सिलीगुड़ी में पिछले 21 दिनों के अंदर ही कोरोना के 5433 मामले मिले, बिगड़ सकती है स्थिति
नए साल के पहले दिन से ही सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोविड के मामलों लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। चिकित्सकों को कहना है कि यदि लोग कोरोना के प्रति लापरवाह होंगे तो इसके गंभीर परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रोन के खतरे के मद्देनजर नए साल के पहले दिन से ही सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना के मामलों लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनवरी महीने के प्रथम दिन से ही हर दिन नए मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई। इसका परिणाम यह रहा कि पिछले वर्ष मई महीने के बाद पहली बार यानी सात महीने बाद पहली प्रथम तीन सप्ताह में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं अगर बीते महीने दिसंबर की तुलना करें, तो दिसंबर 2021 के प्रथम तीन सप्ताह की अपेक्षा जनवरी 2022 के प्रथम तीन सप्ताह में 10 गुना ज्यादा मामले सामने आए हैं।
10 गुणा मामले बढ़ गए
दार्जिलिंग जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 के पहले प्रथम तीन सप्ताह यानी एक दिसंबर से लेकर 21 दिसंबर तक सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना के 400 के लगभग मामले सामने आए थे। वहीं इस महीने जनवरी के प्रथम तीन सप्ताह यानी पिछले 21 दिनों के अंदर ही कोविड के 5433 मामले सामने आ चुके हैं। इस तरह से देखा जाए, तो गत महीने की अपेक्षा 10 गुना से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालांकि इस दौरान तीन हजार से ज्यादा मरीजों ने कोरोना से जंग जीतने में कामयाब हुए हैं। वहीं इस महीने एनबीएमसीएच में कोरोना संक्रमित 11 मरीजों की मौत हो चुकी है।
बढ़ी स्वास्थ्य विभाग की चिंता
इधर जनवरी महीने में पांच हजार से ज्यादा मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। चिकित्सकों को कहना है कि यदि लोग कोरोना के प्रति लापरवाह होंगे, तो इसके गंभीर परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिल सकते हैं। लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाना नहीं भूलना चाहिए। नवंबर की बात करें, तो नवंबर महीने में भी सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में छह सौ से भी ज्यादा मामले दर्ज किए गए। जबकि 21 मरीजों की मौत कोरोना के संक्रमण से हुई थी। हालांकि गत वर्ष मई महीने में कोरोना ने नए संक्रमण व मौत के मामलों में अपना सारा रिकार्ड तोड़ दिया था। मई महीने में सिलीगुड़ी व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वायरस के लगभग 15 हजार मामले सामने आए थे। जबकि 338 मरीजों की मौत कोरोना के संक्रमण से हुई थी।
घबराने से अच्छा है, कोविड गाइडलाइन का पालन
वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बारे में एनबीएमसीएच के अधीक्षक व जाने माने वायरोलॉजिस्ट डॉ संजय मल्लिक का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामले और नए ओमिक्रोन वैरियंट हो इसे घबराने से अच्छा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को मास्क का उपयोग करना कभी नहीं भूलना चाहिए। हाथ को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें, भीड़ वाले इलाके में जाने से बचे। जरूरत पडऩे पर ही बाजार जाएं, तथा बाजार करने के बाद तुरंत वापस आ जाएं। अनावश्यक गतिविधियों से बचना चाहिए। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने पर अत्यधिक महत्व दिया जाना चाहिए।
उन्होंंने कहा कि कोलकाता में कोरोना के मामले बढऩे के सबसे बड़ा कारण लोगों की लापरवाही है। लोगों मास्क पहनना छोड़ दिए थे। भीड़ का हिस्सा बनने लगे थे। ऐसी लापरवाही सिलीगुड़ी में भी लोग कर रहे थे, जिसके परिणाम स्वरूप कोलकाता जैसी स्थिति यहां भी होने लगी है।