उत्तर बंगाल के रास्ते जाली नोट का धंधा हुआ तेज
जागरण विशेष -म्यांमार व बांग्लादेश के रास्ते देश में फैलाया जा रहा है दो हजार व 500 के जा
जागरण विशेष
-म्यांमार व बांग्लादेश के रास्ते देश में फैलाया जा रहा है दो हजार व 500 के जाली नोट
-पकड़े जाने वालों में ज्यादातर मालदा का निवासी
-जाली नोट पहचानने के लिए बैंकों की ओर से दी जा रही जानकारी
अशोक झा, सिलीगुड़ी : जाली नोट के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए दो वर्ष पूर्व केंद्र सरकार ने नोटबंदी की थी। उसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सुरक्षा कारणों से 2000 और 500 रुपये के नए नोट जारी किए थे. इन नए नोटों में सिक्योरिटी फीचर्स को पहले की तुलना में बेहतर किया गया था कि बाजार में नकली नोटों की समस्याओं से निपटा जा सके। लेकिन, इन नए सिक्योरिटी फीचर्स को इन नोटों में ऐड करने के बाद भी पिछले दो साल में कई ऐसे रिपोर्ट्स सामने आए, जिसमें कहा गया कि नकली नोट एक बार फिर बाजार में सर्कुलेट हो रहे हैं। इसमें भी देश के विभिन्न राज्यों में जाली नोट की जो खेप जा रही है उसके पीछे उत्तर बंगाल का हाथ बताया जाता है। वह इसलिए कि ज्यादातर पकड़े गये आरोपित उत्तर बंगाल के बांग्लादेश सीमांत मालदा के निवासी होते है। इसका कारण है यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं से घिरा हुआ है। जाली नोट धंधे में लिप्त पकड़े गये आरोपितों अहमद कुरैशी, अमीनुल इस्लाम, नसीबा खातून, मोहम्मद इकरामुल हक, मोहम्मद मुर्तबा और फिरोज खान से पुलिस, बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि म्यांमार और बांग्लादेश के रास्ते जाली नोट का धंधा उत्तर बंगाल के माध्यम से फैलाया जा रहा है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जाली नोट के धंधों की जांच में उत्तर बंगाल में एनआइए लगातार जांच में जुटी है। जांच में यह भी पता चला है कि एक लाख के जाली नोट के लिए इन दिनों पाकिस्तान में छपे जाली नोट के बदले 46 से 50 हजार रुपये देने पड़ते है। इस धंधा में इन दिनों महिलाओं और छात्रों को भी प्रवेश कराया जा रहा है। जाली नोट के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आरबीआई के निर्देश पर इन दिनों ज्यादातर बैंकों के माध्यम से ग्राहकों को जागरुक किया जा रहा है।
क्या कहना है इलाहाबाद बैंक के मुख्य प्रबंधक का
इलाहाबाद सिलीगुड़ी मुख्य ब्रांच के प्रधान प्रबंधक अमन झा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि ग्राहकों के साथ आम लोगों के लिए ये बेहद ही जरूरी है कि वो अपने जेब में रखें 500 और 2000 रुपये के नोटों की जाच सही तरीके से कर लें। उन्होंने बताया किआरबीआई द्वारा जारी इन नोटों के फीचर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आप अपने नोट को ध्यान से देखें और यह सुनिश्चित कर लें कि ये असली नोट ही है। आरबीआई ने भी अपने आधिकारिक वेबसाइट पर इन सभी जानकारियों को विस्तृत तरीके से दिया है। जब अब नोट को करीब 45 डिग्री के एंगल पर पकड़ेंगे तो नोट के बायीं तरफ 2000 अंकों में लिखा होगा। इस नए नोट में नया फीचर जोड़ा गया है। नोट पर देवनागरी स्क्रिप्ट में नोट की वैल्यू लिखी होगी। नोट के बायीं तरफ होगा।
नोट के सेंटर में राष्ट्रपति महात्मा गांधी की पोट्रेट तस्वीर होगी। यह फीचर केवल माइक्त्रोस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है। महात्मा गाधी की तस्वीर के ठीक बाद 2000 लिखा होगा।
महात्मा गाधी की तस्वीर पास विंडो थ्रेड नीले और हरे रंग में बदलता है। दोनों रंगों में यह बदलाव तभी दिखाई देखा देगा जब आप नोट को थोड़ा टेढ़ा करेंगे। असली नोट पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा प्रेषित की गई गारंटी होगी। अगर किसी नोट पर यह नहीं होता है तो उस नोट की कोई वैल्यू नहीं होती है। वर्तमान में आरबीआई गर्वन शक्तिकान्त दास के हस्ताक्षर होगा। यह दो भाषाओं में होता है- हिंदी और अग्रेजी नोट के वाटरमार्क सेक्शन में महात्मा गाधी की एक और तस्वीर होगी। यह नोट के दाईं तरह होगा। नोट के टॉप लेफ्ट सेक्शन में नंबर पैनल पर और दायीं तरफ सबसे नीचे यूनिक कोड होगा. हर नोट पर यह नंबर अलग होता है। नोट की दायीं तरफ रुपये की साइन के साथ नंबर दिया होगा। यह नंबर नोट को टेढ़ा करने पर हरे से नीले रंग में बदलता है। नोट के सबसे दायीं तरफ अशोक स्तम्भ की तस्वीर होगी। नोट पर होरिजोंटल रिक्टेंगल के आकार में 2000 लिखा होगा। इस लिखावट में हल्का उभार होता है ताकि नेत्रहीन लोगों असली और नकली नोट में अंतर समझ सके। 2000 रुपये नोटो की दोनों तरफ बॉर्डर पर सात रेखाएं बनी होती हैं। इसमें भी हल्का उभार होता है ताकि नेत्रहीन लोगों को अंतर समझ में आ सके। नोट के पिछले हिस्से पर बायीं तरफ सबसे नीचे स्वच्छ भारत का निशान और स्लोग प्रिंट होता है। ऐसा ही पांच सौ के नोट पर भी दिया गया है।