सिक्किम में तानाशाही का प्रमाण है विद्यार्थियों का निष्कासन
कालेज से निष्कासित विद्यार्थियों के पक्ष में आया एसडीएफ विद्यार्थी मोर्चा (एसडीएफ) के महासचिव बोले
कालेज से निष्कासित विद्यार्थियों के पक्ष में आया एसडीएफ
विद्यार्थी मोर्चा (एसडीएफ) के महासचिव बोले: आज सिक्किम का शैक्षिक व प्रजातात्रिक इतिहास का काला दिन
संसू.गंगटोक: विद्याíथयों को कालेज से निस्कासित करना प्रजातात्रिक इतिहास का सबसे घृणित काम है। यह बात राज्य की प्रमुख विपक्ष पार्टी एसडीएफ के विद्यार्थी मोर्चा के महासचिव टाशी छिरिंग भूटिया ने कही है। उनके हवाले से जारी विज्ञप्ति में एसडीएफ पार्टी का आरोप है कि एसकेएम सरकार ने विद्याíथयों द्वारा नैसíगक अधिकार मांगने पर भी विद्याíथयों को कालेज से निष्कासित करना सिक्किम में तानाशाही, जंगलराज और असहिष्णुता की राजनीतिक युग शुरूआत बताई है।
विद्यार्थी मोर्चा के महासचिव टाशी छिरिंग भूटिया का कहना है कि कालेज के विद्याíथयों की एकेडेमिक कैंपस की माग करना, राज्य के शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता की माग करना जघन्य अपराध साबित हुआ है, जिस कारण उन लोगों को अपने शैक्षिक जीवन से हाथ धोना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में अपनी माग रखना, धरना-जुलूस करना और विरोधाभास जनता का मौलिक अधिकार है। एसकेएम सरकार अब मानव अधिकार का मटियामेट कर रही है। आज सिक्किम का शैक्षिक और प्रजातात्रिक इतिहास का काला दिन है। एसडीएफ ने सभी संगठनों को जनता के हक और हित में न्यायोचित संघर्ष के पक्ष में आगे आने की अपील की है। पार्टी ने गेजिंग कालेज के विद्यार्थियों का निष्कासन जल्द रद्द करने की मांग की है।
दूसरी ओर आईएम 371एफ केंपेनिंग के सदस्य सोनाम ग्याछो शेर्पा ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा विद्याíथयों को एक साल पहले जो लिखित आश्वासन दिया गया था वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। जब इन तथ्यों को सार्वजनिक किया गया इससे सरकार लज्जित हुई , विद्याíथयों की आवाज को दबाने के लिए सरकार ने उनको आतंकवादी की संज्ञा दी और विभिन्न सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा है कि सरकार ने बल प्रयोग करके विद्याíथयों की माग को कुचलने के बाद चार विद्यार्थियों को कालेज से बर्खास्त किया गया है। सरकार का अप्रजातात्रिक चरित्र अब उजागर हुआ है। उन्होंने कहा सरकार के अप्रजातात्रिक और गैर संवैधानिक कार्य का विरोध करते हुए हम विद्यार्थियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई वापस लेने की मांग करते हैं।
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नशीली दवाओं के गिरोह का भंडाफोड़,
एनडीपीएस एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
संसू.गंगटोक: सिक्किम पुलिस ने नशीली दवाओं के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार किया है। शनिवार को उक्त जानकारी सिक्किम पुलिस के प्रवक्ता व डीआईजी रेंज प्रवीण गुरुंग ने दी। राजधानी स्थित पुलिस मुख्यालय के सम्मेलन कक्ष में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि डीआईजी रेंज प्रवीण गुरुंग ने कहा कि इस बार पुलिस ने अब तक की सबसे बढ़े गोरख धंधे को विफल किया है। उन्होंने बताया पुलिस ने दक्षिण सिक्किम निवासी सिविजन सुब्बा को गिरफ्तार किया है जो राज्य में कुख्यात ड्रग पैडलर है। अपराधी सुब्बा को जोरथाग के निकट चिसो पानी परिसर से 18 फरवरी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस जानकारी के मुताविक आरोपी के साथ अन्य पाच लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। इसमें एक नाबालिग भी शामिल थी, जिसको पुलिस ने छोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि सिक्किम पुलिस ने गत 31 जनवरी 2021 से लेकर अब तक सर्वाधिक नशीली दवाओं के साथ दो आरोपी संजय सुब्बा और पदम बहादुर सन्यासी को गिरफ्तार किया था। इसमें संलग्न तीन मुख्य आरोपी राम बहादुर राई , मंदीप राई और असिल श्रेष्ठ उसी दिन से ही फरार थे। आरोपी राम बहादुर राई को पुलिस ने 7 फरवरी के दिन उत्तरी सिक्किम के जंगू से गिरफ्तार किया। इसके बाद अन्य दो आरोपियों में मंदीप राई और असिल श्रेष्ठ को जूम से गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी गुरुंग ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों से जब पूछताछ की गई तो इसमें से और एक आरोपी रोहित तामाग का नाम उजागर हुआ जो 31 जनवरी से ही फरार था। उसको दिल्ली पुलिस की मदद से सिक्किम पुलिस ने दिल्ली से ही गिरफ्तार किया था।
आरोपियों के पास से करीब 22 से 24 लाख रुपये की प्रतिबंधित दवाओं जब्त की गई।
इससे पहले पुलिस ने 17 दिसंबर 2010 में तत्कालीन बाजारी दर में लगभग 12 से 14 लाख की नशीली दवाओं के साथ अपराधियों को पकड़ा था। उल्लेखनीय है कि आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न थाने में अपराधिक मामला दर्ज किए गए हैं। पुलिस अधिकारी प्रवीण गुरुंग के अनुसार इस मामले में साडा के अलावा एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया यह सूचना राज्य के डीजीपी और एडीजीपी के आदेश पर गुप्त रखी गई थी। लेकिन जब फेसबुकिया पत्रकारों ने इसे गलत ढंग उजागर किया तो पुलिस ने सच्चाई उजागर करने के उद्देश्य से आज पत्रकार सम्मेलन बुलाकर उक्त मामले की सच्चाई उजागर की। इस अवसर पर दक्षिण जिला के एसपी समेत जोरथाग पुलिस स्टेशन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
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फोटो: पत्रकारों को जानकारी देते पुलिस अधिकारी