आईशी ने भाजपा पर बोला हमला,लेकर रहेंगे आजादी के लगे नारे
रातनीति -विरोध करने पर ही आतंकवादी कहती है सरकार -ना तो युवा और ना ही किसान हैं सु
रातनीति
-विरोध करने पर ही आतंकवादी कहती है सरकार
-ना तो युवा और ना ही किसान हैं सुरक्षित
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:
नेताओं और जनप्रतिनिधियों के द्वारा तिरंगा फहराना देश की आजादी नहीं आती है। ऐसी आजादी को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया नहीं मानती। वास्तव में आजादी तब होगी जब देश या प्रदेश में एक-एक छात्र पूरी तरह सुरक्षित होंगे। यह कहना है जेएनयू छात्र संगठन की नेता आईशी घोष का। मंगलवार को दिल्ली से सिलीगुड़ी पहुंची घोष एसएफआई की 50वीं वर्षगाठ पर आयोजित रैली के पूर्व छात्रों को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान वह केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसी। इसके साथ ही लेकर रहेंगे आजादी के नारे भी लगे। घोष ने कहा जवाहरलाल नेहरू यूनिवíसटी मैं जिस प्रकार कथित राष्ट्रवादी तत्वों ने हॉस्टल में घुसकर छात्र छात्राओं को पीटा उससे स्पष्ट है कि देश में गणतंत्र नहीं है। देश की सरकार अडानी और अंबानी के हाथों कठपुतली बनी हुई है। यही कारण है कि पूरे देश में ना छात्र सुरक्षित हैं और ना किसान। समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए रोज नए-नए ड्रामे किए जाते हैं। उन्होंने कहा, कोई व्यक्ति जो सरकार को पसंद नहीं आ रहा है, उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और जेल भेजा सकता है। लोगों के प्रदर्शन के अवसर और मुक्त चर्चा सीमित कर दी गई है या बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि एसएफआई ने स्थापना दिवस पर कई फैसले लिए हैं। जिसके तहत कॉलेज,स्कूल और यूनिवíसटी को सैनिटाइज करते हुए पढ़ाई शुरू करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा जिस प्रकार पूरे देश में 70 फीसदी छात्र अपनी पढ़ाई बंद कर रहे हैं, वह देशहित में नहीं है। ऐसी आजादी भगत सिंह और खुदीराम बोस ने नहीं सोची थी। एसएफआई की माग पर सरकार अगर ध्यान नहीं देती है तो सड़क पर उतर कर आदोलन किया जाएगा।
युवा वर्ग नोबेल विजेता के साथ विश्वभारती की जमीन पर अवैध कब्जा करने को लेकर विवादों में घिरे नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का बचाव करते हुए उन्होंने केंद्र पर हमला बोला। केंद्र सरकार के खिलाफ विचार रखने के लिए भाजपा द्वारा नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेन के विचार केंद्र सरकार के खिलाफ हैं, इसीलिए भाजपा उनको निशाना बना रही है। ठीक उसी तरह जैसे मेरे राजनीतिक विचारों के लिए मुझ पर हमला किया जा रहा है। इसका जवाब युवाओं द्वारा दिया जाएगा। युवा अमर्त्य सेने के साथ हैं।
नारेबाजी के साथ रैली की शुरूआत
एसएफआई की रैली में बाघाजतिन पार्क से शुरू हुई। इसमें जमकर लेके रहेंगे आजादी के नारे लगे। रैली बाघाजतिन पार्क से निकलकर शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरी। इसमें माकपा नेता और पूर्व मंत्री अशोक नारायण भट्टाचार्य, शकर घोष , समन पाठक, जीवेश सरकार सहित बड़ी संख्या में एसएफआई और डीवाईएफ के समर्थक शामिल थे।