डीआरएम कार्यालय का घेराव
-रेलवे के निजीकरण का किया विरोध -17 सूत्री मांगों के समर्थन में सौंपा
फोटो-राजेश-10
-रेलवे के निजीकरण का किया विरोध
-17 सूत्री मांगों के समर्थन में सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश बंद करने, नई पेंशन नीति वापस लेने आदि की मांग में बुधवार को एनएफ रेलवे मजदूर यूनियन की ओर से सभी डिवीजन मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया गया। इसी क्रम में काफी संख्या में संगठन के सदस्यों ने कटिहार स्थित डीआरएम कार्यालय के समक्ष भी विरोध प्रदर्शन किया। उसके बाद 17 सूत्री मांगों के संबंध में डीआरएम के माध्यम से एनएफ रेलवे के जीएम को ज्ञापन सौंपा। एनएफ रेलवे मजदूर यूनियन के सहायक महासचिव मनोज सिंह ने सिलीगुड़ी में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू सातवें वेतन आयोग से रेलवे कर्मचारियों में काफी नाराजगी है। जबकि समस्या के समाधान के लिए रेलमंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे को पूरी तरह से निजीकरण की ओर ले जाने की कोशिश हो रही है। रेलवे के विभिन्न सेक्टरों में आउट सोर्सिग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नई पेंशन नीति वापस लेकर पुरानी पेंशन नीति फिर से लागू की जानी चाहिए। उनका कहना कि गेटमैन की ड्यूटी का समय 12 घंटे से घटाकर आठ घंटे होना चाहिए। पेट्रोलमैन की रात्रि ड्यूटी सप्ताह में दो रात से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। महिला कर्मचारियों को अलग से टिफिन व ड्रेस चेजिंग रूम की व्यवस्था की जानी चाहिए। सेफ्टी कटेगरी के कर्मचारियों को हार्ड ड्यूटी अलाउंस दिया जाना चाहिए। रेलवे के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए। रेलवे क्वार्टरों की मरम्मत कराते हुए जलापूर्ति व्यवस्था बेहतर की जानी चाहिए। उनका कहना था कि वर्ष 2015 से रेलवे रनिंग स्टाफ ओवर टाइम अलाउंस बाकी है, इसे जल्द से जल्द से जारी किया जाना चाहिए।