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बयराकाली मंदिर में होती है भक्तों की मन्नते पूरी

-तत्कालीन थाना प्रभारी ने जर्जर मंदिर को भव्य मंदिर बनाकर काली भक्तों को सौंपा था -प्रत्येक

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 08:36 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 06:37 AM (IST)
बयराकाली मंदिर में होती है भक्तों की मन्नते पूरी
बयराकाली मंदिर में होती है भक्तों की मन्नते पूरी

-तत्कालीन थाना प्रभारी ने जर्जर मंदिर को भव्य मंदिर बनाकर काली भक्तों को सौंपा था

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-प्रत्येक शनिवार व मंगलवार को दी जाती है बकरी की बलि

-लाखों के आभूषणों से होता है मां काली का श्रृंगार, काली पूजा के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात किए जाते है पुलिस बल संवाद सूत्र, कालियागंज : ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कालियागंज शहर का बयराकाली मंदिर भक्तों में काफी लोकप्रिय हैं। यह मंदिर पूरे उत्तर बंगाल में काफी विशेष स्थान रखता है।यहा हर रोज मा काली की पूजा के लिए दूरदराज से काफी संख्या में लोग आते हैं।इस मंदिर में विशेषकर प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को मा की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।भक्तों की मन्नतें पूरी होने पर यहा मा काली को बकरे की बलि चढ़ाते है।

मालूम हो कि यहा काली पूजा में मा की पूजा भव्य रूप से की जाती है।इस दौरान 700 से 800 से अधिक बकरे की बलि दी जाती है,इसके अलावा कबूतरों की भी बलि दी जाती है,जिसका पंजीकृत पहले हो जाता है।मालूम हो की रविवार को होने वाली इस पूजा को लेकर अंतिम तैयारिया पूरी कर ली गई है।

गौरतलब है की काली पूजा के अवसर पर मा की प्रतिमा को सोने के जेबरातों से सजाया जाता है।इस दौरान मा के गहनों और लोगों की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाता है।इस बार भी सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनाती की जाएगी।मालूम हो की काली पूजा के अवसर पर कोलकाता,बर्दवान,सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी,कूचबिहार,अलीपुरद्वार,कटिहार,पूर्णिया,बालूरघाट,किशनगंज समेत निकटवर्ती बिहार के लोग यहा आकर मा की पूजा और मेले में सम्मिलित होते है।

इस मंदिर के इतिहास के बारे में मंदिर कमेटी के सचिव ने बताया कि 1948 में कालियगंज थाना के तत्कालीन प्रभारी निजामुद्दीन हक चौधरी ने इस मंदिर को जीर्ण शीर्ण अवस्था में देखा था। वें मा काली के बहुत बड़े भक्त थे। वें कहीं भी जाते मा के दर्शन करके जाते।उनके द्वारा मा के दर्शन कर कहीं भी जाने पर उनका हर काम सफल हो जाता था। इसके बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया। इस तरह मंदिर धीरे-धीरे आसपास के क्षेत्रों के अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्ध हो गया। वर्तमान में लोगों की आस्था इतनी बढ़ गई है स्थानीय ईलाके के लोग किसी मागलिक कार्य को करने से पहले मा काली के मंदिर में पूजा करते हैं। मा काली के विषय में कालियागंज नगर पालिका अध्यक्ष कार्तिक पाल ने बताया यहा जो लोग मा के सच्चे मन से मन्नतें मागते हैं उनकी मुरादे अवश्य पूरी होती है। इधर यहा पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है।लोग मा की पूजा को लेकर घरों को भी सजाने संवारने में लगे हुए है। लोगों का कहना है कि हम लोगों को काली पूजा का साल भर इंतजार रहता है,इस दिन लोगों की खुशी देखते ही बनती है। लोग नए नए कपड़े पहन कर मा की आराधना में जुट जाते हैं।इस अवसर पर यहा मेला जैसा दृश्य रहता है।

कैप्शन : काली पूजा पर सजा हुआ बयराकाली मंदिर


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