अजीत पवार के साथ सरकार बनाना था हमारा दुर्भाग्य : सुशील मोदी
महाराष्ट्र की तर्ज पर बिहार में जदयू से अलगाव की संभावना से किया इन्कार कहा-बिहार में विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेंगे
कोलकाता , जागरण संवाददाता। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के अनुसार महाराष्ट्र में राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बनाना भाजपा का दुर्भाग्य था। अजीत पवार बहुमत के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या जुटा लेंगे, यह भरोसा करना शायद भाजपा पर भारी पड़ा। कोलकाता महानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के अनुसार महाराष्ट्र की घटना एक दुर्भाग्य थी, चूक नहीं।
गौरतलब है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में देवेंद्र फड़नवीस ने कुछ विधायकों के साथ राकांपा से अलग हुए अजीत पवार के साथ मिलकर दूसरी बार सीएम का पद संभाला, हालांकि अजीत पवार आवश्यक संख्या बल नहीं जुटा पाए, और 80 घंटों में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इस बीच अजीत पवार वापस राकांपा में लौट गए और शिवसेना ने राकांपा व कांग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया।
महाराष्ट्र की तरह बिहार में नीतीश कुमार के जदयू से अलग होने की संभावना से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों दल बिहार की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं। बिहार के विकास के मुद्दे पर दोनों दल एकमत हैं।
उन्होंने दावा किया कि 2013 में दोनों दलों के बीच हुए अलगाव के बाद फिर से एक हुए दोनों दलों के संबंध प्रगाढ़ हैं। सुशील मोदी ने फिर से स्पष्ट किया कि भले ही अभी बिहार विधानसभा चुनाव दूर हो, लेकिन हम मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार को ही सामने रखेंगे और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।
सीट बंटवारे को लेकर किसी भी विवाद की संभावना से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि इतने वर्षों से जिस सौहार्दपूर्ण तरीके से हम सीटों का बंटवारा कर रहे हैं, इस बार भी वही होगा।
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सुशील कुमार मोदी ने पुलिस की थ्योरी को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि कैसे चारों अपराधी भाग सकते, जब पुलिस अपराधियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची तो क्या सुरक्षा का कोई इंतजाम वहां नहीं था।