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लॉकडाउन से फिलहाल प्रदूषण को बाय-बाय

-एयर क्वालिटी इंडेक्स में जोरदार सुधार -ध्वनि और जल प्रदूषण में भी काफी सुधार -सुबह होत

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 07:10 PM (IST)
लॉकडाउन से फिलहाल प्रदूषण को बाय-बाय
लॉकडाउन से फिलहाल प्रदूषण को बाय-बाय

-एयर क्वालिटी इंडेक्स में जोरदार सुधार

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-ध्वनि और जल प्रदूषण में भी काफी सुधार

-सुबह होते ही चिड़ियां करने लगती है चह-चह

जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी:

कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत समेत दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन चल रहा है। एक जगह से दूसरे जगह के लिए आवाजाही बिल्कुल ही बंद है। लॉकडाउन से लोग अपने घरों में एक तरह से कैद हैं। सड़कों पर नाम मात्र के ही वाहन दिख रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन का सबसे बेहतर नतीजा वायु प्रदूषण को लेकर दिख रहा है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण व जल प्रदूषण पर भी इसका बेहतर नतीजा देखने को मिल रहा है। पूरे देश के साथ-साथ सिलीगुड़ी में भी इसका बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। वायु प्रदूषण में किस कदर सुधार हुआ है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को सुबह 11 बजे सिलीगुड़ी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 154 पीएम था। इसे सिलीगुड़ी के स्तर पर बेहतर कहा जा सकता है। सिलीगुड़ी के संदर्भ में देखा जाए तो 25 मार्च से पहले यानी लॉक डाउन शुरू होने से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स हमेशा 200 से ऊपर रहता था जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा नहीं माना जाता है।

इस बारे में पर्यावरणविद तथा हिमालयन नेचर एंड एडवेंचर फाउंडेशन के संयोजक अनिमेष बोस का कहना है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार होना सिलीगुड़ी के लिए बहुत ही अच्छा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से ना सिर्फ वायु प्रदूषण में सुधार हुआ है बल्कि ध्वनि प्रदूषण व जल प्रदूषण में भी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी में कोई बड़े कल कारखाने तो नहीं है, लेकिन जितनी मात्रा में प्रत्येक दिन शहर में वाहनों का आवागमन होता था इससे वायु प्रदूषण का लेबल काफी ज्यादा हो जाता था। वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक तो है ही साथ ही प्रकृति को भी काफी नुकसान होता है। पेड़ पौधों के प्रदूषित होने से पक्षियों की भी संख्या घटने लगती थी। लेकिन अब पक्षी भी सुबह-सुबह चहचाहने लगते हैं। उन्होंने कहा कि महानंदा नदी के आसपास काफी संख्या में गैरेज हैं, जिनका गंदा पानी नदी में जाता था तथा नदी प्रदूषित होती थी। लॉकडाउन की वजह से गैरेज बंद है। गंदा पानी नदियों में नहीं जा रहा है तथा जल प्रदूषण में भी कमी देखने को मिल रही है। बोस ने कहा की नैफ हमेशा से ही शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए आवाज उठाते रहा है। फिलहाल यह लॉक ाउन से तो कम है, लेकिन चिंता इस बात की है लॉकडाउन खत्म होने के बाद एक बार फिर से प्रदूषण बढ़ने लगेगा, जिसे नियंत्रण कर पाना मुश्किल होगा। प्रशासन को चाहिए खासकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग को अभी से ही वायु प्रदूषण को रोकने को लेकर कारगर कदम उठाना चाहिए।


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