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दूसरे दिन भी झमाझम बारिश से सिलीगुड़ी शहर सराबोर

-कई इलाकों में जल जमावलोगों को भारी परेशानी -महानंदा नदी में पानी बढ़ने से बांध को

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 08:17 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 08:17 PM (IST)
दूसरे दिन भी झमाझम बारिश से सिलीगुड़ी शहर सराबोर
दूसरे दिन भी झमाझम बारिश से सिलीगुड़ी शहर सराबोर

-कई इलाकों में जल जमाव,लोगों को भारी परेशानी

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-महानंदा नदी में पानी बढ़ने से बांध को नुकसान

-नदी किनारे बने कई घर भी पानी में समाहित

- समर नगर तथा भूपेंद्र नगर के लोगों में आतंक

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कल से ही जारी मुसलाधार बारिश से परेशान लोगों को बृहस्पतिवार को भी राहत नहीं मिली। शहर तथा इसके आसपास के इलाकों में दिन भर झमाझम बारिश होती रही। दूसरे दिन भी शहर में जन-जीवन पर भारी प्रभाव पड़ा। शहर में बंद जैसा नजारा देखने को मिला। बाजार-हाट में लोगों की भीड़ नहीं के बराबर थी। सड़को पर वाहनों की आवाजाही भी कम रही। ऐसे भी बारिश के कारण पहाड़ पर कई स्थानों पर भू-स्खलन की घटना हुई है। सिलीगुड़ी-सिक्किम सड़क भी बंद है। जिसके कारण पहाड़ से वाहनों की आवाजाही नहीं के बराबर हुई। सिक्किम जाने वाली गाड़ियां दार्जिलिंग होकर चल रही है। दूसरी ओर भारी बारिश से सिलीगुड़ी नगर निगम समेत महकमे के निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति जहां-तहां बनी हुई है। सिलीगुड़ी नगर निगम के अधिकांश वार्ड जलमग्न हो गए। इसके अलावा नक्सलबाड़ी,बागडोगरा,फांसीदेवा,खोरीबाड़ी,माटीगाड़ा आदि इलाके में भी जल जमाव की खबर है। नक्सलबाड़ी के बीडीओ बापी धर का कहना है कि गयाराम जोत,मनीराम जोत आदि इलाकों में जल जमाव की स्थिति है। वहां राहत का काम जारी है। दूसरी ओर भारी बारिश से महानंदा नदी के जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हुई। इससे चंपासारी के निकट समरनगर में नदी का बांध क्षतिग्रस्त हो गया। इस बात की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों को मिली लोग आतंकित हो गए। हांलाकि खतरे जैसी स्थिति उत्पन्न नहीें हुई। फिर भी लोगों के मन में आतंक है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि दो महीने पहले ही बांध का निर्माण हुआ है। पहली ही बारिश में इसका क्षतिग्रस्त होना चिंता का विषय है। इसके अलावा महानंदा नदी ने सिलीगुड़ी नगर निगम के अधीन 42 नंबर वार्ड के भूपेंद्र नगर इलाके में ही कहर बरपाया है। मिली जानकारी के अनुसार नदी किनारे बने कई कच्चे घर महानंदा नदी में समा गए। इस इलाके के लोग भी आतंकित हैं। जबकि प्रशासन का कहना है कि यह लोग नदी किनारे अवैध रूप से बसे हैं।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को पिछले 24 घंटे के अंदर 113.02 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। हांलाकि महानंदा नदी खतरे के निशान से अभी नीचे बह रही है। उसके बाद भी इस नदी ने समर नगर तथा भूपेंद्र नगर इलाके में तबाही मचाई है। सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने बताया कि बारिश की स्थिति पर लगातार नजर है। बारिश की वजह से कहीं से किसी तरह गंभीर समस्या सामने नहीं आई है। हर क्षेत्र की खोज-खबर ली जा रही है। उन्होंने कहा कि बारिश रुकने के साथ ही पानी निकल जा रहा है। आपातकालीन स्थिति के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम में स्थापित कंट्रोल रूम लगातार काम कर रहा है।

वहीं सिलीगुड़ी महकमा शासक शिराज दानेश्वर का भी कहना है कि बारिश की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सेवक स्थित तीस्ता के पास भू-स्खलन हुआ है। सड़क परी से मिट्टी व पत्थर हटाने का काम चल रहा है। मौसम विभाग से मिली चेतावनी के अनुसार हमलोगों ने पूरी तैयारी की है। आपातकालीन स्थिति के लिए दो नाव, तिरपाल, खाद्य सामग्री तैयार है। जरूरत पड़ी तो इसका उपयोग किया जाएगा। हालांकि अभी कोई गंभीर स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि काफी लोग नदी किनारे अवैध रूप से बसे हैं। नोटिस दिए जाने के बाद भी नहीं हट रहे हैं। बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर उन्हें सहयोग करना मुश्किल होगा। महकमा शासक ने कहा कि बालासन व पंचनई नदी के के किनारे अवैध रूप से बसे लोगों को हर हाल में वहां से हटाया जाएगा। करीब 250 पर्यटक भी परेशान

भारी बारिश के कारण सिलीगुड़ी आए करीब ढाई सौ पर्यटक भी काफी परेशान रहे। ये ऐसे पर्यटक हैं जो सिक्किम घूमने आए थे। सेवक में भू-स्खलन के कारण सड़क बंद है। ये पर्यटक दोपहर बाद तक सिलीगुड़ी में ही फंसे रहे। बाद में इनको दार्जिलिंग और डुवार्स की ओर भेजा गया। टूर ऑपरेटरों के संगठन के अध्यक्ष सम्राट सान्याल ने बताया है अभी ऑफ सीजन है। इसलिए अधिक संख्या में पर्यटक नहीं आए हैं। करीब दो सौ से ढ़ाई सौ पर्यटक होंगे जो सिक्किम के लिए आए थे। इनको दार्जिलिंग तथा डुवार्स ले जाने की व्यवस्था की गई है।


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