अलीपुरद्वार में कथित आदमखोर तेंदुए को ग्रामीणों ने मार डाला
जलपाईगुड़ी जिले के फालाकाटा इलाके में दहशत का पर्याय बन चुके कथित रूप से आदमखोर तेंदुए को ग्रामीणों ने मार डाला।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 12:30 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 12:30 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। अलीपुरद्वार जिले के फालकाटा में ग्रामीणों ने कथित रूप से आदमखोर तेंदुए को पीट-पीट कर मार डाला। मारे जाने के पहले इसने पांच लोगों को घायल किया था। तेंदुए के मारे जाने की घटना वन अधिकारियों के सामने हुई।
हाल के समय में तेंदुए के हमलों के बाद तीन बच्चों की मौत हो गई थी। वन अधिकारियों का कहना है कि इसी के हमले से बच्चों की मौत हुई थी। इसे मारने की अनुमति मिली थी।
बताया गया कि गुरुवार शाम को रायचेंगा में जलदापाड़ा नेशनल पार्क के करीब स्थित एक चाय बागान के पास तेंदुआ देखा गया। एक किसान नृपेन बर्मन ने तेंदुए को देखा और अलार्म बजाया, जिससे वह भाग निकला और एक नाले में शरण ले ली। इसके बाद वनकर्मियों को सूचना दी गई और जलदापाड़ा से एक टीम पहुंची। सैकड़ों ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए।
एक वन अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों में से कुछ ने तेंदुए को छेड़ना शुरू कर दिया, जिससे वह लोगों पर हमला करने लगा। फिर हमने ग्रामीणों से कहा कि वे चले जाएं और हमें इसे पकड़ने दें। लेकिन उन्होंने नहीं सुना। कुछ समय बाद तेंदुए को बेहोश करने में सफलता मिली। जैसे ही वह बेहोश हुआ, कुछ ग्रामीणों ने उसे लाठी और पत्थरों से मारना शुरू कर दिया। ग्रामीण काफी संख्या में थे और उनको नियंत्रित नहीं किया जा सकता था। अधिकारी ने कहा कि तेंदुए को एक बचाव केंद्र में ले गए, लेकिन उसे मृत पाया गया। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि मारा गया तेंदुआ वह नहीं है, जिसकी तलाश है। वन अधिकारियों ने कहा कि तेंदुए के मारे जाने को लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हाल के समय में तेंदुए के हमलों के बाद तीन बच्चों की मौत हो गई थी। वन अधिकारियों का कहना है कि इसी के हमले से बच्चों की मौत हुई थी। इसे मारने की अनुमति मिली थी।
बताया गया कि गुरुवार शाम को रायचेंगा में जलदापाड़ा नेशनल पार्क के करीब स्थित एक चाय बागान के पास तेंदुआ देखा गया। एक किसान नृपेन बर्मन ने तेंदुए को देखा और अलार्म बजाया, जिससे वह भाग निकला और एक नाले में शरण ले ली। इसके बाद वनकर्मियों को सूचना दी गई और जलदापाड़ा से एक टीम पहुंची। सैकड़ों ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए।
एक वन अधिकारी ने कहा कि ग्रामीणों में से कुछ ने तेंदुए को छेड़ना शुरू कर दिया, जिससे वह लोगों पर हमला करने लगा। फिर हमने ग्रामीणों से कहा कि वे चले जाएं और हमें इसे पकड़ने दें। लेकिन उन्होंने नहीं सुना। कुछ समय बाद तेंदुए को बेहोश करने में सफलता मिली। जैसे ही वह बेहोश हुआ, कुछ ग्रामीणों ने उसे लाठी और पत्थरों से मारना शुरू कर दिया। ग्रामीण काफी संख्या में थे और उनको नियंत्रित नहीं किया जा सकता था। अधिकारी ने कहा कि तेंदुए को एक बचाव केंद्र में ले गए, लेकिन उसे मृत पाया गया। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि मारा गया तेंदुआ वह नहीं है, जिसकी तलाश है। वन अधिकारियों ने कहा कि तेंदुए के मारे जाने को लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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