अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस उत्सव में आज शाम बांग्लादेश व कोलकाता के संगीत शिल्पी जमाएंगे रंग
मंगलवार शाम से दीनबंधु मंच में शुरू अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस उत्सव में आज बुधवार की शाम कोलकाता व बांग्लादेश के संगीत कलाकार अपना प्रोग्राम पेश करेंगे।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 10:34 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 10:34 AM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (21 फरवरी) के उपलक्ष्य में शहर की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था 'संप्रीति' (सिलीगुड़ी) के आयोजन में तीन दिवसीय उत्सव मंगलवार शाम से दीनबंधु मंच में शुरू हो गया। शहर के जाने-माने शिक्षाविद्-भाषाविद् 'बंग रत्न' प्रोफेसर समर चक्रवर्ती ने मुख्य अतिथि के रूप में इसका शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा से बढ़कर अन्य कोई भाषा नहीं। कोई भी व्यक्ति अपनी मातृभाषा में जितना सोच सकता है और व्यक्त कर सकता है, वह अन्य किसी भी भाषा में संभव नहीं है। इसलिए हम सभी को अपनी-अपनी मातृभाषा से तन-मन-धन से प्रेम करना चाहिए। अतिथियों ने मातृभाषा शहीदों को नमन भी किया।
इस शाम दीनबंधु मंच में स्थानीय कलाकारों ने नृत्य-संगीत भरा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भी खूब समां बांधा, जिसका लोगों ने भरपूर आनंद उठाया। इस उत्सव के तहत आज बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे से बांग्लादेश से आए संगीत शिल्पी सुकांत च्रकवर्ती व कोलकाता से आए संगीत शिल्पी अभिजीत मजूमदार के सानिध्य में सांस्कृतिक संध्या आयोजित होगी। तीसरे व अंतिम दिन गुरुवार को दिन के 11:30 बजे महानंदा ब्रिज के निकट स्थित मास्टर दा सूर्यसेन की प्रतिमा के निकट से मातृभाषा दिवस की शोभायात्र निकाली जाएगी।
इस उत्सव के उद्घाटन समारोह में सिलीगुड़ी सूर्यसेन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रणव कुमार मिश्रा, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के विपक्ष के नेता काजल घोष, युवा नेता विकास सरकार, आयोजक संस्था 'संप्रीति' के अध्यक्ष जयंत कर, कार्यकारी अध्यक्ष ठाकुर पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय (कूचबिहार) के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अभिजीत देव एवं महासचिव डॉ. सुप्रकाश राय समेत सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा से बढ़कर अन्य कोई भाषा नहीं। कोई भी व्यक्ति अपनी मातृभाषा में जितना सोच सकता है और व्यक्त कर सकता है, वह अन्य किसी भी भाषा में संभव नहीं है। इसलिए हम सभी को अपनी-अपनी मातृभाषा से तन-मन-धन से प्रेम करना चाहिए। अतिथियों ने मातृभाषा शहीदों को नमन भी किया।
इस शाम दीनबंधु मंच में स्थानीय कलाकारों ने नृत्य-संगीत भरा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भी खूब समां बांधा, जिसका लोगों ने भरपूर आनंद उठाया। इस उत्सव के तहत आज बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे से बांग्लादेश से आए संगीत शिल्पी सुकांत च्रकवर्ती व कोलकाता से आए संगीत शिल्पी अभिजीत मजूमदार के सानिध्य में सांस्कृतिक संध्या आयोजित होगी। तीसरे व अंतिम दिन गुरुवार को दिन के 11:30 बजे महानंदा ब्रिज के निकट स्थित मास्टर दा सूर्यसेन की प्रतिमा के निकट से मातृभाषा दिवस की शोभायात्र निकाली जाएगी।
इस उत्सव के उद्घाटन समारोह में सिलीगुड़ी सूर्यसेन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रणव कुमार मिश्रा, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के विपक्ष के नेता काजल घोष, युवा नेता विकास सरकार, आयोजक संस्था 'संप्रीति' के अध्यक्ष जयंत कर, कार्यकारी अध्यक्ष ठाकुर पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय (कूचबिहार) के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अभिजीत देव एवं महासचिव डॉ. सुप्रकाश राय समेत सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए।
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