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उपचुनाव नतीजों के बाद कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला, पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़

बंगाल में उपचुनाव नतीजों के बाद कई जगहों पर हिंसा की खबरें मिली हैं। प मेदिनीपुर के बेलदा में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भाजपा का पार्टी कार्यालय जबरन दखल करने का आरोप है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 03:47 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 03:47 PM (IST)
उपचुनाव नतीजों के बाद कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला, पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़
उपचुनाव नतीजों के बाद कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला, पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़

कोलकाता,एजेंसी। पश्चिम बंगाल में उपचुनाव नतीजों के बाद कई जगहों पर हिंसा की खबरें मिली हैं। पश्चिम मेदिनीपुर के बेलदा में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भाजपा का पार्टी कार्यालय जबरन दखल करने का आरोप लगा है। इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना भी घटी है।

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पश्चिम बंगाल की सियासत में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद एक बार फिर गर्माहट आ गई है। तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इसके अलावा उत्तर 24 परगना के खरदह तथा नैहाटी में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटनाएं प्रकाश में आई है। इसमें अनेक कार्यकर्ता जख्मी हो गए हैं।  

लोकसभा चुनाव के समय से ही प्रदेश की सत्ताधारी टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ताओं में झड़प की कई घटनाएं हो चुकी हैं भाजपा सांसद अर्जुन सिंह पर भी हमले हुए, इन हमलों के लिए भी टीएमसी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है। हिंसक झड़पों में अब तक दोनों दलों के दर्जनों समर्थकों की जान जा चुकी है। 

भाजपा का आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पानपुर, नैहाटी, मद्राल और बैरकपुर में चार भाजपा कार्यालयों पर कब्जा करने की कोशिश की। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा का झंडा उतारकर अपना झंडा लगा दिया। 

निकाय चुनाव से पहले बैरकपुर में बढ़ेगी थानों की संख्या

जानकारी के अनुसार आबादी और क्षेत्रफल के लिहाज से बंगाल के बड़े जिलों में शुमार उत्तर 24 परगना में 2020 में होने जा रहे निकाय चुनाव से पहले थानों की संख्या में वृद्धि करने का सरकार ने फैसला किया है। वर्तमान में बैरकपुर कमिशनरेट में थानों की संख्या 15 है, जिसे बढ़ा कर 20 किया जाएगा। इस बाबत राज्य के गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी भी मिल चुकी है। विगत 25 नवंबर को गृह विभाग के सचिव की ओर से अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। इसके बाद ही थानों को तोड़ कर अलग थाना बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

पहले चरण में खड़दह थाने को तोड़ कर रहड़ा, दमदम थाने को तोड़ कर नागेरबाजार और बरानगर थाने को तोड़ कर कमरहंट्टी थाना बनाया जाएगा। उधर, जगदल थाने को तोड़ कर भाटपाड़ा थाने का गठन भी हो चुका है, जो काम भी करने लगा है। इसका मूल मकसद कल्याणी एक्सप्रेस वे के आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और चौकस करना है।

यही नहीं, भाटपाड़ा थाना क्षेत्र में पांच एकड़ जमीन पर नया पुलिस लाइन बनाने का भी फैसला किया गया है। इसके अलावा दक्षिणेश्वर थाने को भी तोड़ कर एक और थाना बनाने का फैसला लिया गया है। बैरकपुर के पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने की मानें तो आने वाले समय में नैहंट्टी, बीजपूर और टीटागढ़ थानों को भी तोड़ कर अलग थाना बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि थानों की संख्या बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने साल 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बैरकपुर कमिशनरेट क्षेत्र में थानों की संख्या बढ़ा कर 40 तक करने का संकेत दिया है। खबर है कि थानों की संख्या के अलावा अधिकारियों के नए पद का भी श्रृजन और वृद्धि किया जाएगा। इस कड़ी में डिप्टी कमिश्नर पद की संख्या बढ़ा कर डीसी-नॉर्थ, डीसी-सेंट्रल और डीसी-साउथ पद का श्रृजन होगा।

आठ पालिकाओं को मिला कर बैरकपुर नगर निगम बनाने की पहले ही हो चुकी है घोषणा उत्तर 24 परगना जिले को विशेष महत्व देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर बैरकपुर, नैहंट्टी, हालीशहर, भाटपाड़ा, गारुलिया, बैरकपुर उत्तर और बैरकपुर समेत आठ नगरपालिका को तोड़ कर बैरकपुर नगर निगम बनाने की पहले ही घोषणा की जा चुकी है। सरकार की ओर से प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

सूत्रों की मानें तो 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बैरकपुर नगर निगम बनाने का काम पूरा कर लेने का लक्ष्य भी निर्धारित हो चुका है। भाजपा और सांसद अर्जुन सिंह के बढे दबदबे को कम करने की योजना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बैरकपुर को नगर निगम और बैरकपुर थानों में वृद्धि के फैसले को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है।

जानकारी इसे बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के बढ़े वर्चस्व और पार्टी की बढ़ती शाख को कम करने तृणमूल सरकार की योजना बता रहे हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान तृणमूल छोड़ कर अर्जुन सिंह के भाजपा में शामिल होने और बैरकपुर लोकसभा केंद्र से चुनाव लड़ने को तृणमूल के लिए मान सम्मान की लड़ाई हो गई थी। तब जमकर हिंसा भी हुई थी और कई लोगों की मौत भी हुई। बावजूद इसके अर्जुन सिंह जीत गए थे। इसके बाद तृणमूल में जबरदस्त टूट शुरू हुई और एक-एक कर कई पालिकाओं पर बिना चुनाव हुए ही भाजपा का कब्जा हो गया। इसे लेकर अर्जुन सिंह के गढ़ भाटपाड़ा में करीब दो महीने तक हिंसा हुई, जिसमें आधा दर्जन लोग मारे गए। हालांकि तृणमूल ने दोबारा वापसी की और एक-एक कर फिर से अपने लोगों की पार्टी में वापसी करवाई और पालिकाओं पर दोबारा कब्जा कर लिया।


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