कोरोना के पैर पसारने से अब ग्रामीण इलाकों में भय और आतंक
- चाय बागानों में बीमारी फैलने की आशंका से उड़ी नींद -ट्रेड यूनियन नेताओं ने की विशेष्
- चाय बागानों में बीमारी फैलने की आशंका से उड़ी नींद
-ट्रेड यूनियन नेताओं ने की विशेष सतर्कता की अपील
- हर घर जाकर सर्वे करेंगी आशा कार्यकर्ता
-खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी में कोरोना संक्रमित मरीज जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: अबतक दाíजलिंग जिले में बाहर से आने वाले लोगों में कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आ रही थी। लोग मन बना रहे थे कि उन्हें बाहर से आने बाले लोगों से दूरी बनाकर रखनी है। लेकिन मंगलवार को महकमा के नक्सलबाडी अटल चाय बागान के पाका लाइन की एक गर्भवती महिला के कोरोना संक्रमित होने के बाद ग्रामीण इलाके के लोग भी अब आतंकित और डरे सहमे हैं। क्योंकि दो दिनों में सिलीगुड़ी के ग्रामीण इलाके में कोरोना का दो मामला सामने अइाया है। एक खोरीबाड़ी की महिला पहले ही संक्रमित हो चुकी है।
लोगों का कहना है कि जिस महिला को कोरोना संक्रमण हुआ वह कहीं जाती भी नही थी। वह घर मे रहकर समय बिता रही थी। गर्भवती होने के कारण तीन- चार बार वह नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जाच के लिए गयी थी। वह या तो यहीं से संक्रमित हुई या एम्बुलेंस से आने-जाने में। स्वास्थ्य विभाग की टीम इस परिवार के संपर्क में आये 12 लोगों को जाच के लिए मेडिकल कॉलेज ले गयी है। इलाके को सील करते हुए यहा सेनिटाइज किया जा रहा है।
सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार,कांग्रेस ट्रेड यूनियन संगठन इंटक नेता आलोक चक्रवर्ती तथा दाíजलिंग जिला चिया बागान मजदूर यूनियन नेता गौतम घोष ने कहा कि आशाकíमयों को प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों पर ध्यान देना होगा। आशा कार्यकर्ताओं से अपने क्षेत्र के सभी घरों का सर्वे करने को कहा गया है। ऐसे घरों को चिन्हित करें, जहां 14 दिनों के भीतर अन्य राज्यों या शहरों से लोग आये हैं। ऐसे लोगों की भी लाइन लिस्टिंग करें जो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आये हों । ऐसे लोगों व परिवारों की सूची आशा कार्यकर्ता को दें, जिसे वह अपलोड करेंगे, ताकि उसको ब्लॉक और जिला के अधिकारी देख सकें। इसके अलावा वह कोरोना के संदिग्ध केसों की पहचान कर समय से रेफर करने का भी काम करेंगी । होम क्वारंटाइन किये गए लोगों पर भी सभी को नजर रखना होगा। आशा कार्यकर्ताओं के साथ स्थानीय लोगों को भी पिछले 15 दिनों के भीतर बाहर की यात्रा करने वालों पर नजर रखनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 25 से 30 घरों में जाना होगा ताकि आठ कार्य दिवसों में वह अपने कार्यक्षेत्र को पूरा देख लें। शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के साथ वोलेंटियर के द्वारा कार्य कराया जा रहा है इसके अलावा संदिग्ध केसों के घरों का फालो-अप करेंगी। यदि किसी में सास फूलने की शिकायत है तो इसकी जानकारी फोन पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व नगर निगम के प्रशासनिक चेयरमैन को देना है। जाच में पॉजिटिव मिले केसों की भी जानकारी रखेंगी। ट्रेड यूनियन नेताओ का कहना है कि चाय बागान क्षेत्र में कोरोना फैल गया तो रोक पाना मुश्किल होगा। यहा मजदूरों की संख्या काफी है। इस बात को राज्य व केंद्र सरकार के साथ सभी ट्रेड यूनियन को ध्यान देना होगा।
सिलीगुड़ी नगर निगम के प्रशासनिक चेयरमैन अशोक भटाचार्य व बोर्ड के स्वास्थ्य सदस्य शकर घोष ने कहा कि जिस प्रकार कोरोना पाव फैला रहा है, चिंता की बात है। नगर निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य वोलेंटियर को लगाया गया है। बुखार, खासी या सास लेने में तकलीफ जानकारी लेने के लिए सर्वे का काम चल रहा है। आशाकर्मी इस तरह के लक्षण हैं तो उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में बतायेंगी। जैसे आप 14 दिनों तक घर में ही रहें। बाहर से आये व्यक्ति में यह लक्षण नजर आयें तो वह 14 दिनों तक अलग कमरे में रहें, अलग बिस्तर और अलग बर्तन का उपयोग करें । परिवार के अन्य सदस्यों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए उनसे दो मीटर (पाच हाथ) की दूरी बनाकर रखें । यदि बुखार, खासी या सास लेने में तकलीफ हो तो तुरंत संपर्क करें। उन्होंने कहा जागरूकता से ही इस चुनौती से मुकाबला किया जा सकता है।