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दिल्ली से लौटते ही बदला मन घीसिंग का अंदाज

- पहाड़ समस्या को लेकर भाजपा से नीति स्पष्ट करने की मांग -2021 के विधानसभा चुनाव से पहले हो

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 06:54 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 06:54 PM (IST)
दिल्ली से लौटते ही बदला मन घीसिंग का अंदाज
दिल्ली से लौटते ही बदला मन घीसिंग का अंदाज

- पहाड़ समस्या को लेकर भाजपा से नीति स्पष्ट करने की मांग

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-2021 के विधानसभा चुनाव से पहले हो घोषणा

-गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन अभी भी जारी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दिल्ली से लौटते ही जीएनएलएफ सुप्रीमो व सुभाष घीसिंग के पुत्र मन घीसिंग का अंदाल बदला-बदला नजर आया। उन्होंने सीधे भाजपा पर हमला तो नहीं बोला लेकिन पहाड़ की समस्या के स्थाई समाधान के लिए क्या कर रहे हैं,इसके खुलासे की मांग की। उन्होंने गुरुवार को बागडोगरा एयरपोर्ट पर कहा कि हिल्स के लोगों के लिए भाजपा राजनीतिक स्थायी समाधान क्या देना चाहती है, इसका खुलासा करना होगा। मन घीसिंग के साथ पार्टी महासचिव महेंद्र छेत्री दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर लौटे थे। एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने दिल्ली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, सासद राजू बिष्ट तथा अन्य भाजपा नेताओं से खुलकर बात की है। बातचीत संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि पहाड़ पर गोरखाओं के स्थायी समाधान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भाजपा पर लोग पूरी तरह विश्वास करते हैं। उसका सबसे बड़ा कारण भाजपा के संकल्प पत्र को एक- एक कर सच होते देखना। घीसिंग ने कहा कि 113 वर्षो की माग गोरखालैंड राज्य आज भी हिल्स के लोगों का सपना है। इससे कोई भी पार्टी विमुख नही हो सकती है। राज्य व केंद्र भाजपा नेतृत्व को स्पष्ट कहा गया है कि वे हिल्स की सभी पाíटयों के साथ गोरखालैंड मुद्दे पर बैठक करें। 2021 से पहले भाजपा की केंद्र सरकार स्पष्ट कर दे कि उन्होंने क्या समाधान निकाला है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अभी भी अलग राज्य की माग को लेकर आदोलन होगा तो उन्होंने कहा कि यह आदोलन तो खत्म ही नहीं हुआ है। 1986 के बाद 2017 में हिंसक आदोलन हुआ। मेरी पार्टी के नेता मेरे पिता जी ने छठी अनुसूची में इसे शामिल करने की माग की थी। आज भी यह प्रस्ताव पेंडिंग है। कोरोना महामारी को लेकर कोई भी आदोलन नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया और वर्चुअल रैली के माध्यम से अपनी माग को जनता के बीच ले जाएंगे।

त्रिपक्षीय वार्ता को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं

उन्होंने त्रिपक्षीय वार्ता को लेकर कहा कि इस प्रकार का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर नहीं दिया है। जब आएगा तो देखा जाएगा। हिल्स के लोगों में भ्रम की स्थित नही रहे इसके लिए यह प्रयास किया गया है। 2009 से ही गोरखा समाज भाजपा को अपना पूरा समर्थन दिया है। आगे भी समर्थन देते रहें इसके लिए जरूरी है भाजपा जनता के बीच सभी बातों को पर्दा से बाहर लाये। सासद राजू बिष्ट पहले ही कह चुके है कि जीटीए, दागोपाप और छठी अनुसूची स्थायी समाधान नहीं है।


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