सीआइआइ मदद करे सिक्किम को जैविक खेती का हब बनने में: एंबालागन
राज्य सरकार ने सिक्किम में जैविक बीजों का हब बनाने के लिए सीआइआइ (कंफिडरेशन ऑफ इंडियन इंड्रस्ट्रीज) मदद देने का आग्रह किया है।
गंगटोक, जेएनएन। राज्य सरकार ने सिक्किम में जैविक बीजों का हब बनाने के लिए सीआइआइ (कंफिडरेशन ऑफ इंडियन इंड्रस्ट्रीज) मदद देने का आग्रह किया है। यह बातें राज्य के कृषि विभाग अंतर्गत आर्गेनिक मिशन के चीफ एग्जिक्यूटिव आफिसर डा. एस एंबालागन ने कही है।
शहर के स्थानीय होटल में सिक्किम खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) संबंधी राज्य के कृषि विभाग की ओर से आयोजित सीआइआइ की उपस्थिति में कार्याशाला आयोजित हुई। इस दौरान खुली वहस एवं अंतरक्रिया भी आयोजित हुई। बहस में उठे सवालों का जवाब देते हुए डा. एंबालागन ने कहा कि राज्य पूरी तरह जैविक खेती वाला राज्य है, लेकिन बाजार प्रबंधन एवं पैकेजिंग में कई खामियां व्याप्त है।
इसके लिए एसपीओ (फालोआन पब्लिक आफरिंग) के जरिए खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयों की स्थापना करने के प्रयास में है। लेकिन राज्य सरकार को इसके लिए मदद चाहिए। जिसमें सीआइआइ ही आदर्श सहयोगी बन सकता है। उन्होंने राज्य के लघु औद्योगिक ईकाइयों के उद्यमियों में क्षमता विकास की जरूरत पर भी बल दिया।
उन्होंने राज्य के उद्यमियों के लिए एफपीओ पंजीकरण ऑनलाइन करने की सुविधा उपलब्ध होने की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त ई-पोर्टल, मंडी, कोल्ड चेन व कोल्ड स्टोरेज के लिए राज्य के एफपीओ का सहयोगी बनने का आग्रह भी किया। इस अवसर पर सिक्किम सीआइआइ के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण औद्योगिक ईकाइयों की स्थापना के लिए पूरी मदद प्राप्त करने की संभावना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राज्य में आवश्यक ढाचा के निर्माण को जरूरी बताया।
सीआइआइ सिक्किम के सदस्य सोनी विर्दी ने राज्य की मिट्टी पूरी तरह जैविक होने तथा यहां उत्पादित सभी कृषि उत्पादनों का जैविक होने की वजह से काफी मांग होने के बारे में जानकारी दी। लेकिन राज्य के एफपीओ व सीआइआइ के बीच बाजार व्यवस्थापन के लिए सामूहिक पहल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सीआइआइ, नई दिल्ली के प्रधान सलाहकार लेफ्टीनेंट जनरल (अप्रा) जयप्रकाश नेहरा उत्तर, सदस्य सोनी विर्दी,सुश्री लक्ष्मी लिंबू कौशल निदेशक औरा प्रमुख उत्तर बंगाल और सिक्किम भारतीय उद्याोग परिसंघ सिलीगुड़ी सुश्री दलिया डे उप निदेशक भारतीय उद्योग कोलकाता आदि मौजूद रहीं।