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लिबरेशन ने फूंका अमित शाह का पुतला,इस्तीफे की मांग

-हाशमी चौक पर जमकर विरोध प्रदर्शन -भाजपा नेता कपिल मिश्रा की हो ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 09:00 PM (IST)
लिबरेशन ने फूंका अमित शाह का पुतला,इस्तीफे की मांग
लिबरेशन ने फूंका अमित शाह का पुतला,इस्तीफे की मांग

फोटो : राजेश 08 -हाशमी चौक पर जमकर विरोध प्रदर्शन

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-भाजपा नेता कपिल मिश्रा की हो गिरफ्तारी

-हार का बदला ले रही भाजपा: अभिजीत मजूमदार जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

उत्तर पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में गत तीन दिनों से जारी दंगों के विरुद्ध सीपीआई (एमएल) लिबरेशन की दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से बुधवार को यहां हाशमी चौक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व लिबरेशन समर्थक हाशमी चौक पर एकत्रित हुए एवं बैनर, पोस्टर व प्ले कार्ड प्रदर्शित कर एवं नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार, भाजपा व आरएसएस को जम कर कोसा। दिल्ली दंगों पर अविलंब लगाम लगाए जाने की मांग की। इसके साथ ही पीड़ितों को क्षतिपूर्ति व न्याय एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की भी मांग की।

इस अवसर पर सीपीआई (एमएल) लिबरेशन की दार्जिलिंग जिला कमेटी के सचिव अभिजीत मजूमदार ने कहा कि दिल्ली में जो दंगा हो रहा है वह गुजरात मॉडल है। हम सबने देखा कि अभी हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार हुई। उसी की परिणति के रूप में ये दंगे हो रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को आठ सीटें मिली हैं। उसके आठ विधायक हैं। उन्हीं विधायकों के क्षेत्रों में ये दंगे हो रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा की आड़ में पूर्व परिकल्पित एवं सुनियोजित रूप में ये दंगे अंजाम दिए जा रहे हैं। भाजपा के मंत्री, सांसद व नेता भड़काऊ बयान दे-दे कर लोगों को भड़का रहे हैं। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दंगा भड़काने के मामले में जहां भाजपा नेता कपिल मिश्रा को अविलंब गिरफ्तार किया जाना चाहिए वहीं दंगे की रोकथाम में विफल रहने के चलते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पदत्याग कर देना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सीएए, एनआरसी व एनपीआर जैसे काले कानूनों व प्रावधानों के विरुद्ध दिल्ली में लोग गत दो महीने से शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं जो कि लोगों का संविधानसम्मत गणतांत्रिक अधिकार है। उनके आंदोलन से किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। मगर, अब उन काले कानूनों व प्रावधानों के समर्थन में जो भगवा आतंक मचाया जा रहा है वह सबके सामने है। इसमें अब तक पुलिस वाले व आम लोगों, कुल 22 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। सैकड़ों लोग घायल हैं। करोड़ों-करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद कर दी गई है। इसके विरुद्ध पुलिस को कड़ा रुख अपनाना चाहिए। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र सरकार अविलंब परिस्थिति को स्वाभाविक करे। पीड़ितों को क्षतिपूर्ति व न्याय और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दे। अन्यथा, हम लोग जोरदार आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस दिन विरोध प्रदर्शन में सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के अनेक समर्थक सम्मिलित हुए।


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