10 वर्षो बाद बंगाल की बेटी की पहचान के लिए क्यों अभियान
सिलीगुड़ी: 10 वर्षो तक बंगाल की की बेटी राज्य में शासन करती आ रही है,उसके बाद बंगाल की बेटी को अपनी प
सिलीगुड़ी: 10 वर्षो तक बंगाल की की बेटी राज्य में शासन करती आ रही है,उसके बाद बंगाल की बेटी को अपनी पहचान के लिए क्यों अभियान चलाना पड़ रहा है। यह कहना है पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक अशोक नारायण भट्टाचार्य का। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार एक कॉर्पोरेट एजेंसी से यह सरकार चुनावी कार्यक्रम तय करवा रही है,उससे यह स्पष्ट है कि पिछले 10 वर्षो में यह सरकार जनता तक नहीं पहुंच पाई है। यही कारण रहा कि पहले सरकार को द्वारे द्वारे ले गई,उसके बाद ममता के दूत के माध्यम से जनप्रतिनिधियों को लोगों के पास भेजना पड़ा। स्थिति ठीक नहीं होते देख अब बंगाल की बेटी का स्लोगन दिया जा रहा है। बंगाल की बेटी तो बंगाल की ही होगी इसके लिए पानी की तरह पैसा बहाना शोभा नहीं देता। इससे पहले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए सोमवार को सिलीगुड़ी के अनिल विश्वास भवन में वाम मोर्चा की एक बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य राज्य की तृणमूल सरकार पर जमकर भड़के। उन्होंने कहा कि इन दिनों कोयला घोटाले में सीबीआई की आच जब तृणमूल तक पहुंची है तो ममता बनर्जी को गणतंत्र की याद आ रही है। जबकि 3 वर्ष पहले यही तृणमूल पूरे गणतंत्र को ताक पर रखकर राज्य में विरोधी शून्य अभियान चला रही थी। पिछले दिनों ही रोजी,रोजगार और शिक्षा में सुधार की माग को लेकर जब नवान्न अभियान हुआ तो पुलिस ने कैसे आंदोलनकारियों की पिटाई की। यहां तक की कि एक डीवाईएफआई समर्थक की मौत तक हो गई। अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल काग्रेस के शासन में कोई भी उद्योग धंधा लग नहीं सकता। कटमनी और सिंडीकेट राज में कोई भी उद्योग लगाना संभव नहीं है। इसका ज्वलंत उदाहरण एनजेपी में ड्राईपोर्ट की घटना है। उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल और सिलीगुड़ी के आसपास के क्षेत्रों में जो भी विकास नजर आ रहा है वह वाममोर्चा के शासनकाल में हुआ है। जो काम अधूरा था उसे भी अब तक यह सरकार 10 वर्षो में पूरा नहीं कर पाई है। सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र के सभी 33 वार्डो में लोगों से घर-घर जाकर संपर्क किया जा चुका है। आने वाले दिनों में 25 फरवरी से महाजुलूस के बाद फिर से संपर्क अभियान चलाया जाएगा। फासीदेवा,माटीगाड़ा और डाबग्राम-फूलबाड़ी क्षेत्र में भी पार्टी मजबूती के साथ तृणमूल काग्रेस और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। 28 फरवरी को नवान्न अभियान में सिलीगुड़ी से 5000 से अधिक पार्टी समर्थक जाएंगे। इसके अलावा विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लड़ेंगे।