अविनाश ने फूलों से की दोस्ती तो संवरने लगा भविष्य
फूलों की खेती के लिए मिरिक की जलवायु सबसे उपयुक्त व अनुकूल मानी जाती है। यहां के ज्यादातर गांवों में हम मौसम में फूलों की खेती की जाती है।
मिरिक [दीप मिलन प्रधान]। मिरिक महकमा के फुवागड़ी चाय बगान के अविनाश घतानी की बगिया रंग-बिरंगे फूलों से सजी है। इन फूलों की सुगंध इनके जीवनस्तर में आए बदलाव से महसूस की जा सकती है।
अविनाश ने कड़ी मेहनत व लगन से अपने घर के बाहर रंग-बिरंगे फूल लगाए हैं। उसने तीन साल पहले ही फूल उत्पादन को एक चुनौती के रूप में लिया था। वर्तमान समय में अविनाश ने इसे ही रोजगार का प्रमुख साधन भी बना लिया है।
हर मौसम में अलग-अलग मौसमी फूलों का उत्पादन कर रहे हैं। अविनाश आज के युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। वह समय का सदुपयोग करने के साथ फूल उत्पादन से आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं। अविनाश की माने तो लोग अपने हाथ की कला को दूसरे देशों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर उसी गुण का अपने ही देश में इस्तेमाल किया जाए तो अधिक पैसे के साथ ही पूरा सम्मान भी मिलता है।
फूलों की उत्तर-पूर्वी राज्यों में काफी अधिक मांग है। बढ़ती मांग को देखते हुए उसने फूलों के उत्पादन में भी वृद्धि कर दी है। बता दें कि फूलों की खेती के लिए मिरिक की जलवायु सबसे उपयुक्त व अनुकूल मानी जाती है। समुद्र की सतह से पांच हजार आठ सौ फीट की उंचाई पर स्थित मिरिक के ज्यादातर गांवों में किसी भी प्रकार के फूल का उत्पादन किया जा सकता है। यही कारण है कि मिरिक के हर घर की बालकनी में रंग-बिरंगे फूल खिले देखने को मिल जाते हैं। जब हर जगह पतझड़ का मौसम है, उस समय भी महकमा के अधिकांश गांवों व बस्ती में फूल खिले नजर आ रहे हैं। फूलों की सुंदरता देखने के लिए देशी व विदेशी पर्यटक भी भ्रमण के लिए आते हैं।