West Bengal: 10 फर्जी कंपनियां खोलकर 80 करोड़ की धोखाधड़ी में दो गिरफ्तार
Arrested In Fraud Case. पता चला है कि नकली बिलों के जरिए उन लोगों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर सरकार से करोड़ों का रिटर्न लिया था। इ
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Arrested In Fraud Case. 10 फर्जी कंपनियां खोलकर जीएसटी से नकली बिलों के जरिए 80 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के मामले में डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस की कोलकाता जोनल यूनिट ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि नकली बिलों के जरिए उन लोगों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर सरकार से करोड़ों का रिटर्न लिया था। इस रैकेट के तार कोलकाता समेत देश के कई शहरों से जुड़े होने की आशंका है। गिरफ्तार दोनों को सियालदह कोर्ट में पेश करने पर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं, इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने कागजी तौर पर कंपनियां खोलकर उसके जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट मद में सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। कोलकाता में इस तरह की कई और कंपनियां हैं। ऐसी कई कंपनियों की जांच की जा रही है। अब तक की जांच में 10 फर्जी कंपनियों का पता चला है, जिसके बाद कार्रवाई कर इन दोनों को पकड़ा गया। जांच में पता चला है कि सिर्फ कागजों पर विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन व खरीद-बिक्री दिखाई जा रही थी, जबकि वास्तव में इन कंपनियों का कोई अस्तित्व नहीं है। जीएसटी इंटेलिजेंस यूनिट को पता चला कि कोलकाता समेत विभिन्न शहरों में स्थित कई कंपनियों को वे लोग फर्जी बिल विभिन्न कंपनियों के नाम से मुहैया कराते थे।
उन्होंने आरओसी से कंपनियां खोलने को अनुमोदन भी प्राप्त कर लिया था। उन्होंने कागज में कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में अपना कार्यालय दिखाया था। इसके बाद नकली बिल दाखिल कर करोड़ों रुपये सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट रिटर्न के तौर पर ले रहे थे। जांच में यह भी पता चला है कि इन 10 जाली कंपनियों में चपरासी, मजदूर, नौकर आदि को फर्जी तरीके से डायरेक्टर दिखाया गया था, यानी नौकरी का लोभ देकर उनसे आधार, पैन आदि जरूरी दस्तावेज जुगाड़ कर उसी के जरिए 10 फर्जी कंपनियां खोली गई थीं।
गिरफ्तार दोनों शख्स ने स्वीकार किया है कि कोलकाता, बेंगलुरु समेत देश के विभिन्न शहरों में कई फर्जी कंपनियां उनसे बिल खरीदती थीं और सरकार के पास इनपुट टैक्स क्रेडिट रिटर्न का दावा करती थीं। उनकी निशानदेही पर बेंगलुरु में भी एक फर्जी कंपनी का पता चला है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के समय दोनों के पास से 5.7 करोड़ रुपये भी जब्त किए गए। अनुमान है कि दोनों ने 80 से 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। जीएसटी के नाम पर हो रहे गोरखधंधे में में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की मिलीभगत की खबर है। कंपनियां खोलने के लिए कागज तैयार करने में सीए की भूमिका की भी जांच की जा रही है।