नगर निगम चुनाव पर टिकी है सीएम की भी निगाहें
-खुफिया रिपोर्ट के आधार पर बन रही है रणनीति -चुनाव से पहले प्रशासक नियुक्त करने की तैया
-खुफिया रिपोर्ट के आधार पर बन रही है रणनीति
-चुनाव से पहले प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी
-संकेत मिलते ही वाम मोर्चा और कांग्रेस लाल
-हर हाल में नगर निगम पर कब्जा करना चाहती है तृणमूल जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव को लेकर गहमा गहमी बढ़ गई है। हांलाकि अभी तक चुनाव तिथि की घोषणा नहीं हुई है,उसके बाद भी सभी पार्टियों के नेता व पार्षद अपनी अपनी सीटें सुरक्षित रखने के साथ और ज्यादा सीटें जीतने के लिए अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं। राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस भी किसी भी कीमत पर नगर निगम पर कब्जा करना चाहती है। कहते हैं ना दूध का जला मठ्ठा भी फूंक -फूंक कर पीता है,कुछ इसी मुहावरे को सामने रखकर तृणमूल के आला नेता नगर निगम पर कब्जा करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। तृणमूल सूत्रों के अनुसार स्वयं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव पर लगी हुई है। क्योंकि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को सिलीगुड़ी नगर निगम व महकमा परिषद पर पर कब्जा नहीं कर पाने का बड़ा मलाल है। पार्टी के अंदरखाने और प्रशासनिक खेमों से मिल रही जानकारी के अनुसार इस बार राज्य सरकार नगरपालिका चुनाव तीन स्तरों पर कराने का मन बना रही है। चुनाव को लेकर ममता बनर्जी को एक खुफिया रिपोर्ट भी सौंपी गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर तृणमूल सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव पर मंथन कर रही है। इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरा के बाद लिए जाने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि अप्रैल में कोलकाता में चुनाव है। उसके बाद दक्षिण बंगाल के बचे हिस्सों में चुनाव कराने की योजना है। उसके बाद के महीनों में उत्तर बंगाल में तीसरे चरण में नगर निगम चुनाव कराने की तैयारी है। तब तक सिलीगुड़ी नगर निगम की मियाद खत्म हो चुकी होगी। उसके बाद यहां प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी। तब ही सिलीगुड़ी नगर निगम का चुनाव होगा। हालांकि इस संबंध में सत्ताधारी पार्टी के कोई पार्षद या नेता इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। दूसरी ओर मेयर सह सिलीगुड़ी के माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य का कहना है कि यह सरकार विपक्ष को समाप्त करने के लिए कुछ भी कर सकती है। चुनाव टालने की कोशिश भी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो आंदोलन करेंगे। वाम मोर्चा और कांग्रेस नगर निगम चुनाव में वोट लूट को रोकने के लिए जन आंदोलन को तैयार है। कईयों का पत्ता होगा साफ
दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाममोर्चा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के एक से अधिक पार्षदों नगर निगम चुनाव में पत्ता साफ हो सकता है। इनका टिकट कट सकता है। इसके साथ ही कई पार्षदों की सीटें भी बदली जाएगी। इसको लेकर भी सभी पार्टियों के अंदरखाने मंथन जारी है। जहां तृणमूल का लक्ष्य हर हाल में नगर निगम बोर्ड पर कब्जा करना है,वहीं वाम मोर्चा और कांग्रेस का लक्ष्य सत्ताधारी पार्टी के दिग्गज नेताओं को हराने वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की है।
गठबंधन उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए एक ही मंच बनाने की योजना है। कांग्रेस और माकपा के शीर्ष नेता एक ही मंच पर चुनावी भाषण देंगे। वही भाजपा अपनी पूरी ताकत इस चुनाव में लगाएगी। इसके लिए प्रत्याशियों की सूची मांगी जा रही है। लोकसभा चुनाव में मिले वोटों के आधार पर भाजपा रणनीति बनाने में लगी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि हर हाल में नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करेंगे।