Move to Jagran APP

कैंसर को भगाता है और पास बुलाता है आम

- सावधानी है जरूरी खाने से पहले जानना जरूरी - कोरोना वायरस काल मे फल का सेवन आवश्यक अशोक झ्

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 06:12 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 06:12 PM (IST)
कैंसर को भगाता है और पास बुलाता है आम
कैंसर को भगाता है और पास बुलाता है आम

- सावधानी है जरूरी, खाने से पहले जानना जरूरी

loksabha election banner

- कोरोना वायरस काल मे फल का सेवन आवश्यक

अशोक झा, सिलीगुड़ी:

आम के शौकीन लोग बेसब्री से गर्मी के मौसम का इंतजार करते हैं। भला करें भी क्यों ना, इस मौसम में ही तो उनका मनपसंद आम जो आता है। इन दिनों सिलीगुड़ी ओर आसपास के बाजार में फलों का राजा आम छाया हुआ है। कोरोना वायरस के इस महामारी काल मे फल खाना सेहत के लिए काफी अच्छा है। इसे खरीदने ओर खाने से पहले सावधानी जरूरी है। ऐसा नही किया गया तो यह फल सेहत पर उल्टा असर डाल सकता है। बहुत कम लोग जानते है कि आम खाने से कैसर समेत अन्य कई रोग को दूर भगाया जा सकता है , लेकिन सही आम ला चयन नहीं किया तो कैसर को यह पास भी ला सकता है। यह हम नहीं डॉक्टर का कहना है। शहर के डॉक्टर कैशिक भटाचार्य ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि आम में एस्कॉíबक एसिड, टरपेनोइड्स व पॉलीफेनॉल्स होते हैं। वहीं इन सभी अच्छाइयों के कारण आम कैंसर के खतरे को कम कर देता है। बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि आम के सेवन से दिल की बीमारी का भी खतरा कम होने कि सम्भावना है। वकैल भटाचार्य दरअसल इसमें उपस्थित पोषक तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। जिन्हें कोलेस्ट्रॉल के खतरे से बचना है, वो आम खाये क्योंकि आम में प्रचुर मात्रा में न्यूट्रासिटिकल उपस्थित होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। आम का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। जी दरअसल आम में लैक्सेटिव यानी पेट को साफ करने का गुण होता है। इसे खाने से कब्ज भी नहीं होता। आम में कामोत्तेजक गुण उपस्थित होते हैं, जो सेक्स की ?्वाहिश को बढ़ा सकते हैं। इसी के साथ आम में उपस्थित विटामिन-ई व बीटा-कैरोटीन का मिलावट शुक्राणुओं को नष्ट होने से बचाता है। वही अगर यह आम प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि कैमिकल से पकाए गए हों तो ये स्वाद के साथ-साथ आपकी सेहत को भी बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।सस्ते दाम और पीले सुनहरे रंग को देखकर अगर आप भी केमिकल्स से पके हुए आम घर ला रहे हैं तो जान लें आप ऐसे आम के साथ कई गंभीर बीमारियों को भी अपने साथ घर ला रहे हैं।फलों को पकाने में जिन केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है उनसे व्यक्ति को कैंसर या फिर नर्वस सिस्टम खराब होने की संभावना बनी रहती है।

केमिकल्स से पके फल क्यों होते हैं खतरनाक :

ज्यादातर फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड, एसिटिलीन गैस, कार्बन मोनोऑक्साइड, पोटैशियम सल्फेट, इथिफॉन, प्यूट्रीजियन, ऑक्सिटोसिन आदि केमिकल्स का उपयोग किया जाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को स्किन कैंसर, कोलन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन डैमेज, लिवर फाइब्रोसिस और नर्वस सिस्टम से जुड़े कई गंभीर रोग अपना शिकार बना सकते हैं।

केमिकल्स से पके फलों को कैसे करे पहचान : केमिकल्स से पके फलों को पहचानने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आपको उस फल पर हरे पैचेज देखने को मिलेंगे। जिस हिस्से पर केमिकल लगा होगा वो पीला रहेगा बाकी बीच-बीच में हरा दिखाई देगा। जबकि प्राकृतिक रूप से पके हुए फल में हरे-पीले रंग के कोई पैचेज नहीं दिखाई देंगे। केमिकल से पकाए हुए आम को काटने पर वो अंदर से कहीं पर पीला तो कहीं पर सफेद रंग का नजर आएगा। जबकि पेड़ पर प्राकृतिक रूप से पका हुआ फल पूरी तरह पीला नजर आता है। केमिकल से पके हुए फल का छिलका ज्यादा पका हुआ होगा लेकिन अंदर से इसमें कच्चापन हो सकता है। केमिकलयुक्त फल खाने पर मुंह का स्वाद कसैला हो जाता है और मुंह में हल्की जलन भी होने लगती है। इसके अलावा कई बार ऐसे फल खाने के कुछ देर बाद पेट दर्द या उल्टी की समस्या या डायरिया की शिकायत भी हो सकती है।

फल खरीदते समय बरतें ये सावधानिया : सिलीगुड़ी के बाजार से कोई भी फल खरीदते समय उसे सूंघकर जरूर देखें कि उसमें से किसी केमिकल की बदबू तो नहीं आ रही है। अगर ऐसा है तो वो फल ना खरीदें। बाजार से फल खरीदकर लाने के तुरंत बाद उसे पानी से अच्छी तरह धो लें। खाने से पहले आम को गुनगुने पानी में कम से कम 5 मिनट के लिए भिगोकर जरूर रखें। उसके बाद उन्हें दोबारा दूसरे पानी से धोकर ही खाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.