बजट बहस में भारी हंगामा, विपक्ष ने किया वॉकआउट
नगर निगम में सोमवार को बजट बहस बहुत हंगामेदार हुई। चेयरमैन दिलीप सिंह व मेयर अशोक नारायण भटटाचार्य समेत पक्ष विपक्ष के सारे पार्षद मौजूद रहे। इस दौरान जमकर बहस हुई।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
नगर निगम में सोमवार को बजट बहस बहुत हंगामेदार हुई। चेयरमैन दिलीप सिंह व मेयर अशोक भट्टाचार्य समेत पक्ष विपक्ष के सारे पार्षद मौजूद रहे। केवल कांग्रेसी पार्षद नहीं आए। बजट बहस में पक्ष-विपक्ष की बीच खूब वाक्य युद्ध हुआ। एक-दूसरे पर शब्दों के बाण खूब चलाए और कीचड़ उछाले गए।
बजट पर बहस में अपना वक्तव्य रखते हुए विपक्ष के तृणमूल कांग्रेस के पार्षद रंजनशील शर्मा ने कटाक्ष किया कि 'मेयर की उम्र हो गई है इसीलिए वह नगर निगम संभाल नहीं पा रहे हैं'। इस पर सत्तारूढ़ माकपा के पार्षदों ने आपत्ति जताई। हरेक माकपा पार्षद ने बजट बहस में अपनी बारी के वक्तव्य में मेयर की उम्र संबंधी तृणमूल पार्षद की टिप्पणी को आड़े हाथों लिया।
ऐसे गरमाया मामला
यह मामला तब ज्यादा गरमा गया जब नगर निगम के लोक निर्माण विभाग के मेयर परिषद सदस्य (एमएमआइसी) मुंशी नूरुल इस्लाम के वक्तव्य की बारी आई। अपना वक्तव्य रखते हुए उन्होंने जहां बजट को दूरदर्शी व लोक कल्याणकारी बताया वहीं मेयर अशोक भट्टाचार्य को सिलीगुड़ी शहर का निर्माता करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान में सिलीगुड़ी की बदहाली के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि 'सिलीगुड़ी को तिल-तिल कर जिसने बनाया वह हैं अशोक भट्टाचार्य और जिसने इसका विध्वंस किया वह हैं ममता बनर्जी'। बस, इसी पर विपक्ष के तृणमूल कांग्रेस के पार्षद भड़क उठे। उन्होंने मुंशी नूरुल इस्लाम से यह टिप्पणी वापस लिए जाने की मांग की।
एक-दूसरे के आगे अड़ा पक्ष-विपक्ष
अपने कहे पर मुंशी नूरुल इस्लाम भी अड़ गए। उन्होंने कहा कि वह अपनी बात पर कायम रहेंगे। राज्य की ममता सरकार ने नगर निगम के साथ घोर पक्षपात किया है। कोई राशि नहीं दी है। शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने राज्य के नगर निगम व पालिकाओं के लिए 176 योजनाएं बनाई मगर उसमें से एक भी सिलीगुड़ी को नहीं दी। तो, कैसे न कहूं कि ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी विध्वंस किया?
मेयर की 'उम्र' पर रार
उसी दौरान अन्य माकपाई पार्षद इस बात पर हंगामा करने लगे कि तृणमूल पार्षद ने मेयर की उम्र पर टिप्पणी क्यों की। तो, संबंधित तृणमूल कांग्रेस पार्षद रंजनशील शर्मा ने जवाब दिया कि उन्होंने कोई गलत टिप्पणी नहीं की। मेयर की उम्र वास्तव में बहुत हो गई है। उन्हें अब नगर निगम छोड़ देना चाहिए। उनसे संभल नहीं रहा। इस पर दोनों पक्षों में जबरदस्त हंगामा मचा। तब, रंजनशील शर्मा ने यह भी उपहास उड़ाया कि 'ठीक है.. मेयर की उम्र 18 साल है.. अब खुश?!'
नारेबाजी करते निकल गया विपक्ष
इस पूरे हंगामे को लेकर नगर निगम के विपक्ष के नेता व तृणमूल कांग्रेस नेता रंजन सरकार ने कहा कि सत्ता पक्ष जान-बूझ का आपत्तिजनक बातें कह रहा है ताकि हम चले जाएं और वे पिछले दरवाजे से बजट पास कर लें जो कि गैर गणतांत्रिक है। उन्होंने बजट को अव्यवहारिक व जनहित विरोधी करार दिया। नगर निगम बोर्ड को पूरी तरह नकारा करार देते हुए मेयर अशोक भट्टाचार्य व लोकनिर्माण विभाग के एमएमआईसी मुंशी नूरुल इस्लाम के पद त्याग की मांग की। इसे लेकर जम कर नारेबाजी करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सभी पार्षद वॉक आउट कर गए।
ऐसे पारित हुआ बजट
हो-हंगामे के बाद बजट बहस का दूसरा सत्र आयोजित हुआ। इसमें माकपा नीत वाममोर्चा के 22 एवं भाजपा के दो पार्षदों की ही मौजूदगी रही। कांग्रेस के पार्षद इस दिन अनुपस्थित रहे। अंत में बहुमत से बजट पास हो गया।
उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को मेयर अशोक भट्टाचार्य ने 4,29,97,38,000 रुपये का बजट पेश किया था जो कि 13.97 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। पक्ष ने जहां दावा किया है कि यह बजट दूरदर्शी व लोक कल्याणकारी है वहीं विपक्ष ने इसे बेकार बजट करार दिया है। विपक्ष के नेता रंजन सरकार ने कहा कि 144 करोड़ से एकबारगी 430 करोड़ का बजट पूरी तरह अव्यवहारिक है। नगर निगम अनियंत्रित म्यूटेशन फीस वसूल रहा है। यह बजट जनहित विरोधी है। इस पर लोकनिर्माण विभाग के एमएमआईसी मुंशी नूरुल इस्लाम ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर के विशेषज्ञ सिलीगुड़ी के विकास का विजन 2030 तैयार करेंगे। प्रदूषण मुक्त करने के लिए महानंदा नदी को गंगा बेसिन से जोड़ा जाएगा। कोई नया कर नहीं बढ़ाया गया है। म्यूटेशन फीस नियमों के दायरे में ही लिए जा रहे हैं। जनहित का पूरा ध्यान रखा गया है। यह बड़ा दूरदर्शी बजट है।