भारतीय ट्रकों के बांग्लादेश जाने पर रहस्य कायम
-कटमनी और सिंडिकेट राज के आरोपों ने पकड़ा जोर -आरोपियों ने दी सफाईखराब बोल्डर
-कटमनी और सिंडिकेट राज के आरोपों ने पकड़ा जोर
-आरोपियों ने दी सफाई,खराब बोल्डरों के कारण माग में कमी
-भूटानी ट्रकों की सामान्य रूप से हो रही है आवाजाही
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय बोल्डर लदे ट्रकों को सीमा पार बांग्लादेश जाने पर रोक का मामला एक रहस्य बन गया है। इस घटना से तो एक तरह से तीस्ता और महानंदा नदी के बोल्डरों की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो गया है। दूसरी तरफ फूलबाड़ी ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन ने सिंडिीेट राज व कटमनी के आरोप को खारिज कर समस्या समाधान की ओर पहल करने की बात कही है। संगठन के अध्यक्ष अब्दुल खालेक ने बांग्लादेश के आयात व्यवसाइयों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया है।
सोमवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में फूलबाड़ी ट्रक एसोसिएशन के सदस्य पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। संगठन के अध्यक्ष अब्दुल खालेक ने फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन के आरोपों को निराधार बताया है। साथ ही उन पर लगाए आरोपों को साबित करने की चुनौती भी दी है। उन्होंने बताया कि भूटान के सामने भारतीय बोल्डर की गुणवत्ता काफी निम्न है। इसलिए बांग्लादेश के आयात व्यापारियों ने भारतीय बोल्डर की मांग को कम कर दिया है। जिसकी वजह से पहले काफी कम भारतीय बोल्डर लदे ट्रक बांग्लादेश जा रहे हैं। भारतीय ट्रकों को रोके जाने में उनका व उनके संगठन का कोई हाथ नहीं है। बल्कि पार्किंग व भार मापने व सीएनएफ के लिए जितनी रकम भूटान के ट्रकों स ेली जाती है, उतनी ही भारतीय ट्रकों से भी। अधिक उगाही, कटमनी व सिंडिकेट राज का आरोप पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने आगे बताया कि भारतीय बोल्डर की मांग कमने पर फूलबाड़ी ट्रक एसोसिएशन की ओर से समाधान की पहल की गई। बांग्लादेश के बोल्डर आयात करने वाले व्यापारियों के साथ बैठक की गई। बांग्लादेश के व्यापारियों का कहना है कि भूटान के मुकाबले भारतीय बोल्डर की गुणवत्ता निम्न स्तर की है। इसी वजह से मांग में कमी आई है। यहां बता दें कि भूटान के निर्यात व्यापारी ट्रकों में तोर्षा नदी से बोल्डर लादते हैं। जबकि भारतीय व्यापारी तीस्ता व महानंदा के बोल्डर को बांग्लादेश निर्यात करते हैं। गुणवत्ता के आधार पर तीस्ता और महानंदा के बोल्डरों की कीमत में भी फर्क हैं। भूटान के मुकाबले तीस्ता और महानंदा के बोल्डरों की कीमत काफी कम है। बांग्लादेश को भारतीय बोल्डर निर्यात में कमी आने से भारत के व्यापारी, ट्रक मालिक व चालक,खलासी परेशान हैं।