीं दी। 19 दिन में मरीज में कोई सुधार ही नहीं हुआ जबकि नर्सिग होम ने पूरे पैसे भी ले लिए। अब परिवार चाहता है कि नìसग होम पूरी राशि वापस करे और नìसग होम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो।

दैनिक जागरण की खबर की हुई पुष्टि

दैनिक जागरण ने इलाज के नाम पर नìसग होम के मनमानी और एंबुलेंस गिरोह का खुलासा किया था। उसमें स्पष्ट कहा गया था यह गिरोह पहले मरीज को अपने यहा फंसाते हैं और जब पूरी तरह से पैसा निकाल लिया जाता तो उसे किसी सरकारी अस्पताल में जाने के लिए विवश करते हैं। इतना ही नहीं इलाज के नाम लापरवाही और लूट की ओर बार-बार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। अब देखना होगा कि इस मामले में क्या होता है।


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