पांच करोड़ लेकर फरार-2
सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर हुआ पूरा फर्जीवाड़ा -किसी को जमीन तो किसी क
सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर हुआ पूरा फर्जीवाड़ा
-किसी को जमीन तो किसी को दुकान दिलाने के नाम पर ऐंठे पैसे
-पत्नी की भी पता नहीं कि आखिर कहां है महादेव सरकार
-पीड़ितों ने सात नवंबर को तृणमूल जिला अध्यक्ष से की थी मुलाकात
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एक तृणमूल नेता द्वारा लोगों से पांच करोड़ रुपये से भी अधिक ऐंठ कर फरार होने के पीछे की कहानी हैरान करने वाली है। आरोप है कि लोगों को सरकारी काम काज का फर्जी हवाला देकर इस घोटाले को 46 नंबर वार्ड तृणमूल नेता महादेव सरकार ने अंजाम दिया है। इसके अलावे चंपासारी में दुकान दिलाने, रेगुलेटेड मार्केट में स्टॉल दिलाने व जमीन दिलाने के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया गया। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर गरीबों को भी निशाना बनाया गया। यहां बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद वार्ड में तृणमूल कांग्रेस दो गुटों में बंट गई है। एक गुट ने इस घोटाले में एक अन्य तृणमूल नेता दिलीप वर्मन के भी शामिल होने का आरोप लगाया है। लोगों को कहना है कि करोड़ो रुपये हजम करने वाले महादेव सरकार व दिलीप वर्मन के बीच काफी गहरी दोस्ती है। बीते नगर निगम चुनाव के समय भी टिकट को लेकर वार्ड तृणमूल दो गुटों में बंट गई थी। दिलीप वर्मन ने बगावती तेवर भी अपना लिया था। महादेव सरकार उस समय भी दिलीप वर्मन के साथ था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रुपये ऐंठने का यह जाल करीब दस वर्ष पहले बुना गया था। सिलीगुड़ी से सटे माटीगाड़ा के चांदमुनी स्थित टाउनशिप के लिए 400 एकड़ चाय बागान को उजाड़ा गया था। यहां बसे कई चाय श्रमिक और उनके परिवार भी उजड़ गए थे। तब इनके पुर्नवास की मांग की गई थी। इसको लेकर एक कमिटी भी बनी थी। महादेव सरकार भी उस कमिटी का सदस्य था। आरोप है कि सबसे पहले इसी का फायदा उठाकर उसने जाल बुनना शुरू किया। सूत्रों के अनुसार उसने अफवाह फैलाई कि सरकार पीड़ित 172 परिवारों को चांदमुनी से सटे इलाके में पुर्नवास की व्यवस्था करेगी। उसके बाद सभी को पुनर्वास दिलाने की बात उसने कही। पुनर्वास के नाम पर उसने कई चाय श्रमिकों से पैसे लिए। हांलाकि यह रकम ज्यादा नहीं थी,लेकिन पैसे बनाने के तरीके उसने सीख लिए। उसके बाद आरोप है कि न्यू दार्जिलिंग मोड़ से सटे इलाके में एक खाली जमीन दिखाकर उसने लोगों से रूपए वसूलना शुरू किया। जमीन की लालसा में 46 नंबर वार्ड के समर नगर इलाका वासियों ने महादेव को पैसे दिए। इसके बाद चंपासारी मोड़ स्थित पेट्रोल पंप के पीछे सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट से सटी करीब 2 कट्ठा जमीन पर इसकी नजर पड़ी। उस जमीन को कब्जे में लेकर उसमें दुकान बनाकर लोगों को बांटने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये लिए। आरोप यह भी है कि इस जमीन को कब्जे में लेने के लिए महादेव सरकार ने दिलीप वर्मन के साथ कई बार कोलकाता की यात्रा भी की। लेकिन बाद में महादेव का संदेहास्पद रवैया देखकर दिलीप वर्मन ने अपना पैर वापस खींच लिया। उस दो कट्ठा जमीन में 13 दुकानें बनाकर बेचने की योजना बनाई गई थी। इसके अलावे चंपासारी से प्रधान नगर को जाने वाली निवेदिता रोड पर सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा एक मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाने की हवाबाजी कर उसमें भी लोगों को दुकान दिलाने के नाम पर रुपये लिए गए। अब करीब एक महीने से महादेव सरकार फरार है। अपना कमाया धन उसके हवाले कर फंसे लोग रोजाना उसके घर का चक्कर काट रहे हैं। समर नगर इलाके में महादेव सरकार का अपना घर है। उसकी पत्नी को भी महादेव के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
क्या कहना है एक पीड़ित का
ऐसे ही करीब 14 लाख रूपए देकर महादेव के चक्रव्यूह में फंसने वाले समर नगर निवासी श्यामल भद्र ने बताया कि जमीन व दुकान दिलाने के लिए उसने महादेव को रुपये दिये। लेकिन पिछले काफी समय से महादेव ने दुकान व जमीन देने की बात को टालना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने मिलना जुलना भी बंद कर दिया, और अब फरार है। श्यामल भद्र ने बताया कि चांदमुनी इलाके में सरकारी योजना के तहत गरीबों को जमीन दिलाने व निवेदिता रोड किनारे बनने वाले मार्केट कॉम्प्लेक्स में दुकान दिलाने के नाम पर महादेव सरकार ने 400 से भी अधिक लोगों से रूपया लिया है। यहां तक कि जमीन व दुकान की लालच में दूसरे के घरों में परिचारिका का काम करने वाली कई महिलाओं ने भी महादेव को अपने जीवन भर की जमा पूंजी थमा दी।
डायरी और स्टांप पेपर पर लिख कर दिया
पीड़ितों के पास महादेव सरकार को दिए रुपये का पूरा हिसाब है। किसी से डायरी में लिखकर हस्ताक्षर कर तो किसी को स्टांप पेपर पर लिखकर महादेव ने रुपये लिए हैं। अब तक सामने आए पीड़ितों से प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक महादेव सरकार करीब पांच करोड़ रूपया लेकर फरार है। समर नगर में ही महादेव का घर है। लेकिन उसके घर सहित पूरी जमीन को बेचने से प्रत्येक पीड़ित को कुछ खास नहीं मिलेगा। श्यामल भद्र ने आगे बताया कि 7 नवंबर को सभी पीड़ित वार्ड तृणमूल नेताओं के साथ सेवक मोड़ स्थित दार्जिलिंग जिला तृणमूल कार्यालय विधान भवन पहुंचे थे। वहां तृणमूल के जिलाध्यक्ष रंजन सरकार से मामले की मौखिक शिकायत की है। उन्होंने लिखित शिकायत करने की सलाह दी है। वे लोग लिखित शिकायत करने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
क्या कहते हैं तृणमूल नेता
वहीं दूसरी ओर तृणमूल जिलाध्यक्ष रंजन सरकार ने कहा कि उन्हें लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर वे अवश्य कार्यवाई करेगें। जबकि दिलीप वर्मन ने आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि महादेव से लूटे कई पीड़ितों को उन्होंने आर्थिक सहायता की है। वास्विकता यह है कि उनका भी लाखों रुपया लेकर महादेव फरार है।