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प्रसेनजीत को नहीं मिली जमानत

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी रिमाड के बाद शुक्रवार को एनजीपी ड्राई पोर्ट में मारपीटरंगदारी मा

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 10:37 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 10:37 PM (IST)
प्रसेनजीत को नहीं मिली जमानत
प्रसेनजीत को नहीं मिली जमानत

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी: रिमाड के बाद शुक्रवार को एनजीपी ड्राई पोर्ट में मारपीट,रंगदारी मागने और तोड़फोड़ मामले में गिरफ्तार तृणमूल काग्रेस ट्रेड यूनियन के निष्कासित नेता प्रसेनजीत राय समेत अन्य 14 आरोपियों को कोर्ट से जमानत नहीं मिली। सभी को 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है। जमानत नहीं मिलने पर एजेपी क्षेत्र में उनके समर्थकों मैं भारी असंतोष है। पिछले महीने की चार तारीख को न्यू जलपाईगुड़ी के ड्राई पोर्ट और टी पार्क में बवाल मचाने वाले निष्कासित तृणमूल काग्रेस ट्रेड यूनियन नेता प्रसेनजीत राय को पड़ोसी राज्य असम से गिरफ्तार किया गया था। 21 फरवरी को उसकी गिरफ्तारी हुई थी।

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सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की एक टीम उसको गुवाहाटी से विमान में लेकर बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंची थी। मंगलवार दिन के दो बजे पुलिस टीम उसे लेकर बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंची। बुधवार को उसको कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी को नौ दिनों की पुलिस रिमाड पर भेज दिया था। मिली जानकारी के अनुसार बचाव पक्ष ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि जिस दिन प्रोजेक्ट में तोड़फोड़ की घटना हुई थी,वह वहा नहीं था। दूसरी ओर प्रसेनजीत ने शुक्रवार को फिर एक बार पेशी के क्रम में संवाददाताओं को बताया कि इलाके में वह तृणमूल के नेता थे। अभी भी उसकी आस्था तृणमूल काग्रेस के प्रति ही है। वह किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हो रहे है। उसने खुद को निर्दोष बताते हुए फंसाने का आरोप लगाया। ड्राई पोर्ट में तोड़फोड़ एवं हंगामा करने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर न्यू जलपाईगुड़ी थाने की पुलिस ने विशेष टीम गठित कर एनजीपी क्षेत्र से एक के बाद एक 10 लोगों को गिरफ्तार किया था जो सभी तृणमूल काग्रेस ट्रेड यूनियन से जुड़े हुए थे। उस समय इसके मुख्य आरोपी प्रसेनजीत फरार हो गया था। ड्राई पोर्ट बनाने वाली कंपनी के पदाधिकारियों ने तोड़फोड़ की सीडी पुलिस को सौंपी है। तोड़फोड़ की घटना के एक दिन पहले प्रसनजीत राय ने साइट पर जो भाषण दिया था, इसकी सीडी भी पुलिस को उपलब्ध करा दी गई थी। इस मामले में भी रिमाड के दौरान प्रसनजीत राय से पूछताछ की गई थी। उसने बैठक और सभा को संबोधित करने की बात स्वीकार भी की थी। देखना यह होगा कि इस मामले में नेताओं की साजिश सफल हो पाती है या आक्रोशित लोगों ऐसे नेताओं को वास्तव में पराजित कर पाते हैं।


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