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शहर में ई-रिक्शा से सुविधा कम मुसीबत ज्यादा

सिलीगुड़ी शहर में सुविधा के नाम पर सीनाजोरी कर ई-रिक्शा यानि टोटो चालक फर्राटा भर रहे हैं। इसपर लगाम लगाने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट और परिवहन विभाग ने निर्देश भी जारी किया है। इसके बावजूद इसपर लगाम लगाना प्रशासन के लिए आसान नहीं हो पा रहा है। कहते है कि इसके पीछे कुछ सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त है। अभी भी अधिकांश ई रिक्शों का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। टोटो चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने से ट्रैफिक पुलिस कोई जुर्माना भी नहीं कर पाती। ये बिना रोड टैक्स दिए पूरे शहर में चक्कर लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 02:02 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 02:02 PM (IST)
शहर में ई-रिक्शा से सुविधा कम मुसीबत ज्यादा
शहर में ई-रिक्शा से सुविधा कम मुसीबत ज्यादा

- आए दिन यात्रियों के साथ होती है तू-तू मैं-मैं

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-हाईकोर्ट और परिवहन विभाग के निर्देश का कोई असर नहीं

-नाबालिग भी बन गए चालक,दुर्घटनाओं की बढ़ी आशंका

-लाइसेंस नहीं होने के कारण जुर्माना नहीं लगा पाती पुलिस जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर में सुविधा के नाम पर सीनाजोरी कर ई-रिक्शा यानि टोटो चालक फर्राटा भर रहे हैं। इसपर लगाम लगाने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट और परिवहन विभाग ने निर्देश भी जारी किया है। इसके बावजूद इसपर लगाम लगाना प्रशासन के लिए आसान नहीं हो पा रहा है। कहते है कि इसके पीछे कुछ सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त है। अभी भी अधिकांश ई रिक्शों का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। टोटो चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने से ट्रैफिक पुलिस कोई जुर्माना भी नहीं कर पाती। ये बिना रोड टैक्स दिए पूरे शहर में चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे ई-रिक्शा का शहर में संचालन लगभग तीन साल पहले शुरू हुआ था। लेकिन इस साल ई-रिक्शा में इस कदर बाढ़ आ गई कि अब लोगों के लिए यह सुविधा की जगह समस्या है। विधान मार्केट, सेवक रोड, हिलकार्ट रोड, कोर्ट मोड़, एनजेपी आदि क्षेत्रों में कतार में रेला लगाकर चलने वाले ई-रिक्शा लोगों की राह रोक दे रहे हैं। शहर में चारों तरफ जाम की वजह भी यही हैं। इनका कोई रूट निर्धारित नहीं है, पूरे शहर में फर्राटा भर रहे हैं। 32 सौ ई-रिक्शा चालक ने अपना पंजीकरण एआरटीओ दफ्तर में कराया है। अधिकाश रिक्शा चालकों के पास ड्राइविग लाइसेंस नहीं है। नाबालिग भी यह रिक्शा चला रहे हैं। तय नहीं रहता कि कब किस तरफ रिक्शा मोड़ देंगे। आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। खास बात यह है कि एआरटीओ, जिला और पुलिस प्रशासन को यह मालूम है कि यह ई-रिक्शा अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं, फिर भी उन पर अंकुश लगाने के लिए उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लापरवाही जिस भी विभाग की ओर से बरती जा रही हो, पर भुगतना तो आम आदमी को पड़ रहा है। हद तो यह है कि स्वयं उप मेयर भी जाम की समस्या से लोगों को जूझने की बात करते है। उनका कहना है कि इस संबंध में पुलिस आयुक्त को पत्र भी लिखा है। कुछ कार्रवाई हुई है परंतु अभी भी लोगों की परेशानी बनी हुई है।


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