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विविधता में एकता ही हमारी ताकत: सांसद राजू बिष्ट

दार्जिलिंग में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव शुरूकेंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल न

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 07:16 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 07:16 PM (IST)
विविधता में एकता ही हमारी ताकत: सांसद राजू बिष्ट
विविधता में एकता ही हमारी ताकत: सांसद राजू बिष्ट

दार्जिलिंग में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव शुरू,केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर किया शुभारंभ

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सिलीगुड़ी: हमारे राष्ट्र की ज्वलंत संस्कृतिया और परंपराएं हमारी सामूहिक विरासत हैं। वसुधैव कुटुंबकम

की हमारी संस्कृति है। सारा संसार

एक परिवार है, हमारे राष्ट्र ने हमेशा एक विश्व गुरु की भूमिका निभाई है। हमारे राष्ट्र की ताकत हमारी विविधता में एकता में निहित है। यह मंतव्य दार्जिलिंग के सांसद व भाजपा के केंद्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने सोमवार को यहां राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुझे इस तथ्य पर गर्व है कि दाíजलिंग पहाड़, तराई और डुआर्स क्षेत्र में जातीय और सास्कृतिक रूप से भारत के सबसे विविध क्षेत्रों में से एक हैं। यहां गोरखा, बंगाली, आदिवासी, राजवंशी, राभा, टोटो, हिंदी भाषी और अन्य जनजातियां और उप-जनजातियां को सामंजस्य में रहकर एक अद्वितीय समग्र संस्कृति का निर्माण किया है। यहा एक तरफ ढाक डास की आवाजें हम सभी को रोमाचित करती हैं, तो दूसरी तरफ सावला, मारुति, कुषाण, संथाली नृत्य की मधुर मधुर धड़कनें हमें हमारे पहाड़ों और नदियों की ताजगी से भर देती हैं। मुझे इस तथ्य पर गर्व है कि, हमारा क्षेत्र अनेकता में एकता का बहुत ही आदर्श है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति प्रहलाद सिंह पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पहली बार दाíजलिंग को राष्ट्रीय स्तर के सास्कृतिक कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर मिल रहा है।

दार्जिलिंग हिल्स क्षेत्र जैसे सुदूर क्षेत्र में ऐसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में हमारे स्थानीय संगीतकारों, गायकों, नर्तकियों और अन्य कलाकारों को अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर देता है। सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि हमारी भाषा, संस्कृति, साहित्य और परंपराएं हमारे अस्तित्व की आत्मा हैं, और इस तरह के कार्यक्रम हमारे लोगों, विशेष रूप से हमारे युवाओं को हमारी समृद्ध सास्कृतिक विरासत और पारंपरिक जड़ों से जुड़ने का मौका देते हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनका संरक्षण करें और उन्हें आगे भी प्रचारित करें।

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