भारतीय टी वर्कर्स यूनियन ने की गेट मीटिंग
कहा राज्य सरकार श्रमिकों के साथ कर रही भेदभाव जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी भारतीय टी
कहा, राज्य सरकार श्रमिकों के साथ कर रही भेदभाव
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय टी वर्कर्स यूनियन नक्सलबाड़ी प्रखंड कमेटी की ओर से गुरुवार को श्रमिकों के हित में रैली निकाल गेट मीटिंग किया गया। इस दौरान बीटीडब्ल्यू सेंट्रल कमेटी के सचिव उमा शंकर दुबे, नक्सलबाड़ी प्रखंड कमेटी अध्यक्ष जेम्स खालकों, महासचिव रमाशंकर चौधरी, सचिव प्रेम कुमार ओझा, आदि मौजूद थे। प्रेम प्रकाश ओझा ने बताया कि नक्सलबाड़ी क्षेत्र में करीब 30 हजार से अधिक चाय श्रमिक है। ये सभी विभिन्न वार्डो में कार्य करते है। चाय श्रमिकों के सामने कई प्रकार की समस्या है। इसके समाधान के लिए यूनियन लगातार आवाज उठाती रही है। गुरूवार को श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी, स्टाप सब स्टाप का एरियर, जमीन का पट्टा, अतिरिक्त पत्ती तोड़ने का भुगतान, बच्चों के लिए वाहन, सभी को पक्का मकान आदि की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जाता रहा है। राज्य सरकार इन मांगों पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं देती है। इसको लेकर ही बेलगाछी, मारापुर, मांझा, ओआरडी तराई , त्रिहाना, आजमाबाद, अटल, पहाड़ गुमिया में गेट मीटिंग कर बागान मालिकों और राज्य सरकार को चेतावनी दी गयी है। अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा। यूनियन नेताओं ने कहा कि आज चाय श्रमिकों का इतिहास आजादी के पहले का है। उसके बाद भी आज सरकार चलाने वाली पार्टियां कांग्रेस, वाममोर्चा और तृणमूल कांग्रेस की ओर से अबतक उन्हें सिर्फ वोटबैंक के रुप में इस्तेमाल किया गया है। इसको लेकर भाजपा गंभीर है। भाजपा का ट्रेड यूनियन चाय श्रमिकों के वेलफेयर के लिए ही केंद्रीय वजट में 11हजार करोड़ का प्रावधान किया है। उसे भी लागू करने में सरकार आनाकानी कर रही है।