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बंगाल में परिवर्तन की लहर नहीं आंधी है : रथींद्र बोस

-तृणमूल सरकार के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी -आम लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं क

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 12:23 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 09:28 PM (IST)
बंगाल में परिवर्तन की लहर नहीं आंधी है : रथींद्र बोस
बंगाल में परिवर्तन की लहर नहीं आंधी है : रथींद्र बोस

-तृणमूल सरकार के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी

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-आम लोगों की उम्मीदों को पूरा नहीं कर सकीं ममता बनर्जी

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :बंगाल में लोग परिवर्तन का मन बना चुके हैं। इसके लिए जरुरत है मतदाताओं के मन को मतदान में तब्दील करने का। यह कहना है भाजपा के प्रदेश महासचिव रथींद्र बोस का। वे डाबग्राम फूलबाड़ी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बंगाल विद्वानों और क्रांतिकारियों की जमीन रही है। ऐसे में यहां 34 वर्षो बाद जब वामपंथ का पतन हुआ तो तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आयी थी। उसका नारा था मां,माटी और मानुष। यह वह नारा था जिसमें तृष्टिकरण के बिना सबके सपने को साकार करने की आशा जगी थी। पिछले दस वर्षो में यह सपना पूरा होना तो दूर बल्कि और इसमें ग्रहण लग गया। ममता बनर्जी आमलोगों की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी हैं। यही कारण है कि लोग भाजपा की ओर अग्रसर हो रहे हैं। लोगों के अंदर बदलाव का करंट है। यहां के लोग गुजरात, राजस्थान, बिहार, असम के तर्ज पर उद्योग स्थापित कर रोजी रोजगार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बंगाल के अप्रवासी मजदूर और विभिन्न सेक्टर में काम करने वालों ने वहां की व्यवस्था देखी है। अपनों से दूर रहकर इसका दर्द भोगा है। लोग ह बंगाल में गुजरात जैसी विकास की व्यवस्था चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश इसी स्थिति से जब 2014 में गुजर रही थी तब लोगों ने व्यापक बदलाव किया। उसके बाद छोटी-छोटी जरूरतों को जैसे स्वच्छता, शौचालय, आवास, लघु उद्योग की स्थापना की ओर सरकार ने ध्यान दिया। किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान देते हुए उसके लिए कानून बनाया। उत्तर बंगाल की बात करें तो यहां का प्रमुख उद्योग चाय बागान और पर्यटन है। इसकी हालत क्या है वह किसी से छिपी नहीं है। आज बंगाल स्वास्थ्य के मामले में काफी पीछे है। इसलिए यहां आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान योजना और आवास योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए। जनहित के योजनाओं में कोई दलगत राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार के प्रकल्प को रोकने से ही ऐसा लगता है कि सरकार मौज मस्ती में चल रही है। ऐसी सरकार कभी भी टिकाउ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रचार वाहन को तोड़ा जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि सरकार और उससे जुड़े लोग डरे हुए है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विधायक व मंत्री स्वयं स्थिति खराब होता देख इन दिनों यहां सुबह सुबह लोगों के बीच पहुंच रहे है। जबकि चुनाव से पहले उनके पास जाने वाले को वे सीधे मुंह बात तक नहीं करते थे।

टीएमसी और भाजपा जुटी प्रचार प्रसार में

भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की ओर से लगातार चुनाव घोषणा होते ही प्रचार शुरू कर दिया है। यहां लोगों से जनसंपर्क अभियान के साथ दीवार लेखन का कार्य चल रहा है। सबसे मजे की बात है कि यहां उम्मीदवार के स्थान को खाली छोड़ पार्टी के चिन्ह पर वोट देने की अपील करने से आह्वान किया जा रहा है। भाजपा को जहां उम्मीद है कि वह सत्ता में आएगी तो वही तृणमूल कांग्रेस को उम्मीद है कि वह सत्ता में वापसी करेगी। लोगों की नाराजगी को वह समय रहते दूर कर लेगी।


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