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पर्यटन जगत : कोविड-19 के बाद क्या होगा?

फोटो -दैनिक जागरण की पहल पर परिचर्चा गोष्ठी में हुआ मंथन -पर्यटन जगत के लो

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 10:04 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:17 AM (IST)
पर्यटन जगत : कोविड-19 के बाद क्या होगा?
पर्यटन जगत : कोविड-19 के बाद क्या होगा?

फोटो : -दैनिक जागरण की पहल पर परिचर्चा गोष्ठी में हुआ मंथन

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-पर्यटन जगत के लोगों संग ओवर-फोन सम्मिलित हुए दार्जिलिंग के सांसद

-हुई बातें, संकट से लेना होगा सबक, होना होगा संगठित

-हरेक भागीदार के बीच आपसी समन्वय बहुत जरूरी

-सरकार से मदद की आस, राहत की है दरकार जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस के जानलेवा संक्रमण (कोविड-19) ने पूरी दुनिया को ठप कर के रख दिया है। हर जगह बीते दो महीने से लॉकडाउन जारी है। आगे क्या होगा, अभी कह पाना मुश्किल है। मगर, जीवनयापन के लिए रोजी-रोटी भी जरूरी है। सो, अब कोविड-19 संग जीने की आदत डालनी होगी। नई शुरुआत करनी होगी। खतरों के बीच चीजों को फिर से पटरी पर लाना होगा। उसमें भी कोरोना संकट व लॉकडाउन संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई उत्तर बंगाल व सिक्किम की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन जगत में नई जान फूंकना बेहद जरूरी है। पर, कैसे? उसके लिए क्या-क्या जरूरी है? इन्हीं सारे पहलुओं पर मंथन हेतु दैनिक जागरण (सिलीगुड़ी) की पहल पर लोकप्रिय अभियान 'जागरण विमर्श' के तहत शुक्रवार शाम यहां आलीशान होटल 'कोर्टयार्ड' (बाई मैरिओट्ट) में एक विशेष परिचर्चा गोष्ठी आयोजित हुई।

कोविड-19 व लॉकडाउन के मद्देनजर नियमों एवं सुरक्षात्मक उपायों का ख्याल रखते हुए आयोजित इस परिचर्चा गोष्ठी में पर्यटन उद्योग की विभिन्न इकाईयों परिवहन, हॉस्पिटलिटी व टूर एंड ट्रैवेल्स ऑपरेटरों के एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया व अपनी-अपनी राय रखी। पर्यटन जगत के लोगों संग इसमें ओवर-फोन दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट भी सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर दैनिक जागरण (सिलीगुड़ी) के महाप्रबंधक शुभाशीष (जय) हलदर, मुख्य उप संपादक विपिन राय, उप मुख्य संवाददाता इरफान-ए-आजम, ब्रांड विभाग के अवधेश दीक्षित और छायाकार संजय साह सम्मिलित हुए। हिमालयन हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म डेवेलपमेंट नेटवर्क (एचएचटीडीएन) के महासचिव सम्राट सान्याल ने इस परिचर्चा गोष्ठी का सफल संचालन किया। उत्तर बंगाल व सिक्किम के पर्यटन जगत की विभिन्न इकाईयों की हस्तियों ने अपनी-अपनी राय रखी। पेश हैं, पर्यटन जगत की राय।

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हवाई उड़ानों के लिए हो मध्यम मार्गीय उपाय

पर्यटन जगत की जो बेहतर स्थिति कोरोना व लॉकडाउन संकट से पहले थी उस बेहतर स्थिति के बहाल होने में कम से कम यह साल गुजर जाएगा। 2021 में ही संभवत: पुरानी सूरत लौटेगी। अभी सैर-सपाटे और व्यवसाय के लिए फ्लाइट टिकटों की बुकिंग न के बराबर ही है। बुकिंग से ज्यादा कैंसिलेशन व रिफंड के लिए ही लोग संपर्क कर रहे हैं। अति आवश्यक कार्यो के लिए ही लोग बुकिंग करा रहे हैं। वैसे शुक्र है कि अब सरकार धीरे-धीरे चीजों को स्वाभाविक करने की ओर अग्रसर है। हम सबको भी आगे बढ़ना होगा। कोविड-19 के मद्देनजर हवाई उड़ान सुरक्षित हो इसका पूरा ख्याल रखना होगा। हवाई उड़ानों में न तो विमानन कंपनियों पर और न ही यात्रियों पर व्यय का बोझ ज्यादा बढ़े, सरकार को इसका मध्यम मार्गीय समुचित समाधान निकालना होगा।

अंकुश अग्रवाल

सीईओ-गो फ्लाई स्मार्ट

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पर्यटन उद्योग का संगठित होना जरूरी

वर्तमान कोरोना व लॉकडाउन संकट का सबसे प्रतिकूल असर पर्यटन जगत पर ही पड़ा है। इससे उबरने के लिए पर्यटन जगत को संगठित होना होगा। इसके हरेक साझीदार यथा परिवहन, हॉस्पिटलिटी और टूर एंड ट्रैवेल्स ऑपरेटरों के बीच परस्पर समन्वय अति आवश्यक है। वैसे, हाल के दिनों में समन्वय स्थापित हुआ है। मगर, अब उसे और सुदृढ़ करना होगा। टूरिज्म डाटा तैयार रखने के मैकेनिज्म को भी स्थापित और विकसित करना जरूरी है। उससे आने वाले दिनों में बड़ी सहायता मिलेगी। इधर, पर्यटन जगत को जो भारी क्षति पहुंची है और बहुत जल्द उसकी भरपाई भी संभव नजर नहीं आती तो उसके मद्देनजर सरकारों की ओर से टैक्स में छूट आदि माध्यम से राहत प्रदान किया जाना बहुत जरूरी है।

सम्राट सान्याल

महासचिव-हिमालयन हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म डेवेलपमेंट नेटवर्क

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पार्वत्य क्षेत्र के लिए हो विशेष व्यवस्था

दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के लोगों के जीवन-जीविका की रीढ़ पर्यटन है। मगर, कोरोना संकट व लॉकडाउन संकट ने उसे लील लिया। साल के शुरुआती महीनों में ही यहां पर्यटन सबसे ज्यादा जोर पर रहता है। पर, इस बार सब कोरोना ने लील लिया। अब इस साल भर उससे उबर पाना संभव नहीं होगा। इधर, लॉकडाउन में कुछ छूट दे कर नई शुरुआत की पहल हुई है। उसके तहत परिवहन में यह है कि कार में 1+2, सुमो में 1+4 और मिनी बसों में 2+14 सवारियां ही सफर कर सकती हैं। यह वाहनों की सवारी क्षमता में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती है। इसकी भरपाई करने के लिए यदि प्रति सवारी किराया दोगुना कर दिया जाए तो लोग उसे मानने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में यहां दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में फिलहाल वाहनों का चलाचल संभव नहीं हो पाएगा। सरकार वाहनों में सवारी क्षमता में 50 प्रतिशत नहीं बल्कि अधिकतम 25 प्रतिशत की कटौती का ही प्रावधान रखे। रही बात लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा की तो हरेक सिंडिकेट को हर वाहन के सैनिटाइजेशन व सवारियों की स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाए। इसके साथ ही दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र में वाणिज्यिक परिवहन से जुड़े 18000 से अधिक लोगों को टैक्स में छूट व अन्य उपायों से भी सरकार द्वारा कुछ राहत प्रदान की जाए।

एस. एन. प्रधान

अध्यक्ष-हिमालयन ट्रांसपोर्टेशन को-अॅर्डिनेशन कमेटी

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अपनाना होगा सकारात्मक रवैया

कोविड-19 के प्रकोप से उबरने की दिशा में सरकार जो प्रयास कर रही है उससे हम सभी को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए किपर्यटन उद्योग धीरे-धीरे पुनर्जीवित होगा। अब नव-सामान्य (न्यू नॉर्मल) परिस्थतियों के मद्देनजर व्यापार जगत को नए मानदंड अपनाने होंगे। अब सदैव विशेष सुरक्षात्मक उपाय अपनाने होंगे। उसके मद्देनजर हमारे मैरिओट्ट इंटरनेशनल की ओर से विशेष 'वी केयर' प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। नएअनुभव के तहत सारे संभावित दृष्टिकोण कको ध्यान में रखते हुए होटल को नए रूप में डिज़ाइन किया गया है। जहां, स्वच्छता व स्वास्थ्य की कसौटी पर तमाम सरकारी दिा-निर्देशों के मद्देनजर सारे के सारे पहलुओं का ख्याल रखा गया है। अब होटल में अतिथियों का स्वागत, अभिवादन, प्रवेश, निकास, मोबाइल चेक इन, डिजिटल मेन्यू, भोजन, विश्राम, ऑनलाइन भुगतान सब नए तरीके से किया जाने लगा है। अब नई परिस्थिति में सब कुछ नया-नया सा करना होगा।

अमित जैन

होटल मैनेजर-कोर्टयार्ड (बाई मैरिओट्ट)

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अलग-अलग उपक्रम के लिए अलग-अलग हो व्यवस्था

कोविड-19 से उबरना तो जरूरी है पर साथ ही साथ रोजी-रोटी भी जरूरी है। इसलिए शुरुआत तो करनी ही पड़ेगी। कोई कब तक रुक सकता है? मगर, अब जो शुरुआत होगी उसे नए तरीकों से करना होगा। सुरक्षा उपायों का सदैव ख्याल रखना होगा। पर, इस दिशा में सरकार को उच्च, मध्यम व निम्न उपक्रमों के लिए अलग-अलग व्यवस्था के दिशा-निर्देश तय करने होंगे। एक पांच सितारा होटल जितने मानकों को अपना सकता है और उसके उपभोक्ता जितना वहन कर सकते हैं उतना मध्यम व निम्न वर्गो के होटलों व उसके उपभोक्ताओं के लिए संभव नहीं होगा। इसलिए, इसका ख्याल किया जाना चाहिए और उसी आलोक में अलग-अलग दिशा-निर्देश तय किए जाने चाहिएं। होटलों, लॉज व रेस्टोरेंट में विश्राम से लेकर भोजन तक सबमें पूर्ण स्वच्छता व सतर्कता बरतने पर जोर देना होगा। इसके लिए होटल वालों व उपभोक्ताओं सब के बीच जागरूकता फैलाना जरूरी है।

राजेश कुमार सर्राफ

चेयरमैन-चास होटल प्राइवेट होटल

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ऑटोमोबइल सेक्टर को दी जाए राहत

पर्यटन जगत के लिए परिवहन हेतु अहम आपूर्तिकर्ता ऑटोमोबाइल सेक्टर भी औरों की तरह कोरोना व लॉकडाउन संकट से बुरी तरह प्रभावित हुआ। इससे उबरने में समय लगेगा। वाहनों की खरीदारी तो दूर अब लोग उसे बेचने की बातें करने लगे हैं। गाड़ियां खड़ी पड़ी हैं, आमदनी कोई नहीं लेकिन विभिन्न टैक्स व इंश्यूरेंस का भुगतान करना ही पड़ रहा है। इसमें रिआयत दी जानी चाहिए, जो कि वर्तमान संकट काल में बड़ी राहत होगी। हमारे टोयोटा इंश्यूरेंस की ओर से बीमा नवीनीकरण में शुल्क में पच्चास फीसद तक रिआयत दी जा रही है। ऐसे ही विभिन्न टैक्स आदि में भी रिआयत जरूरी है। इस पर, इससे जुड़े हरेक साझीदार को सोचना चाहिए। इसके साथ ही अब वह समय आ गया है कि पर्यटन जगत को दुखों से उबारने के लिए इसके हरेक साझीदार का पूर्ण समन्वय के साथ संगठित होना आवश्यक है। नितिन खुराना

उपाध्यक्ष-टॉपसेल टोयोटा

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'होम-स्टे' को होना होगा तैयार

कोरोना वायरस के संक्रमण के खौफ के बीच ही दो महीनों से ठप जिदंगी को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशें शुरू होने लगी हैं। यह अच्छी बात है। मगर, अभी भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा टला नहीं है। इसका हम सबको ख्याल रखना होगा। कोरोना के खौफ व दो महीने से लॉकडाउन के अवसाद से अब लोग उबरना चाह रहे हैं। वे सुकून चाहते हैं। ऐसे में लोग अब सैर-सपाटे में एकदम शांत नीरव वातावरण की तलाश में रहेंगे। भीड़-भाड़ से बच कर लोग एकांत में समय गुजारना चाहेंगे। होम-स्टे पर ज्यादा जोर देंगे। ऐसे में होम-स्टे वालों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। अतिथियों के स्वागत व सेवा के लिए नए सिरे से तैयार होना होगा। सुरक्षा के सारे उपाय अपनाने होंगे। मगर, इस दिशा में सरकार को भी यह ध्यान होगा कि पांच सितारा होटलों जैसा स्वास्थ्य सुरक्षा मानक छोट-मोटे होम-स्टे के लिए भी न हो, रिआयत दी जाए।

जीतू गिरि

अध्यक्ष-यूनाइटेड हिमालयन होम-स्टे एसोसिएशन


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