अशोक भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
-दार्जिलिंग मोड़ के सड़क चौड़ीकरण से लेकर महानंदा नदी पर दो और ब्रिज निर्माण की आवश्यकता
-दार्जिलिंग मोड़ के सड़क चौड़ीकरण से लेकर महानंदा नदी पर दो और ब्रिज निर्माण की आवश्यकता समेत अन्य समस्याओं का किया उल्लेख
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर में बढ़ते ट्रैफिक जाम, दार्जिलिंग मोड़ अंतर्गत सड़क चौड़ीकरण व महानंदा नदी पर दो और ब्रिज निर्माण समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर सिलीगुड़ी के विधायक व सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड के चेयरमैन अशोक भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर है। इसकी पहचान सिर्फ आर्थिक व वाणिज्यिक दृष्किोण से ही नहीं, बल्कि इसे पूर्वोत्तर भारत का गेटवे भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यहां पर स्थाई व अस्थाई तौर पर काफी संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है। इससे इसका सीधा प्रभाव ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ता है। ट्रैफिक जाम की वजह से एक ओर आर्थिक नुकसान हो रहा है तो दूसरी ओर वातावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार ने ट्रैफिक जाम समस्या से निजात दिलाने के लिए कुछ पहल की थी। जिसमें मुख्य सड़कों से वाहनों का दबाव कम करने के लिए वैकल्पिक सड़क का निर्माण कार्य हो रहा था।
इनमें मुख्य रूप से इस्टर्न बाइपास का निर्माण उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल जाने के लिए महानंदा नदी पर ब्रिज का निर्माण, शहर में दो-दो फ्लाई ओवर ब्रिज समेत अन्य कार्य किए गए थे। उसी समय ड्राइ पोर्ट का कार्य शुरू किया गया था। वर्तमान समय में सिलीगुड़ी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए दार्जिलिंग मोड़ व मल्लागुड़ी में सड़क चौड़ीकरण को लेकर विशेष प्रोजेक्ट पर कार्य करना होगा। जरूरत पड़ने पर महानंदा नदी पर दो और ब्रिज का निर्माण किया जाना चाहिए। सिलीगुड़ी में आधुनिक पार्किंग स्थल तैयार किया जाना चाहिए। रेलवे अथवा केंद्र तथा राज्य सरकार के जमीन पर रहने वाले लोगों को उक्त जमीन का अधिकार मिले, इसकी व्यवस्था की जानी चाहिए। सिलीगुड़ी की जनसंख्या के हिसाब से एक और जल परियोजना शुरू करने की जरूरत है, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सिलीगुड़ी को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल करने के लिए राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए। ताकि इसके लिए केंद्र सरकार से राशि प्राप्त हो सके।