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100 दिन बाद फिर पटरी पर छुक-छुक करने लगेगी टॉय ट्रेन

अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में जारी बंद का असर यहां की विरासती टॉय ट्रेन पर भी पड़ा। अब फिर पटरी पर छुक-छुक करने लगेगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 04 Oct 2017 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2017 05:23 PM (IST)
100 दिन बाद फिर पटरी पर छुक-छुक करने लगेगी टॉय ट्रेन
100 दिन बाद फिर पटरी पर छुक-छुक करने लगेगी टॉय ट्रेन

कोलकाता, [जागरण संवाददाता]। अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में जारी बंद का असर यहां की विरासती टॉय ट्रेन पर भी पड़ा है। अब जबकि स्थिति सामान्य होने लगी है संभव है कि अगले हफ्ते से यहां टॉय ट्रेन एक बार फिर पटरी पर छुक-छुक करने लगेगी।

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बताया गया है कि करीब 100 से अधिक दिनों तक बंद टॉय ट्रेन को चलाने के लिए दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) की ओर से काम तेजी से चलाया जा रहा है। इसे लेकर ट्रैक निरीक्षण का काम शुरू हो चुका है। डीएचआर की ओर से बताया गया है कि फिलहाल ट्रेन का संचालन दार्जिलिंग से धूम के बीच शुरू किया जाएगा। डीएचआर के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि फिलहाल ट्रैक निरीक्षण का काम चल रहा है।

बंद और विरोध प्रदर्शन के दौरान 40 जगहों पर ट्रैक को नुकसान पहुंचा है। यही वजह है कि सिलिगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच टॉय ट्रेन की सेवा शुरू करने में अभी थोड़ा विलंब हो सकता है। इसबीच बंद के दौरान जिन स्टेशनों को नुकसान पहुंचाया गया है उसके मरम्मत कार्य के लिए युनेस्को के साथ बातचीत जारी है।

बताते चलें कि बेमियादी बंद व विरोध प्रदर्शन के कारण कारण दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) को करीब 2.5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। यहां टॉय ट्रेन सेवा 12 जून से ही निलंबित है। इस साल 12 जून तक डीएचआर को कुल 3.05 करोड़ रुपए कमाई हुई।

उल्लेखनीय है कि इस हेरिटेज ट्रेन का संचालन एनएफआर के तहत होता है। यूनेस्को ने दो दिसंबर,1999 को डीएचआर को विश्व विरासत का दर्जा दिया था। बंद के दौरान आंदोलनकारियों ने डीएचआर के सोनादा और गयाबाड़ी स्टेशनों में तोड़फोड़ भी की थी। पहाड़ पर हेरिटेज ट्रेन का आनंद लेने के लिए काफी लोग आते हैं।

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